महात्मा गांधी और दलाई को ‘टाइम पत्रिका’ ने दुनिया के 25 सबसे बड़े नेताओं की सूची में रखा.


महात्मा गांधी और दलाई को ‘टाइम पत्रिका’ ने दुनिया के 25 सबसे बड़े नेताओं की सूची में रखा.

यह सूची रविवार को जारी की गई. पत्रिका में गांधी को मोहनदास गांधी लिखा गया है और कहा गया है कि ब्रिटिश राज में अपने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के कारण गांधी भारतीय आजादी की लड़ाई का प्राण तत्व बन गए.

उनके उदय ने 1947 में भारत की आजादी की जमीन तैयार की.

इसमें कहा गया है कि यद्यपि देश का विभाजन हो गया और गांधी की हत्या हो गई, लेकिन उनके दिखाए रास्ते पर दूसरे देशों में भी सामाजिक आंदोलन हुए. उनमें अमरिका का नागरिक अधिकार आंदोलन भी एक था.

टाइम द्वारा दुनिया के 25 सबसे बड़े नेताओं की सूची में : महात्मा गांधी, अलेक्जेंडर दि ग्रेट, माओ त्से तुंग, विंस्टन चर्चिल, चंगेज खां, नेल्सन मंडेला, अब्राहम लिंकन, एडॉल्फ हिटलर, अर्नेस्टो चे ग्वेरा, रोनाल्ड रीगन, क्लियोपैट्रा, फ्रैंकलिन रुजवेल्ट, दलाई लामा, महारानी विक्टोरिया, बेनिटो मुसोलिनी, अकबर महान, लेनिन, मारग्रेट थैचर, सिमॉन बॉलिवर, क्वि न शी हुआंग, किम-2 संग, चार्ल्स डि गॉल, लुई-14वां, हेली सेलासी, किंग रिचर्ड दि लायन हर्ट और सलादिन शामिल हैं.

दलाई लामा के बारे में पत्रिका में कहा गया है कि वे सिर्फ तिब्बतियों के अधिकारों और बौद्ध शिक्षा के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में धार्मिक सहिष्णुता और शांति के सबसे बड़े प्रवक्ता हैं.

तिब्बत के असंख्य लोग उन्हें धार्मिक गुरु और राज्य के अनुपस्थित प्रमुख मानते हैं. उन्होंने 1959 में निर्वासन के बाद और पहले वषों तक चीन और तिब्बत के बीच तनाव दूर करने की कोशिश की है.

वे भी महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग की तरह अहिंसा और सहिष्णुता के रास्ते पर चलने वाले हैं.

पत्रिका में कहा गया है कि अपनी नम्रता के कारण वे दुनिया भर में राजनीतिक और धार्मिक नेताओं के प्रिय हैं. इसका फायदा उन्हें तिब्बतियों के संघर्ष में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हासिल करने में भी मिलता है.

दलाई लामा को चीन अलगाववादी मानता है. उन्होंने 1959 में तिब्बत छोड़ दी और धर्मशाला में तिब्बतियों की निर्वासित सरकार की स्थापना की है.

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