पंडोह बांध में जलक्रीड़ा केन्द्र विकसित करने की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा




मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार चमेरा-1 बांध जलाशय, जिसे हाल ही में पर्यटकों के लिए लोकार्पित किया गया, की तर्ज पर महाराणा प्रताप सागर (पौंग बांध), गोबिन्दसागर तथा पंडोह बांध में जलक्रीड़ा केन्द्र विकसित करने की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री आज धर्मशाला के मिनी सचिवालय में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड की चैथी बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जलविद्युत परियोजना बांधों में साहसिक खेल गतिविधियों की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं, जिनके माध्यम से बड़ी संख्या में साहसिक खेल प्रेमियों को आकर्षित किया जा सकता है। पौंग बांध जलाशय में 40 किलोमीटर तक स्वच्छ पानी है। जबकि गोबिन्दसागर में भी इसी प्रकार की क्षमता मौजूद है। तलेड़ू जलक्रीड़ा परिसर सार्वजनिक निजी भागीदारी का एक ताज़ा उदाहरण है, जहां मोटरबोट एवं सम्बद्ध गुणात्मक अधोसंरचना के लिए प्रदेश सरकार ने 76.37 करोड़ रुपये निवेश किए, जबकि निजी क्षेत्र में भी 70 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। इसके अतिरिक्त डीआरडीए द्वारा ग्रामीण हाट के लिए बिक्री केन्द्रों का भी निर्माण किया गया, जहां स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। मनाली के सोलंग नाला में निजी क्षेत्र में रोप-वे का निर्माण भी प्रदेश में गुणात्मक पर्यटन विकास अधोसंरचना की दिशा में निजी भागीदारी का एक अन्य उदाहरण है।

प्रो. धूमल ने कहा कि पर्यटन विकास अधोसंरचना परियोजना के लिए एशियन विकास बैंक द्वारा 428.22 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसके अंतर्गत राज्य का हिस्सा 128.47 करोड़ रुपये होगा। इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने विभिन्न सर्किटों एवं पर्यटक स्थलों के अंतर्गत 58.38 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भारत सरकार को 50 करोड़ रुपये के कुल्लू-मनाली मेगा सर्किट के एकीकृत विकास, 14 करोड़ रुपये के आतिथ्य पाठ्यक्रमों को शामिल करने तथा 53 लाख रुपये की लागत से प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को कार्यान्वित करने के लिए प्रस्ताव स्वीकृति के लिए प्रेषित किए हैं। शिमला जिले के कुफरी तथा नालदेहरा, चंबा जिले के डलहौज़ी एवं खजियार में पर्यटन विकास परिषदें स्थापित की गयी हैं तथा धर्मशाला एवं मैकलोडगंज में शीघ्र ही इन परिषदों का गठन किया जाएगा। परिषदों को संबंधित क्षेत्रों में पर्यटन अधोसंरचना विकास के लिए आय सृजन पर व्यय करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार श्री आनंदपुर साहिब को श्री नयना देवी जी, कांगड़ा जिले में धर्मकोट को धर्मशाला के निकट त्रियूण्ड तथा पालमपुर को न्यूंगल से जोड़ने, कुल्लू जिले में पलचान से रोहतांग तथा भुंतर से बिजली महादेव, शाहतलाई से दियोट्सिद्ध तथा शिमला जिले में जाखू में रोप-वे के निर्माण प्रस्तावित हैं। इनके निर्माण से प्रदेश में पर्यटन विकास गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में दूरदराज क्षेत्रों तक

जाने के लिए हैली टैक्सी सेवा आरंभ की गयी है। होटल उद्योग के लिए आतिथ्य सत्कार व्यवसायी उपलब्ध करवाने के लिए हमीरपुर में होटल प्रबन्धन संस्थान और धर्मशाला में के लिए फूड क्राॅफ्ट संस्थान खोले गये हंै।

मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर तीन प्रख्यात राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने पर बधाई दी तथा कहा कि इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि गत वर्ष प्रदेश की जनसंख्या से दुगुने 1.32 करोड़ पर्यटकों ने प्रदेश का भ्रमण किया, जोकि एक रिकार्ड है। विश्व भर के पर्यटकों के लिए हिमाचल प्रदेश सुरक्षित एवं पसंदीदा पर्यटक स्थल बनकर उभरा है।

प्रधान सचिव पर्यटन श्रीमती मनीषा नंदा ने मुख्यमंत्री तथा बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों का स्वागत किया तथा कहा कि पहली बार धर्मशाला में बोर्ड की बैठक आयोजित हुई है। गैर सरकारी सदस्यों को प्रतिनिधित्व देने के प्रभावी प्रयास किए गए हैं, जिन्होंने विभिन्न तरीकों से पर्यटन विकास में अपना पूर्ण योगदान दिया है।

निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन डाॅ. अरुण शर्मा ने विभाग की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी तथा कहा कि आधुनिक प्रचार तकनीक के उपयोग से पर्यटन क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए गए हैं। राज्य ने दुबई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पर्यटन उत्सव तथा मकाऊ के पाटा में भाग लिया तथा इस वित्त वर्ष में 26 पर्यटन उत्सवों में भाग लिया। दिल्ली तथा बंगलौर में रोड शो भी आयोजित किए गए, जहां बड़ी संख्या में पर्यटकों ने हिमाचल भ्रमण की इच्छा जाहिर की। विख्यात फिल्म अभिनेत्री सुश्री प्रीति जिंटा ने राज्य के पर्यटन विकास के लिए ब्राॅण्ड ऐम्बेसेडर के तौर पर कार्य करने की सहमति व्यक्त की है। उन्होंने बोर्ड को विभाग द्वारा कार्यान्वित की गयी विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।

गैर सरकारी सदस्यों ने भी इस अवसर पर पर्यटन क्षेत्र में उनके अनुभवों के आधार पर अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए।

मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सरोजनी गंजू ठाकुर, प्रधान सचिव वन श्री एस. राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री भीमसेन, प्रधान सचिव प्रशासनिक सुधार श्री टी.जी. नेगी, प्रधान सचिव लोक निर्माण डाॅ. पी.सी. कपूर, प्रधान सचिव ऊर्जा श्री दीपक सानन, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री वी.सी. फारका, प्रधान सचिव वित्त श्री अजय त्यागी, प्रबन्ध निदेशक हि.प्र. पर्यटन विकास निगम श्री विनीत कुमार तथा बोर्ड के गैर सरकारी सदस्य भी बैठक में उपस्थित थे।

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