लखनऊ में पश्चिम बंगाल विधानसभा की झलक

लखनऊ में पश्चिम बंगाल विधानसभा की झलक   
अरविंद मिश्रा

लखनऊ, 2 अक्टूबर। इस वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान राजधानी लखनऊ के निवासी कोलकाता गए बगैर ही पश्चिम बंगाल विधानसभा की झलक देख सकते हैं। लखनऊ वासियों को यह मौका मुहैया कराया है आशियाना दुर्गा पूजा समिति ने।

आशियाना दुर्गा पूजा समिति ने इस बार अपने पंडाल को कोलकाता स्थित पश्चिम बंगाल विधानसभा भवन का रूप दिया है।

समिति के अध्यक्ष आशीष चटर्जी ने आईएएनएस से कहा, "दुर्गा पूजा मुख्यतौर पर पश्चिम बंगाल का उत्सव है। पंडाल को विधानसभा का रूप देने का हमारा मकसद दुर्गा पूजा के दौरान यहां पश्चिम बंगाल के माहौल को लखनऊ में जीवंत करना है। जब लोग पंडाल के पास आएं और इसमें प्रवेश करें तो उन्हें लगे कि वह लखनऊ में नहीं, बल्कि कोलकाता में हैं।"

चटर्जी ने बताया, "पश्चिम बंगाल के शांतिपुर से आए कलाकारों ने पंडाल को तैयार किया है। इन पेशेवर कलाकारों ने 10 दिनों में दिन-रात काम करके विधानसभा की प्रतिकृति तैयार की है।"

यहां बनाई गई विधानसभा की प्रतिकृति लगभग 50 फुट ऊंची, 100 फुट लंम्बी और 80 फुट चौड़ी है। इसे तैयार करने में करीब सात लाख रुपये खर्च हुए हैं।

समिति के पदाधिकारियों के अनुसार तीन अक्टूबर से इस खास पंडाल में विधिवत पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी। इसे आम जनता के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। पंडाल में मां दुर्गा की पूजा करने के साथ ही लोगों को पश्चिम बंगाल विधानसभा के इतिहास और वहां की प्रमुख हस्तियों के बारे में जानकारी हासिल करने के अवसर भी सुलभ होंगे।

चटर्जी ने कहा, "पूजा पंडाल में आने वालों को हम पश्चिम बंगाल और वहां की विधानसभा के इतिहास के बारे में जानकारी देने के साथ ही विश्व पटल पर बंगाल का नाम रोशन करने वाली हस्तियों, जैसे-रवींद्रनाथ टैगोर, साहित्यकार महाश्वेता देवी के बारे में भी जानकारी देंगे।"

पिछले लगभग 15 साल से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रही आशियाना दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक पांच अक्टूबर तक पंडाल में दुर्गा मां की पूजा-अर्चना होगी और छह अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन होगा।

भट्टराई की भारत यात्रा की जमीन तैयार    
सुदेशना सरकार

काठमांडू, 3 अक्टूबर । नेपाल के माओवादी प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई इस महीने भारत यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री के रूप में उनकी यह पहली भारत यात्रा होगी। यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र रहे भट्टराई को अगस्त में देश का 35वां प्रधानमंत्री चुना गया। भट्टराई के प्रधानमंत्री चुने जाने पर भारत सहित अन्य विदेशी सरकारों ने उन्हें बधाई दी थी।

भट्टराई के प्रारिम्भक यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक वह 21 अक्टूबर से चार दिनों तक नई दिल्ली की यात्रा पर रहेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक भट्टराई ने अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह के साथ अपनी इस यात्रा के बारे में बातचीत की है। दोनों नेता पिछले महीने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 66वें अधिवेशन से इतर द्विपक्षीय वार्ता की।

काठमांडू में पत्रकारों के साथ बातचीत में भट्टराई ने कहा कि उनकी सरकार भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय करारों जैसे स्थायी राष्ट्रीय हित के मुद्दों को नहीं उठाएगी बल्कि वर्तमान मुद्दे उसके केंद्र में होंगे।

यात्रा के एजेंडे में बिजली का मुद्दा प्रमुखता से शामिल होगा। नेपाल का मानना है कि ठंड के मौसम में देश को बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ेगा क्योंकि इस मौसम में बिजली उत्पादित करने वाली उसकी प्रमुख नदी कुलेखानी सूखने लगती है।

इसे देखते हुए भट्टराई सरकार भारत से कम से कम 200 मेगावाट बिजली के निर्यात की मांग करेगी। इसके अलावा वह भारत और नेपाल के बीच विद्युत पारेषण लाइन स्थापित करने और पहले से मौजूद लाइन की मरम्मत करने के काम में तेजी लाने के लिए भी कहेगी।

यात्रा के दौरान भारत के साथ बढ़ता व्यापार घाटा भी महत्वपूर्ण मुद्दों में शामिल होगा। वित्तीय वर्ष 2010-11 में भारत का नेपाल के साथ व्यापार पिछले वर्ष की तुलना में 23.22 फीसदी बढ़कर 218.28 अरब नेपाली रुपये तक पहुंच गया है।

पाकिस्तानी ने लहू से बनाई गांधी की तस्वीर    

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर रविवार को एक पाकिस्तानी चित्रकार अब्दुल वसील ने अपने लहू से बनाई गांधीजी की तस्वीर यहां के गांधी दर्शन संग्रहालय में भेंट की।

लाहौर के रहने वाले वसील यहां गांधीजी को श्रद्धांजलि देने आए हैं। उन्होंने कहा, "मैं सोचता हूं कि दोनों देशों के लोगों से कहने का यह बेहतर जरिया है कि इस वक्त हम दुश्मनी को भुला दें और मिलजुल कर रहें। मैं महात्मा गांधी को जानता हूं जिन्होंने अहिंसा का पाठ पढ़ाया। मैंने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए अपना खून बहाया है, जिसका मतलब यह है कि सीमा के दोनों तरफ से और खून नहीं बहना चाहिए।"

वसील ने कहा, "श्रद्धांजलि देने के मेरे तरीके पर लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह तस्वीर लोगों के दिलों को पिघलाएगी।"

लाहौर में 'पेंटर बाबू' के नाम से मशहूर वसील की अल्लामा इकबाल रोड पर एक छोटी सी दुकान है। इस चित्रकार ने 2009 में अपनी नसों से सीरिंज के जरिए खून खींचकर यह तस्वीर बनाई थी।

वसील ने कहा, "महात्मा की छवि मेरे दिमाग में थी जिसे मैं कैनवास पर उकेरना चाहता था।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नेल्सन मंडेला की तस्वीर भी उन्होंने लहू से बनाई है।

उन्होंने गांधीजी की तस्वीर राजघाट के निकट स्थित गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति की उपाध्यक्ष तथा महात्मा गांधी की पौत्री तारा गांधी भट्टाचार्य को सौंपी।

रविवार दोपहर 12 बजे गांधी की समाधि पर दो मिनट का मौन रखने से पहले तारा गांधी ने कहा, "कई जगह हम यह बताने में असमर्थ हो जाते हैं कि राष्ट्रपिता हमारे लिए क्या छोड़ गए। दो मिनट के मौन का अर्थ यह है कि हम अपने अंदर झांकें और सोचें कि हम कितने हिंसक हैं।"

उल्लेखनीय है कि गांधीजी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर, 1869 को हुआ था और 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में एक प्रार्थना सभा में जाते समय उनकी हत्या कर दी गई थी।

हिमाचल में प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध    

शिमला, 2 अक्टूबर )। पॉलिथीन की थैलियों पर प्रतिबंध लगाने में मिली सफलता के बाद हिमाचल प्रदेश ने रविवार को इस्तेमाल के बाद त्यागने योग्य प्लास्टिक उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा दिया। फिलहाल डिब्बाबंद पीने का पानी प्लास्टिक बोतलों में ही बेचा जाएगा।

सरकार के प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, "प्लास्टिक के कपों, गिलासों और थालियों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो गया है।"

उन्होंने कहा कि लोगों को प्लास्टिक उत्पादों के इस्तेमाल से रोकने केलिए सख्त नियम बनाए गए हैं। इसके तहत 500 रुपये का जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने पर्यावरण क्षरण पर रोक लगाने के लिए गत माह केंद्र सरकार से प्लास्टिक की पैकेजिंग पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था।

सरकार ने 'पॉलीथीन हटाओ, पर्यावरण बचाओ' के नाम से एक अभियान भी चलाया है।

यूएएस लाइसेंस से रिलायंस समूह नहीं हुआ लाभान्वित : सीबीआई    
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा है कि स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को यूएएस लाइसेंस जारी किए जाने से रिलायंस समूह लाभान्वित नहीं हुआ। जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि धन के हस्तांतरण के लिए समूह के अध्यक्ष अनिल अम्बानी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी एवं न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली की पीठ के समक्ष गुरुवार को दायर अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने अपना जवाब दिया।

ज्ञात हो कि सेंटर फार पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा है कि सीबीआई 2जी घोटाले की जांच 'पूरी ईमानदारी' से नहीं कर रही है।

वहीं, अपने जवाब में सीबीआई ने न्यायालय से कहा कि मामले में रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अम्बानी की अभियोज्यता तय करने के लिए दस्तावेज में कोई साक्ष्य नहीं हैं।

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