सोनिया ने टीम अन्ना पर साधा निशाना, लोकपाल पर जताई प्रतिबद्धता

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को टीम अन्ना पर निशाना साधते
हुए कहा कि उनकी पार्टी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार एक
प्रभावी लोकपाल विधेयक लाने के लिए प्रतिबद्ध है। जबकि टीम अन्ना के
प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि संसद के शीतकालीन में
विधेयक पारित कर दिया जाएगा। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि
भ्रष्टाचार पर गांधी के बयान उसके 'विचारों को प्रदर्शित करते हैं।'

उत्तराखण्ड के चमोली में एक जनसभा के समक्ष पढ़े गए सोनिया के भाषण का
स्वागत करते हुए केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि 'कांग्रेस अपने बयान पर कायम
रहेगी और 22 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कर
देगी।'

ज्ञात हो कि सोनिया चमोली जिले के गोचर में एक जनसभा को सम्बोधित करने
वाली थीं लेकिन बुखार की वजह से वह ऐसा न कर सकीं। सोनिया की अनुपस्थिति
में उनका भाषण जनसभा में पढ़ा गया।

टीम अन्ना पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा कि केवल बात करने से
भ्रष्टाचार से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती और न ही केवल ऐसा सोचने से कि
'हमारा भ्रष्टाचार पवित्र है और दूसरे का भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार है।'

गांधी ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लोगों को केवल दूसरों पर अंगुली
नहीं उठानी चाहिए बल्कि 'अपने भीतर झांककर देखना' चाहिए। उन्होंने लोकपाल
विधेयक को लेकर फिर आंदोलन शुरू करने की अन्ना हजारे पक्ष की चेतावनी की
आलोचना की।

गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सत्तारूढ़ संयुक्त
प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार एक प्रभावी लोकपाल विधेयक संसद में पेश
करने और इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी द्वारा पढ़े गए भाषण में गांधी ने कहा, "आप
जानेंगे कि यह मेरी अध्यक्षता वाली एनएसी थी जिसने लोकपाल के लिए सबसे
पहले जनता से सुझाव मांगने शुरू किए। आप यह भी जानिए कि प्रधानमंत्री और
हमारी पार्टी ने लगातार कहा है कि हम एक सख्त और प्रभावी लोकपाल विधेयक
के पक्ष में हैं।"

उन्होंने कहा, "विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा और हम इसे लागू
करेंगे। मेरा मानना है कि विधेयक को लेकर इतना हो-हल्ला मचाने की जरूरत
क्या है।"

गांधी ने कहा, "भ्रष्टाचार पर इन दिनों काफी चर्चा हो रही है और इसमें
कोई संदेह नहीं है कि भ्रष्टाचार एक बड़ी बीमारी है और यह कमोबेश हर जगह
फैल गया है। इसके खिलाफ माहौल बनाने की जरूरत है।"

उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार को केवल भाषण से नहीं मिटाया जा सकता और न ही
केवल एक-दूसरों पर अंगुली उठाकर इसे समाप्त किया जा सकता है। सभी को अपने
गिरेबां में झांकना होगा।"

उल्लेखनीय है कि सोनिया द्वारा कार्यक्रम स्थगित किए जाने के बाद रक्षा
मंत्री ए.के. एंटनी और रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने 125 किलोमीटर लम्बी
ऋषिकेश-करंगप्रयाग रेल परियोजना की आधारशिला रखी।

गांधी के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा कि भ्रष्टाचार के
खिलाफ सोनिया के भाषण से उसकी पार्टी के विचार प्रदर्शित हुए।

पार्टी नेता शहनवाज हुसैन ने पत्रकारों से कहा, "मेरा मानना है कि गांधी
ने भाजपा का बयान पढ़ा।"

हुसैन ने कहा, "संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष को देश को
यह बताना चाहिए कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने, उनकी सरकार और पार्टी
ने क्या कदम उठाए हैं।"

वहीं, गांधी के विचार का स्वागत करते हुए टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संप्रग सरकार गांधी की
प्रतिबद्धता का सम्मान करने के साथ ही संसद के शीतकालीन सत्र में प्रभावी
लोकपाल विधेयक पारित करेगी।

माइक्रो ब्लॉगिग वेबसाइट ट्विटर पर केजरीवाल ने कहा, "लोकपाल विधेयक पर
संप्रग अध्यक्ष की प्रतिबद्धता का इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) स्वागत
करता है।"

उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि शीतकालीन सत्र में एक सख्त एवं
प्रभावी लोकपाल विधेयक लाने की गांधी की प्रतिबद्धता का सरकार सम्मान
करेगी। सरकार की तरफ से केवल भाषण पर्याप्त नहीं होंगे।"

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