ठेकेदारी प्रथा में सफाई कर्मचारियों का हो रहा शोषण-कांग्रेस
*दीपक शर्मा बोले-ईपीएफ के नाम पर कहा गए कर्मचारियों का पैसा-मामला दर्ज होने चाहिए*
धर्मशाला, 04 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा) । नगर परिषदों एवम नगरपंचायतों में ठेकेदार के माध्यम से काम कर रहे सफाई कर्मचारी के साथ शोषण हो रहा है।ठेकेदारों ने सफाई कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ के नाम पर पैसे की कटौती की लेकिन उस पैसे को ईपीएफ फंड में जमा नहीं करवाया।और न ही सफाई मजदूरों को यह पैसा मिला।यह जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने कहा कि ठेके पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों के साथ धोखा किया गया है।सफाई का ठेका अब किसी दूसरे ठेकेदार को दे दिया गया है जिसके चलते मजदूरों की छंटनी हो गई।जो मजदूर काम कर रहे थे उन्हें न केवल वेतन कम मिला बल्कि ईपीएफ के नाम पर काटे गए धन से भी धोखा हुआ।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में श्रमिक विभाग एवम सम्वन्धित विभागों को ठेकेदारों पर आपराधिक मामला दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।दीपक शर्मा ने कहा कि यह सरासर मजदूरों का शोषण है।नगरपरिषद एवम नगरपंचायतों के क्षेत्रों में यह गरीब मजदूर घर घर से कूड़ा इकट्ठा करके कठिन कार्य करते हैं।समाज को स्वच्छ बनाने में अहम योगदान देते हैं दूसरी ओर इनको कम वेतन दे कर आर्थिक शोषण किया जा रहा है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मजदूरों के हितों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए और भविष्य में इस तरह का शोषण न हो इसके लिए कड़े कानूनी प्रावधान किए जाने की आवश्यकता है।दीपक शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार मजदूर हितों के प्रति असंवेदनशील है।प्रदेश में ठेकेदारी(आउटसोर्सिंग) प्रथा के प्रचलन से मजदूरों का शोषण बढा है।सरकार को इस नीति में ऐसे प्रावधान करने चाहिए जिससे कि मजदूरों का शोषण न हो।उनको बेतन पूरा मिले।ईपीएफ का लाभ कैसे सुनिश्चित हो।इस सब विषयों पर कारगर नीति बनाई जानी चाहिए।