सरवीण चौधरी ने विकास खण्ड रैत में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं को स्वावलम्बी, स्वायत्त तथा सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत
महिला मन्डलों का हौसला बढ़ाने के लिये शगुन
धर्मशाला 18 अगस्त:( विजयेन्दर शर्मा ) । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी की अध्यक्षता में आज वीरवार को विकासखण्ड रैत में चले विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा को लेकर विकास खण्ड रैत के सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में विकास खण्ड रैत के समस्त पंचायत सचिव, कनिष्ठ अभियंता, तकनीकी सहायक व प्रसार अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया। सरवीण चौधरी ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी अपने कर्तव्यों व अधिकारों का सजगता से निर्वहन करें, विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने के साथ-साथ वे प्रदेश सरकार की समस्त कल्याणकारी योजनाओं को सूचीबद्ध कर अपने क्षेत्र के पात्र लोगों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने में मदद करें।
सरवीण ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों की जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं, प्रदेश सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए बजट का उचित प्रावधान किया गया है, इसलिए जनहित में दीर्घकालीन योजनाओं को प्रमुखता से क्रियान्वित करवाएं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं को स्वावलम्बी, स्वायत्त तथा सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पंचायती राज संस्थाओं को अनेक वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई हैं। राज्य में पंचायती राज संस्थाओं का कम्पयूट्रीकरण किया जा रहा है तथा इन संस्थाओं में आवश्यक कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित बनाई जा रही है ।
बैठक में मुख्यमंत्री एक बीघा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना, स्वच्छ भारत अभियान(ग्रामीण), पंचवटी पार्कों, मुख्यमंत्री लोक भवन योजना, मोक्ष धाम, पशुधन पुरस्कार योजना, गौ सदनों के निर्माण, सफलता की कहानियां, वाटरशेड योजना, पंचायत घरों, सामुदायिक भवनों के निर्माण, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन तथा मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्वयं सहायता समूहों के गठन पर बल दिया। ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को पंचायत स्तर पर समग्र मनरेगा पर विशेष फोकस करने को कहा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं को स्वावलम्बी, स्वायत्त तथा सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पंचायती राज संस्थाओं को अनेक वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई हैं। राज्य में पंचायती राज संस्थाओं का कम्पयूट्रीकरण किया जा रहा है तथा इन संस्थाओं में आवश्यक कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित बनाई जा रही है ।
बैठक में मुख्यमंत्री एक बीघा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना, स्वच्छ भारत अभियान(ग्रामीण), पंचवटी पार्कों, मुख्यमंत्री लोक भवन योजना, मोक्ष धाम, पशुधन पुरस्कार योजना, गौ सदनों के निर्माण, सफलता की कहानियां, वाटरशेड योजना, पंचायत घरों, सामुदायिक भवनों के निर्माण, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन तथा मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्वयं सहायता समूहों के गठन पर बल दिया। ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को पंचायत स्तर पर समग्र मनरेगा पर विशेष फोकस करने को कहा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें।