कालेशवर महादेव मंदिर पर बदइंतजामी का साया

 कालेश्वर महादेव मंदिर पर बदइंतजामी का साया
          धर्मशाला, 17  मई विजयेन्दर शर्मा ) ।  हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के देहरा उपमंडल में स्थित करीब 400 साल पुराना ऐतिहासिक कालीनाथ कालेश्वर महादेव मंदिर सरकारी उदासीनता व प्रशासन की लापरवाही के चलते इन दिनों बदहाल है। मंदिर के चढावे का भारी गोलमाल हो रहा है। तो दूसरी और मंदिर की बेशकीमती जमीनों पर माफिया की नजर है।
प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर 120 कनाल में फैले इस मंदिर का अधिग्रहण किया था। हिमाचल हाईकोर्ट में तीन जजों की बेंच ने 4 अक्टूबर, 2018 को आदेश पारित किया था। व स्पष्ट निर्देश दिये गये थे, कि सरकार इस मंदिर का प्रबंधन अपने कब्जे में ले।
करीब पांच साल बाद भी इस मंदिर का अधिग्रहण पूरी तरह करने में सरकार नाकाम रही है। जिससे हाईकोर्ट के आदेश अभी तक अमल में नहीं आ सके हैं।  
पिछले दिनों देहरा के एसडीएम ने कांगड़ा के उपायुक्त को पत्र लिखकर केयरटेकर की नियुक्ति की मंजूरी मांगी थी। उसके बाद यहां केयरटेकर की नियुक्ति तो नहीं हुई, लेकिन रक्कड के तहसीलदार को इसकी देखरेख का जिम्मा दिया गया। और ज्वालामुखी मंदिर से भी यहां कर्मचारी तैनात किया गया। हालांकि अदालत के आदेशों के तहत इस मंदिर पर सरकार को कब्जा लेना था। लेकिन स्थानीय नेताओं के दखल के चलते हाईकोर्ट के आदेशों पर पालन ही नहीं हो पाया।

स्थानीय निवासी हेमंत राणा, केवल कृष्ण और जगवीर सिंह का कहना है कि कई लोगों ने मंदिर की जमीन पर कब्जा कर लिया है तो कुछ ने नियमों का घोर उल्लंघन करते हुए अपने नाम ट्रांसफर भी करवा लिया है। मंदिर की जमीन पर नाजायज कब्जा करने वालों को प्रशासन कोई भी कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। मंदिर की जमीन की खरीद फरोख्त अपने आप में सवाल खडे कर रही है। मंदिर की जमीन न तो किसी को बेची जा सकती है। न ही इसे किसी के नाम पर चढ़ाया जा सकता है। इस जमीन पर से अधिकारी जमीन माफिया से कब्जा छुडाने में नाकाम रहे हैं।  
 
हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद प्रशासन मंदिर को कुछ बाबाओं के कब्जे से मुक्त कराने में नाकाम रहा है। कोई नहीं जानता कि मंदिर को एक साल में कितना चढ़ावा मिलता है और उसका उपयोग कैसे किया जाता है। जिससे यहां लाखों रूपये का चढावे का कोई हिसाब किताब नहीं रखा जा रहा है। यहां पर पूजा के नाम पर कथित ठगों ने अपना डेरा जमाया है। प्रशासन की ओर से लगाए गए सीसीटीवी कैमरा को खराब कर दिया गया है।

मंदिर परिसर की साफ-सफाई का ध्यान रखने वाला कोई नहीं है। हर गली-नुक्कड़ पर कूड़ा पड़ा हुआ देखा जा सकता है और परिसर में शौचालय की कोई सुविधा नहीं है। हवन कुंड में भी आवारा कुत्तों और जानवरों को घूमते देखा जा सकता है।  
BIJENDER SHARMA

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