कुल देवी मंदिर में उपमन्यु , वात्स्यायन और वत्स गौत्र ब्राहम्ण परिवार का सालाना समारोह मनाया गया
ज्वालामुखी, 26 नवंबर (बिजेन्दर शर्मा)। ज्वालामुखी, के पास चुकाठ से सटे कटोई में आज उपमन्यु , वात्स्यायन और वत्स गौत्र ब्राहम्ण परिवार का सालाना समारोह कुल देवी जठेरी माता मंदिर के प्रांगण में श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। यहां बडी तादाद में उपमन्यु और वत्स वात्स्यायन गोत्र के ब्राह्मण परिवार एक साथ मिले। जिससे समारोह यादगारी बना।
यहां मंदिर में महर्षि उपमन्यु व महिषासुर मर्दिनी की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। आज के ही कुलदेवी की मूर्ती स्थापित की गई थी। इसी उपलक्ष्य में यहां हर साल समारोह होता है। जिसमें उत्तरी भारत के कई श्हरों से ब्राहम्ण परिवार एक साथ इकठ्ठा होते हैं। इसी उपलक्ष्य में आज यहां हवन पूजन किया गया और भंडारे में सभी ने प्रसाद भी ग्रहण किया।
इसी तरह यहां हर साल मई माह के दूसरे रविवार को ममतामयी मातृशक्ति कुलदेवी के चरणों में यहां सभी इकठ्ठा होते हैं। उस दिन भी यहां हवन पूजन व विशाल भंडारे का आयोजन होता है।
यहां हर साल नवंबर व मई माह में आयोजन होता है। जिसमें उत्तरी भारत के ब्राह्मण परिवार खासकर उपमन्यु और वत्स वात्स्यायन गोत्र के अपनी कुलदेवी का आर्शीवाद पाते हैं । यह मंदिर चुकाठ से सटे कटोई में चुकाठ सुधंगल सडक़ मार्ग पर ज्वालामुखी के पूर्व विधायक स्वर्गीय धनी राम चौधरी के घर के पास है। जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
भारत में विभिन्न समुदाय के लोग रहते हैं, इनमें कई समाज और जाति के अनुसार अलग अलग देवी देवताओं की पूजा की जाती है। इन समाज या जाति में कुलदेवी और देवता की पूजा होती है, इसके अलावा पितृदेव भी होते हैं। बता दें कि भारतीय लोग हजारों वर्षों से अपने कुलदेवी और देवता की पूजा करते आ रहे हैं। जन्म, विवाह आदि मांगलिक कार्यों में कुलदेवी या देवताओं के स्थान पर जाकर उनकी पूजा की जाती है या उनके नाम से स्तुति की जाती है। इसके अलावा एक ऐसा भी दिन होता है जबकि संबंधित कुल के लोग अपने देवी और देवता के स्थान पर इकट्ठा होते हैं।
ज्वालामुखी, 26 नवंबर (बिजेन्दर शर्मा)। ज्वालामुखी, के पास चुकाठ से सटे कटोई में आज उपमन्यु , वात्स्यायन और वत्स गौत्र ब्राहम्ण परिवार का सालाना समारोह कुल देवी जठेरी माता मंदिर के प्रांगण में श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। यहां बडी तादाद में उपमन्यु और वत्स वात्स्यायन गोत्र के ब्राह्मण परिवार एक साथ मिले। जिससे समारोह यादगारी बना।
यहां मंदिर में महर्षि उपमन्यु व महिषासुर मर्दिनी की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। आज के ही कुलदेवी की मूर्ती स्थापित की गई थी। इसी उपलक्ष्य में यहां हर साल समारोह होता है। जिसमें उत्तरी भारत के कई श्हरों से ब्राहम्ण परिवार एक साथ इकठ्ठा होते हैं। इसी उपलक्ष्य में आज यहां हवन पूजन किया गया और भंडारे में सभी ने प्रसाद भी ग्रहण किया।
इसी तरह यहां हर साल मई माह के दूसरे रविवार को ममतामयी मातृशक्ति कुलदेवी के चरणों में यहां सभी इकठ्ठा होते हैं। उस दिन भी यहां हवन पूजन व विशाल भंडारे का आयोजन होता है।
यहां हर साल नवंबर व मई माह में आयोजन होता है। जिसमें उत्तरी भारत के ब्राह्मण परिवार खासकर उपमन्यु और वत्स वात्स्यायन गोत्र के अपनी कुलदेवी का आर्शीवाद पाते हैं । यह मंदिर चुकाठ से सटे कटोई में चुकाठ सुधंगल सडक़ मार्ग पर ज्वालामुखी के पूर्व विधायक स्वर्गीय धनी राम चौधरी के घर के पास है। जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
भारत में विभिन्न समुदाय के लोग रहते हैं, इनमें कई समाज और जाति के अनुसार अलग अलग देवी देवताओं की पूजा की जाती है। इन समाज या जाति में कुलदेवी और देवता की पूजा होती है, इसके अलावा पितृदेव भी होते हैं। बता दें कि भारतीय लोग हजारों वर्षों से अपने कुलदेवी और देवता की पूजा करते आ रहे हैं। जन्म, विवाह आदि मांगलिक कार्यों में कुलदेवी या देवताओं के स्थान पर जाकर उनकी पूजा की जाती है या उनके नाम से स्तुति की जाती है। इसके अलावा एक ऐसा भी दिन होता है जबकि संबंधित कुल के लोग अपने देवी और देवता के स्थान पर इकट्ठा होते हैं।