मरीज कराहते रहे तमिरदार करते रहे इंतजार डॉक्टर लोग मस्त रहे मुख्यमंत्री के सवागत में

विज्येंदर शर्मा
जवालामुखी ------मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के ज्वालामुखी दौरे की वजह से आज इलाके में स्वास्थ्य सेवायें बुरी तरह प्रभावित होकर रह गईं। खासकर ज्वालामुखी के अस्पताल की बदहाली की वजह से मरीज पूरा दिन परेशान रहे। डाक्टर अपने वार्डों में गये ही नहीं । अस्पताल में सबसे अधिक परेशानी तो बैंडबाजों की वजह से हुई। अस्पताल में मरीज दावा दारू को तड़प रहे थे तो दूसरी और लोग ढोल धमाकों की थप पर बल्यिओं उचल रहे थे ओ प डी की लम्बी क़तर अन्दर बी एम् ओ साहेब मुख्यमंत्री महोदय के इंतजार में अपनी कुर्सी पर गुलदस्ता हाथ में लिए तन केर इस कदर बैठे थे की यह अस्पताल नहीं सिनेमा घर हो किसी को भी मरीजों से कोई सरोकार नहीं था बस इंतजार था तो अपने महबूब नेता का कौन कहता है की मुखमंत्री के आने को लेकर सरकारी कर्मचारी अपना फर्ज ही भूल जाएँ जब बात अस्पताल की हो तो मामला घम्भीर हो जाता है
अस्पताल का दौरा करने पर बैड नम्बर दस पर मुहल की राजेश कुमारी ने बताया कि वह सुबह से दर्द से कराह रही है। लेकिन कोई डाक्टर उन्हें देखने नहीं आया। बुखार ने उसे बुरी तरह जकड़ लिया है। यही हाल देहरियां की सपना देवी के थे।

95 साल की रूपा देवी मानों अपनी अन्तिम सासें गिन रहे हो। सुबह से ही डाक्टर के आने के इंतजार में रूपा देवी की आंखें पत्थरा गई थीं। कथोग से अपना इलाज कराने आये हैं। सुबह से ही डॉक्टर के आने के इंतजार में उसकी आंखे पथरा गयी थी लेकिन मुख्यमंत्री के आने की खबर ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। करीब दो बजे उनके परिजन जब डाक्टरों के पास गये तब तक लंच ब्रेक हो चुका था। मझीन के मतरेड इलाके के 75 वर्षीय प्यार दीन का भी यही हाल था।

पास ही के बैड पर आठ साल की पलक जिसके घर मुहल में हैं। अपनी मां की गोद में दर्द से बुरी तरह कराह रही थी। पूछने पर उसकी मां ने बताया कि उसकी लड़की को दवा देनी है। लेकिन डाक्टर बताये तब। डाक्टर बाहर मुख्यमंत्री के आने के इंतजार में खड़े हैं। वह एक डाक्टर के पास गई भी लेकिन डाक्टर का जवाब मिला जल्दी है तो प्राइवेट डाक्टर को दिखा लो। तब जाकर वार्ड में ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नुर्से रीमा महरा के पास वह अपनी लड़की को ले जाती है वहां से भी जवाब मिलता है पहले डॉक्टर को तो दिखा लो लेकिन यह मरीजों की किस्मत का ही खेल था की जब तक डॉक्टर वार्ड में आते तब तक दोबारा मुख्यमंत्री के आने की दोबारा खबर आ गयी धूमल को हालाँकि जवालामुखी दस बजे आना था लेकिन वह ए तीन बजे उनके आने के बाद अस्पताल में आधारशिला रखने की रसम जब तक पूरी होती तब तक अस्पताल में चुटी हो चुकी थी यही नहीं आज इलाके के तमाम सेंटर तक बंद थे तमामहेल्थ वोर्केर व नुर्से को यहाँ बुला लिया गया था
अज जो कुत्च हुआ इस पर क्या हिमाचल परदेश के सेहत महकमें के चीएफ़ श्री पाठक किसी से जवाबतलबी करेंगे

ज्वालामुखी स्वास्थ्य केन्द्र पर 37 पंचायतों के करीब पच्चास हजार लोग निर्भर हैं। और वर्ष भर इस क्षेत्र में बाहरी राज्यों से यात्रियों का आना जाना भी लगा रहता है। ऐसे में ज्वालामुखी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का न होना हर किसी को खलता है। न तो इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा है, न ही एक्स रे हो पाता है। लाखों रुपयों की एक्स रे मशीन धूल फांक रही है। सुविधा होते हुए भी सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।



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