कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल-- टीकाकरण तथा कोरोना से निपटने की सरकारी नीति के ऊपर कई प्रकार के सवालिया निशान

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कि टीकाकरण तथा कोरोना से निपटने की सरकारी नीति के ऊपर कई प्रकार के सवालिया निशान पैदा कर और बेहद सख्त टिप्पणियों से देश की सर्वोच्च अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी द्वारा महामारी से निपटने के तरीकों से सम्बंधित लगातार उठाए जा रहे मुद्दों एवं सरकार को दिए जा रहे सुझावों की सार्थकता,सत्यता और प्रमाणिकता पर मोहर लगी अपितु भाजपा द्वारा की जा रही आलोचना का सच भी देश के सामने उजागर हुआ है। कौशल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही टीकाकरण को लेकर सरकार से राष्ट्रीय नीति बनाने के साथ समस्त भारतवासियों को मुफ्त टीकाकरण की मांग कर रही है परन्तु जहां एक तरफ वेक्सीन की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के चलते बार बार टीकाकरण की प्रक्रिया बाधित हो रही है वहीं इस प्रक्रिया को लेकर जनता में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है तथा जिस प्रकार केंद्र ने वेक्सीनेशन कार्यक्रम से अपने हाथ पीछे खींच कर इसको राज्यों के ऊपर डालने का कार्य किया है उससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार कोविड वायरस तथा टीकाकरण की अपनी असफ़लतायों से पीछा छुड़ाकर प्रदेश सरकारों के सिर पर इसका ठिकरा फोड़ना चाह रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस महामारी में अव्यवस्थायों ,सरकारी लापरवाही तथा असंवेदनशीलता की बजह से बहुत जानें जा चुकी हैं परन्तु इसके बाबजूद आंखें खोलने की बजाए प्रदेश और केंद्र सरकारें देश को गुमराह करने में लगी हैं, मृतकों की संख्या का आंकड़ा छुपा कर महामारी से नहीं बचा जा सकता लोगों को बचाने के लिए महामारी के हर पहलू पर सम्वेदनशीलता के साथ विचार कर एक राष्ट्रीय नीति और कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है क्योंकि यह किसी व्यक्ति विशेष के अहम को संतुष्ट करने एवं राजनीति करने का मुद्दा न होकर देशवासियों की सुरक्षा एवं रक्षा का मुद्दा है जिसकी योजना बनाते हुए सभी के सुझावों पर गौर करते हुए उनपर अमल करना ही हितकर होगा।

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