एक सर्वेक्षण में यह बात साबित हो गई है कि जब पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हों तो रात के समय बच्चों की देखभाल के लिए पत्नी को ही अपनी नींद की कुर्बानी देते हुए उठना पड़ता है।
मिशीगन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक ताजा सर्वेक्षण में पाया है कि इस बात की ढाई गुना अधिक संभावना होती है कि नौकरी पेशा पिताओं की अपेक्षा महिलाएं को ही बच्चों की देखभाल के लिए रात में अपनी नींद खराब करनी पड़ती है। इसके साथ ही जब महिलाएं रात में उठती हैं तो वह औसतन 44 मिनट के बाद ही सो पाती हैं जबकि इसके मुकाबले पुरुष केवल 30 मिनट में ही सो जाते हैं।
इस अनुसंधान के शीर्ष अनुसंधानकर्ता साराह बर्गर्ड ने कहा, 'नींद तोड़कर रात में जगने का अधिकतर भार महिलाओं पर पड़ता है। इसके कारण न केवल महिलाओं का स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बल्कि इससे उनकी कमाई और करियर में उन्नति भी प्रभावित होती है।'
इस अनुसंधान के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने अमेरिका के जनसंख्या ब्यूरो से वर्ष 2003 से 2007 के बीच के 20 हजार कामकाजी पुरुषों के आकड़े एकत्र किये।