ज्वालामुखी में चन्दन तस्करों पर नुकेल कसने के लिये पुलिस बेबस
ज्वालामुखी 08 जनवरी (बिजेन्दर शर्मा) । ज्वालामुखी में चन्दन तस्करों पर नुकेल कसने के लिये पुलिस बेबस है। तमाम प्रयासों के बावजूद हर रोज चन्दन कटने की खबरें सामने आ रही हैं। हिमाचल का एक मात्र चन्दन वन इन दिनों तस्करों के निशाने पर है। कांगडा जिला के ज्वालामुखी की कालीधार में मैसूर के बाद यहां ही चन्दन होता है। जिसकी पहचान दस साल पहले हुई थी। हालांकि यह उस किस्म का नहीं है। लेकिन इसकी मांग दिल् ली में धूप अगरबत्ती के बाजार में है। यही वजह है कि इन दिनों इस जंगल में तस्करी हो रही है। बड़ी तादाद में पेड़ कट चुके हैं। लेकिन जंगलात महकमा व पुलिय हाथ पर हाथ धरे बैठा है। अब तक तस्करी के आरोप में दो दर्जन लोग पकड़े जा चुके हैं। यह सब उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के हैं। किसी जमाने में ज्वालामुखी में घने जंगल होते थे। जंगलों में पांबदी के बावजूद अवैध कटान बिना रोक टोक जारी है । वनविभाग भी अवैध कटान पर लगाम में कामयाब नहीं हो पा रहा है । आसपास के क्षेत्र के लोग प्रतिदिन पेड़ काटकर लकडिय़ों के गठे इक_ïे करके लाते हैं । इसके चलते पहाड़ खाली होते जा रहे हैं
ज्वालामुखी 08 जनवरी (बिजेन्दर शर्मा) । ज्वालामुखी में चन्दन तस्करों पर नुकेल कसने के लिये पुलिस बेबस है। तमाम प्रयासों के बावजूद हर रोज चन्दन कटने की खबरें सामने आ रही हैं। हिमाचल का एक मात्र चन्दन वन इन दिनों तस्करों के निशाने पर है। कांगडा जिला के ज्वालामुखी की कालीधार में मैसूर के बाद यहां ही चन्दन होता है। जिसकी पहचान दस साल पहले हुई थी। हालांकि यह उस किस्म का नहीं है। लेकिन इसकी मांग दिल् ली में धूप अगरबत्ती के बाजार में है। यही वजह है कि इन दिनों इस जंगल में तस्करी हो रही है। बड़ी तादाद में पेड़ कट चुके हैं। लेकिन जंगलात महकमा व पुलिय हाथ पर हाथ धरे बैठा है। अब तक तस्करी के आरोप में दो दर्जन लोग पकड़े जा चुके हैं। यह सब उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के हैं। किसी जमाने में ज्वालामुखी में घने जंगल होते थे। जंगलों में पांबदी के बावजूद अवैध कटान बिना रोक टोक जारी है । वनविभाग भी अवैध कटान पर लगाम में कामयाब नहीं हो पा रहा है । आसपास के क्षेत्र के लोग प्रतिदिन पेड़ काटकर लकडिय़ों के गठे इक_ïे करके लाते हैं । इसके चलते पहाड़ खाली होते जा रहे हैं