भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए आशय-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए |
बिजेंदर शर्मा नयी देलही ---भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए आज यहां एक आशय-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि भारत के व्यापारिक साझेदारों की सूची में यूरोपीय संघ के देशों के बीच फ्रांस का पांचवां स्थान है। फ्रांस में भारत तेरहवां सबसे बड़ा निवेशक है। फ्रांस में भारत की लगभग 90 कंपनियां हैं और भारत ने वहां सूचना प्रैद्योगिकी, औषधि, प्लास्टिक उद्योग, मोटरवाहन के पुर्जों आदि क्षेत्रों में निवेश किया है। सूचना प्रौद्योगिकी और जैव-प्रौद्योगिकी के बाद भारत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अगली क्रांति देखना चाहता है। भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वर्ष 2015 तक लगभग एक लाख करोड़ रूपये का निवेश देकर कहा कि वर्ष 2015 तक इस क्षेत्र में 20 प्रतिशत वृद्धि और मूल्य संवर्द्धन 35 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। फ्रांस के कृषि, खाद्य, मछली पालन, ग्रामीण मामले और अंतरिक्ष आयोजना मंत्री श्री ब्रूनो ला मेयर का स्वागत करते हुए श्री सहाय ने कहा कि भारत ने हरित क्रांति और श्वेत क्रांति के माध्यम से मोटे अनाजों और दूध के उत्पादन में पर्याप्तता के स्तर तक पहुंच गया है और अब यह खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर जोर देते हुए दूसरी हरित क्रांति की ओर चलना चाहता है। श्री सहाय ने कहा कि भारत विश्व के 10 प्रतिशत फल और 13 प्रतिशत सब्जी का उत्पादन करता है। खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हो सकता है, क्योंकि भारत की तुलना में फ्रांस में खाद्य प्रसंस्करण का स्तर काफी ऊंचा है। श्री सहाय ने जोर देकर कहा कि इस क्षेत्र में सूचना और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान भारत के उद्योगों के लिए काफी मददगार होगा। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में फ्रांस को एक हिस्सेदार बताया। |