पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि प्लाॅस्टिक के उपयोग के प्रतिबंध के उल्लंघन पर चालान के लिए सक्षमः मुख्यमन्त्री
पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि भी प्लाॅस्टिक व पालीथीन के उपयोग पर लगाये गए प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के चालान करने के लिए सक्षम होंगे। शिक्षण संस्थानों मंे युवाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के बारे में शिक्षित किया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल के डेरा परोल में वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 84 लाख रुपये की लागत से बनने वाली विज्ञान प्रयोगशाला की आधारशिला रखने के उपरांत दी।
प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हिमाचल प्रदेश शिक्षा क्षेत्र में आदर्श राज्य बन कर उभरा है। उन्होंने कहा कि देश के बड़े राज्यों में हिमाचल प्रदेश को पहले स्थान पर आंका गया है, जो हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि राज्य को राष्ट्रीय स्तर का एक अन्य कृषि नेतृत्व पुरस्कार भी प्रदान किया गया है, जो कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में उठाए गए प्रभावी पगों को दर्शाता है, जबकि राज्य में कृषि योग्य भूमि सीमित है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि के विविधिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रम कार्यान्वित किए जा रहे हैं, ताकि नियंत्रित पर्यावरण के अंतर्गत नकदी फसलें उगाई जा सकें। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों से प्रदेश के ग्रामीण लोगों की आर्थिकी में आशातीत वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक एवं निजी शिक्षा संस्थानों की गतिविधियों के अनुश्रवण के लिए नियमन प्रावधानों को अधिसूचित करने में प्रदेश अग्रणी रहा है, जिससे विद्यार्थियों के हित सुरक्षित हुए हैं। विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। इसके लिए हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा क्षेत्र के लिए सर्वाधिक बजट का प्रावधान किया है तथा इस वित्त वर्ष के दौरान शिक्षा क्षेत्र पर 2567 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं, जो कि एक रिकार्ड है।
प्रो. धूमल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना भी आरंभ की गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य में ‘बेटी है अनमोल’ योजना आरंभ की गयी है, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवार को बेटी के जन्म के समय 5100 रुपये डाकघर व बैंक में जमा किए जा रहे हैं, जो बेटी के बालिग होने पर उसे दिए जाते हंै। उन्होंने कहा कि लड़कियों को प्रारंभिक स्तर से उच्च स्तर पर निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा को न केवल शैक्षणिक गतिविधियों से ही जोड़ा जाना चाहिए, बल्कि इसके माध्यम से विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को प्रदेश सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, ताकि प्रत्येक बच्चे को उसके घर-द्वार पर बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवायी जा सके। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित व्यक्ति को रोजगार एवं स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकते हैं, जिससे वह आत्मसम्मान से जीवन यापन कर सकता है।
प्रो. धूमल ने कहा कि उनके पूर्व कार्यकाल में अपर्याप्त भवन सुविधा का पता लगाने के लिए स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया था तथा अपर्याप्त भवन सुविधा वाले 1964 स्कूल चिन्हित किए गए थे। उन्होंने कहा कि 13672 कमरों के निर्माण के लिए 126 करोड़ रुपये की नाबार्ड से वित्तपोषित सरस्वती बाल विद्या संकल्प योजना तैयार की गयी, जिसमें प्रत्येक प्राथमिक पाठशाला में 3 पक्के कमरों की सुविधा उपलब्ध करवायी गई। उन्होंने कहा कि सरस्वती बाल विद्या संकल्प योजना से सर्वशिक्षा अभियान को बल मिला, जो राज्य में कार्यक्रम की सफलता का आधार बनी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिक्षा संस्थान में बेहतर शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों में मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार भी वितरित किए। उन्होंने सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 20 हजार रुपये देने की घोषणा की।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, डेरा परोल की प्रधानाचार्य श्रीमती राजकुमारी शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने मुख्यमंत्री को 25 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेंट किया।
शिक्षा मंत्री श्री आई.डी. धीमान, पूर्व विधायक श्री अमर सिंह चैधरी, भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के मुख्य प्रबन्ध निदेशक श्री एम. सी. परमार, कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री आर.एस. मनकोटिया, एपीएमसी के अध्यक्ष श्री प्यारे लाल शर्मा, जिला परिषद की अध्यक्ष श्रीमती सरला शर्मा, जिला हमीरपुर भाजपा अध्यक्ष श्री देसराज शर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा, अतिरिक्त निदेशक शिक्षा डाॅ. दिनकर, उपायुक्त श्री राजेन्द्र सिंह, मुख्य अभियंता लोक निर्माण श्री सोनम नेगी, वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि भी प्लाॅस्टिक व पालीथीन के उपयोग पर लगाये गए प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के चालान करने के लिए सक्षम होंगे। शिक्षण संस्थानों मंे युवाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के बारे में शिक्षित किया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल के डेरा परोल में वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 84 लाख रुपये की लागत से बनने वाली विज्ञान प्रयोगशाला की आधारशिला रखने के उपरांत दी।
प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हिमाचल प्रदेश शिक्षा क्षेत्र में आदर्श राज्य बन कर उभरा है। उन्होंने कहा कि देश के बड़े राज्यों में हिमाचल प्रदेश को पहले स्थान पर आंका गया है, जो हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि राज्य को राष्ट्रीय स्तर का एक अन्य कृषि नेतृत्व पुरस्कार भी प्रदान किया गया है, जो कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में उठाए गए प्रभावी पगों को दर्शाता है, जबकि राज्य में कृषि योग्य भूमि सीमित है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि के विविधिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रम कार्यान्वित किए जा रहे हैं, ताकि नियंत्रित पर्यावरण के अंतर्गत नकदी फसलें उगाई जा सकें। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों से प्रदेश के ग्रामीण लोगों की आर्थिकी में आशातीत वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक एवं निजी शिक्षा संस्थानों की गतिविधियों के अनुश्रवण के लिए नियमन प्रावधानों को अधिसूचित करने में प्रदेश अग्रणी रहा है, जिससे विद्यार्थियों के हित सुरक्षित हुए हैं। विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। इसके लिए हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा क्षेत्र के लिए सर्वाधिक बजट का प्रावधान किया है तथा इस वित्त वर्ष के दौरान शिक्षा क्षेत्र पर 2567 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं, जो कि एक रिकार्ड है।
प्रो. धूमल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना भी आरंभ की गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य में ‘बेटी है अनमोल’ योजना आरंभ की गयी है, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवार को बेटी के जन्म के समय 5100 रुपये डाकघर व बैंक में जमा किए जा रहे हैं, जो बेटी के बालिग होने पर उसे दिए जाते हंै। उन्होंने कहा कि लड़कियों को प्रारंभिक स्तर से उच्च स्तर पर निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा को न केवल शैक्षणिक गतिविधियों से ही जोड़ा जाना चाहिए, बल्कि इसके माध्यम से विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को प्रदेश सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, ताकि प्रत्येक बच्चे को उसके घर-द्वार पर बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवायी जा सके। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित व्यक्ति को रोजगार एवं स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकते हैं, जिससे वह आत्मसम्मान से जीवन यापन कर सकता है।
प्रो. धूमल ने कहा कि उनके पूर्व कार्यकाल में अपर्याप्त भवन सुविधा का पता लगाने के लिए स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया था तथा अपर्याप्त भवन सुविधा वाले 1964 स्कूल चिन्हित किए गए थे। उन्होंने कहा कि 13672 कमरों के निर्माण के लिए 126 करोड़ रुपये की नाबार्ड से वित्तपोषित सरस्वती बाल विद्या संकल्प योजना तैयार की गयी, जिसमें प्रत्येक प्राथमिक पाठशाला में 3 पक्के कमरों की सुविधा उपलब्ध करवायी गई। उन्होंने कहा कि सरस्वती बाल विद्या संकल्प योजना से सर्वशिक्षा अभियान को बल मिला, जो राज्य में कार्यक्रम की सफलता का आधार बनी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिक्षा संस्थान में बेहतर शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों में मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार भी वितरित किए। उन्होंने सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 20 हजार रुपये देने की घोषणा की।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, डेरा परोल की प्रधानाचार्य श्रीमती राजकुमारी शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने मुख्यमंत्री को 25 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेंट किया।
शिक्षा मंत्री श्री आई.डी. धीमान, पूर्व विधायक श्री अमर सिंह चैधरी, भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के मुख्य प्रबन्ध निदेशक श्री एम. सी. परमार, कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री आर.एस. मनकोटिया, एपीएमसी के अध्यक्ष श्री प्यारे लाल शर्मा, जिला परिषद की अध्यक्ष श्रीमती सरला शर्मा, जिला हमीरपुर भाजपा अध्यक्ष श्री देसराज शर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा, अतिरिक्त निदेशक शिक्षा डाॅ. दिनकर, उपायुक्त श्री राजेन्द्र सिंह, मुख्य अभियंता लोक निर्माण श्री सोनम नेगी, वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।