ज्वालामुखी कालेज में दो राजनेताओं की चल रही आपसी कशमकश में छात्रों का भविष्य अंधकार में
ज्वालामुखी 22 फरवरी (बिजेन्दर शर्मा) । ज्वालामुखी कालेज में दो राजनेताओं की चल रही आपसी कशमकश में छात्रों का भविष्य अंधकार में लटक कर रह गया है। आज भी कालेज में प्रदेश एन एस यू आई के अध्यक्ष यदुपति ठाकुर आ धमके। बताया जा रहा है कि उन्होंने कालेज स्टाफ के साथ मामले पर लंबी मंत्रणा की। हडताल धरने प्रर्दशन यहां अब आम बात हो गई है। इस पूरे साल में पढाई नहीं यहां राजनिति ही होती रही। नगर पंचायत के पूर्व पार्षद उत्तम चंद ने अफसोस जताया कि किसी भी तरफ से कालेज में पठन पाठन का महौल सुधारने के प्रयास नहीं हो रहे। दरअसल कालेज में प्रिसिंपल ही नहीं है। तो अनुशासन की उम्मीद कहां से की जा सकती है। चंद महीने ही प्रशासन ने यहां से प्रिंसिपल को हटा दिया। उस समय की प्रिसिंपल माधुरी सूद हाईकोर्ट चली गई। व स्टे ले आई। अब हालात यह हैं कि कालेज स्टाफ भी कांग्रेस भाजपा में बंट गया है। जो बच्चों को उकसा कर अपना उल्लू सीधा कर रहा है। कालेज को हालांकि मंदिर न्यास चला रहा है। लेकिन इसके सरकारी करण की भी मांग उठी है। कालेज में अपने बच्चों को पढा रहे कई अभिावक इन दिनों परेशान है। पास ही के राजेन्दर सिंह जिनका लडका यहां पढता है। बताते हैं कि पूरे साल में यहां पढाई नहीं हुई लिहाजा सरकार को चाहिये कि कालेज को बंद कर दिया जाये। बी ए प्रथम के छात्र अखिलेश ने बताया कि साल में कितने दिन पढाई होनी है। इसके लिये यू जी सी ने मानदंड तय कर रखे हैं। यहां तो सौ दिन भी पढाई नहीं हो पाई। परिक्षा सिर पर है। बताया जा रहा है कि मौजूदा विवाद देहरा के एस डी एम के रवैये की वजह से पैदा हुआ । उन्होंने पहले एन एस यू आई को कालेज में समारोह करने की ईजाजत दे दी। लेकिन बाद में दवाब के चलते रद् कर दी। यहीं से विवाद भडका। कालेज में हालांकि पहले दिन बाहरी लोगों को आने से रोका जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
ज्वालामुखी 22 फरवरी (बिजेन्दर शर्मा) । ज्वालामुखी कालेज में दो राजनेताओं की चल रही आपसी कशमकश में छात्रों का भविष्य अंधकार में लटक कर रह गया है। आज भी कालेज में प्रदेश एन एस यू आई के अध्यक्ष यदुपति ठाकुर आ धमके। बताया जा रहा है कि उन्होंने कालेज स्टाफ के साथ मामले पर लंबी मंत्रणा की। हडताल धरने प्रर्दशन यहां अब आम बात हो गई है। इस पूरे साल में पढाई नहीं यहां राजनिति ही होती रही। नगर पंचायत के पूर्व पार्षद उत्तम चंद ने अफसोस जताया कि किसी भी तरफ से कालेज में पठन पाठन का महौल सुधारने के प्रयास नहीं हो रहे। दरअसल कालेज में प्रिसिंपल ही नहीं है। तो अनुशासन की उम्मीद कहां से की जा सकती है। चंद महीने ही प्रशासन ने यहां से प्रिंसिपल को हटा दिया। उस समय की प्रिसिंपल माधुरी सूद हाईकोर्ट चली गई। व स्टे ले आई। अब हालात यह हैं कि कालेज स्टाफ भी कांग्रेस भाजपा में बंट गया है। जो बच्चों को उकसा कर अपना उल्लू सीधा कर रहा है। कालेज को हालांकि मंदिर न्यास चला रहा है। लेकिन इसके सरकारी करण की भी मांग उठी है। कालेज में अपने बच्चों को पढा रहे कई अभिावक इन दिनों परेशान है। पास ही के राजेन्दर सिंह जिनका लडका यहां पढता है। बताते हैं कि पूरे साल में यहां पढाई नहीं हुई लिहाजा सरकार को चाहिये कि कालेज को बंद कर दिया जाये। बी ए प्रथम के छात्र अखिलेश ने बताया कि साल में कितने दिन पढाई होनी है। इसके लिये यू जी सी ने मानदंड तय कर रखे हैं। यहां तो सौ दिन भी पढाई नहीं हो पाई। परिक्षा सिर पर है। बताया जा रहा है कि मौजूदा विवाद देहरा के एस डी एम के रवैये की वजह से पैदा हुआ । उन्होंने पहले एन एस यू आई को कालेज में समारोह करने की ईजाजत दे दी। लेकिन बाद में दवाब के चलते रद् कर दी। यहीं से विवाद भडका। कालेज में हालांकि पहले दिन बाहरी लोगों को आने से रोका जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।