प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ चल रही बयानबाजी को लेकर कांगडा का लोक संपर्क कार्यालय भी खास दिलचस्पी लेने लगा है। हालांकि सूचना एवं जन संपर्क महकमें के अधिकार क्षेत्र को लेकर लंबी चौडी बहस हो सकती है। लेकिन सरकारी प्रावधानों व कायदे के मुताबिक महकमें को सरकार की नितियों व कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाना होता है। लेकिन इन दिनों कांगडा के जिला लोक संपर्क कार्यालय की दिलचस्पी इससे कहीं अधिक सत्तारूढ दल के पी आर ओ की अधिक लग रही है। यही वजह है कि महकमें की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि बुधवार को सिंचाई मंत्री रविन्द्र सिंह रवि व सरवीण चौधरी के हवाले से कांगडा के डी पी आर ओ की ओर से बाकायदा एक बयान मेल के जरिये पत्रकारों को भेजा गया जिसमें दोनों मंत्रियों की ओर से केंन्द्रिय मंत्री वीरभद्र सिंह की आलोचना की गई थी। यही नहीं महकमें के लोगों ने सबको इस खबर को तव्वजो देने की ताकीद भी की गई। इस सबका कांगडा के कांग्रेसियों ने कडा नोटिस लिया है। दलील दी जा रही है कि सरकारें आती जाती रहेंगी लेकिन किसी भी अधिकारी को इसमें दिलचस्पी के बजाये जनहित को तव्वज्जो देनी चाहिये। सवाल उठता है कि व्यक्तिगत राजनिति के वाद विवाद भी अब क्या हिमाचल प्रदेश का लोक संपर्क महकमा कवर करेगा।