पहले स्वागत, फिर विरोध से कुडनकुलम के अधिकारी भौंचक
वेंकटाचारी जगन्नाथन
चेन्नई, 14 अक्टूबर । तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में मौजूद भारतीय परमाणु विद्युत निगम (एनपीसीआईएल) के अधिकारी उस दिन को याद करते हैं, जब यहां परमाणु बिजली संयंत्र की स्थापना का लोगों ने स्वागत किया था और अब विरोध किए जाने से ये भौंचक हैं।
कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र (केनपीपी) के बाहर प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा और प्रवेश के सभी रास्तों को बंद कर दिए जाने पर अधिकारियों का कहना है कि वे यह देखकर चकित हैं कि लोगों की सोच ने 180 डिग्री का मोड़ क्यों ले लिया और वे इस इलाके को खाली करने के लिए क्यों कह रहे हैं।
मुम्बई में पदस्थ एनपीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस.के. जैन ने कहा, "लोगों की सोच में बदलाव से मैं आश्र्चयचकित हूं। जहां तक हमारे रुख का सवाल है, हाल-फिलहाल में हमारी ओर से कोई बदलाव नहीं किया गया है।"
जैन ने आईएनएस से फोन पर कहा, "मेरी स्थिति वैसी ही हो गई है कि एक साथ वर्षो तक पलने-बढ़ने के बाद एक लड़के को उसके भाई ने कहा कि वह उसे पसंद नहीं करता है।"
उन्होंने कहा, "मेरे पास बिशप एवं अन्य लोगों की वे तस्वीरें अभी भी हैं जब उन्होंने कुडनकुलम का गर्मजोशी से स्वागत किया था। जब हमने परियोजना स्थल का दौरा किया तो लोग स्वागत में कट-आउट लिए खड़े थे, कुछ समय बाद स्थिति ऐसी हो गई है कि हम उलझन में पड़े हैं।"
उल्लेखनीय है कि परमाणु बिजली विरोधी कार्यकर्ता 13,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही 2,000 मेगावाट की परमाणु बिजली परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां रूस की तकनीक और उपकरण मंगाए गए हैं, लेकिन तीसरे दिन शुक्रवार को भी इसके परिसर में किसी को प्रवेश नहीं करने दिया गया।
परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे पीपुल्स राइट्स मूवमेंट के समन्वयक एस. शिवासुब्रह्मण्यम का कहना है कि इस परियोजना के दुष्परिणमों की लोगों में जो आशंका है, वह उचित ही है। लोग जापान के फुकुशिमा परमाणु विद्युत संयंत्र में विस्फोट के बाद से अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं।
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