अमेरिकी जनता आ रही है गरीबी की चपेट में

  अमेरिका में लोग भूखों तो नहीं मर रहे हैं लेकिन यहां 4.62 करोड़ से अधिक लोग गरीबी के शिकार हैं। अमेरिकी इतिहास में यह गरीबी का अधिकतम आंकड़ा है। एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। वाशिंगटन स्थित एक शोध संगठन ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन द्वारा गुरुवार को जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 1990 के दशक में गरीबी हटाने की मुहिम में जो तरक्की की गई थी, लेकिन अब स्थिति उलट रही है। ब्रुकिंग्स रिपोर्ट की लेखिका एलिजाबेथ नीबोन के अनुसार मौजूदा दशक आर्थिक नजरिए से मुश्किलों भरा है। उन्होंने कहा, "दो बार आर्थिक मंदी झेलने के बाद हमने देखा है कि गरीबी दर बढ़ी है। संभावना इस बात की है कि मुश्किलें अभी जारी रहेंगी।" पिछले एक दशक के दौरान मिडवेस्ट के कुछ शहरों डेट्रॉयट, टोलेडो और ओहियो में बेरोजगारी बढ़ने और विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों के कम होने की वजह से गरीबी दर दोगुनी हो गई है। अध्ययन के मुताबिक अमेरिकी के दक्षिणी हिस्से में एल पासो, टेक्सास, बैटन रूज, लुसियाना जैसे महानगरों में गरीबी एक तिहाई से ज्यादा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 1930 के दशक में आई महामंदी के दौरान अमेरिका में एक तिहाई से ज्यादा परिवार बहुत गरीब थे। इस महामंदी की तुलना में वर्ष 2010 में गरीबी दर-15.1 फीसदी- आधी थी। लेकिन 1940 से लेकर अब तक जनसंख्या में तीन गुणा वृद्धि हो चुकी है। इसलिए उस समय की तुलना में आज अमेरिका में गरीबों की तादाद अधिक है। वास्तव में आधिकारिक तौर पर अमेरिका में वर्ष 1960 में गरीबी रेखा की शुरुआत की गई थी। तब से लेकर अब तक केवल दो बार ही गरीबी दर 15 फीसदी से अधिक स्तर तक पहुंची है। वर्ष 1993 में गरीबी दर जहां बढकर 15.1 फीसदी तक पहुंच गई थी वहीं 1983 में यह 15.2 फीसदी थी।



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