नयी दिल्ली ! निम्बस कम्युनिकेशंस ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से 600 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। बीसीसीआई ने कंपनी के साथ घरेलू किेट मैचों के प्रसारण का करार गत दिसंबर में समाप्त कर दिया था।
'किइंफो' के मुताबिक निम्बस की दलील है कि टीम इंडिया के घरेलू मैचों में शीर्ष खिलाडियों को आराम दिया था और भारत तथा पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज का वादा पूरा नहीं किया गया। इससे कंपनी को आर्थिक नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई के लिए उसने बीसीसीआई पर 600 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। निम्बस ने भारत में घरेलू मैचों में प्रसारण के लिए बीसीसीआई के साथ जनवरी 2010 में एक करार किया था। लगभग 2000 हजार करोड़ रुपए का यह करार चार वर्ष के लिए था। इसके तहत निम्बस को 2014 तक अधिकतम 64 अंतरराष्ट्रीय मैचों और 312 दिन घरेलू मैचों के प्रसारण का अधिकार मिला था।
लेकिन बीसीसीआई ने भुगतान में देरी का हवाला देते हुए गत दिसंबर में यह करार रद्द कर दिया था। यह मामला अभी अदालत के विचाराधीन है। निम्बस का दावा इस बात पर केन्द्रित है कि भारत ने अपनी पिछली तीन घरेलू वनडे सीरीजों में से दो में शीर्ष खिलाड़ियों को आराम दिया था।
न्यूजीलैंड के खिलाफ 2010 में हुई पांच मैचों की वनडे सीरीज में महेन्द्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर. वीरेन्द्र सहवाग और हरभजन सिंह को आराम दिया गया था। सुरेश रैना और जहीर खान ने भी पहले दो मैचों में ही हिस्सा लिया था।
धोनी और सचिन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले वर्ष हुई वनडे सीरीज में हिस्सा नहीं लिया था जबकि उस सीरीज के लिए कप्तान बनाए गए वीरेन्द्र सहवाग ने अंतिम वनडे में हिस्सा नहीं लिया था। बोर्ड ने सीनियर खिलाडियों को अनुरोध के आधार पर आराम देने की नीति बनायी है। इसी के तहत धोनी और सचिन ने आराम मांगा था।
अंतरराष्ट्रीय किेट परिषद (आईसीसी) के भविष्य दौरा कार्यम में भारत-पाकिस्तान सीरीज को जगह दी गयी थी। इस सीरीज को इस वर्ष मार्च-अप्रैल में होना था लेकिन इसके लिए टीम इंडिया के कैलेंडर में जगह ही नहीं है। टीम इंडिया को आस्ट्रेलिया के त्रिकोणीय सीरीज के बाद एशिया कप में हिस्सा लेना है और फिर अप्रैल में आईपीएल का पांचवां संस्करण शुरु हो जाएगा। पाकिस्तान ने 2007-08 में भारत का दौरा किया था जिसमें भारत ने टेस्ट सीरीज 1-0 से और वनडे सीरीज 3-2 से जीती थी।
दूसरी तरफ बीसीसीआई का दावा है कि उसका निम्बस पर अभी 305 करोड रपए का बकाया है। बांबे उच्च न्यायालय ने गत जनवरी में कंपनी को निर्देश दिया था कि या तो वह चार सप्ताह में इस राशि को सिक्योरिटी के तौर पर कोर्ट में जमा कराए या फिर इसकी बैंक गारंटी दे
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*VijyenderSharma*, Bohan Dehra Road JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)
Contact Number is 09736276343Mobile
'किइंफो' के मुताबिक निम्बस की दलील है कि टीम इंडिया के घरेलू मैचों में शीर्ष खिलाडियों को आराम दिया था और भारत तथा पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज का वादा पूरा नहीं किया गया। इससे कंपनी को आर्थिक नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई के लिए उसने बीसीसीआई पर 600 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। निम्बस ने भारत में घरेलू मैचों में प्रसारण के लिए बीसीसीआई के साथ जनवरी 2010 में एक करार किया था। लगभग 2000 हजार करोड़ रुपए का यह करार चार वर्ष के लिए था। इसके तहत निम्बस को 2014 तक अधिकतम 64 अंतरराष्ट्रीय मैचों और 312 दिन घरेलू मैचों के प्रसारण का अधिकार मिला था।
लेकिन बीसीसीआई ने भुगतान में देरी का हवाला देते हुए गत दिसंबर में यह करार रद्द कर दिया था। यह मामला अभी अदालत के विचाराधीन है। निम्बस का दावा इस बात पर केन्द्रित है कि भारत ने अपनी पिछली तीन घरेलू वनडे सीरीजों में से दो में शीर्ष खिलाड़ियों को आराम दिया था।
न्यूजीलैंड के खिलाफ 2010 में हुई पांच मैचों की वनडे सीरीज में महेन्द्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर. वीरेन्द्र सहवाग और हरभजन सिंह को आराम दिया गया था। सुरेश रैना और जहीर खान ने भी पहले दो मैचों में ही हिस्सा लिया था।
धोनी और सचिन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले वर्ष हुई वनडे सीरीज में हिस्सा नहीं लिया था जबकि उस सीरीज के लिए कप्तान बनाए गए वीरेन्द्र सहवाग ने अंतिम वनडे में हिस्सा नहीं लिया था। बोर्ड ने सीनियर खिलाडियों को अनुरोध के आधार पर आराम देने की नीति बनायी है। इसी के तहत धोनी और सचिन ने आराम मांगा था।
अंतरराष्ट्रीय किेट परिषद (आईसीसी) के भविष्य दौरा कार्यम में भारत-पाकिस्तान सीरीज को जगह दी गयी थी। इस सीरीज को इस वर्ष मार्च-अप्रैल में होना था लेकिन इसके लिए टीम इंडिया के कैलेंडर में जगह ही नहीं है। टीम इंडिया को आस्ट्रेलिया के त्रिकोणीय सीरीज के बाद एशिया कप में हिस्सा लेना है और फिर अप्रैल में आईपीएल का पांचवां संस्करण शुरु हो जाएगा। पाकिस्तान ने 2007-08 में भारत का दौरा किया था जिसमें भारत ने टेस्ट सीरीज 1-0 से और वनडे सीरीज 3-2 से जीती थी।
दूसरी तरफ बीसीसीआई का दावा है कि उसका निम्बस पर अभी 305 करोड रपए का बकाया है। बांबे उच्च न्यायालय ने गत जनवरी में कंपनी को निर्देश दिया था कि या तो वह चार सप्ताह में इस राशि को सिक्योरिटी के तौर पर कोर्ट में जमा कराए या फिर इसकी बैंक गारंटी दे
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