जलवाहकों के लिए गठित होगी कमेटी

विज्येंदर शर्मा शिमला ---प्रदेश सरकार अंशकालिक जलवाहकों के लिए नीति निर्धारित करने के उद्देश्य से एक कमेटी गठित करने पर विचार करेगी जिसमें कर्मचारी नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। यह कमेटी अंशकालिक जलवाहकों के लिए प्रदेश सरकार कोएक वृहद् रिपोर्ट सौंपेगी। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज यहां उनके सरकारी निवास 'ओक ओवर' में उनसे मिलने आए अंशकालिक जलवाहकों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।मुख्यमंत्री ने कहा कि अंशकालिक जलवाहकों के लिए नीति तैयार करने उद्देश्य से पहले जो अधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी, उसकी सिफारिशों को लागू नहीं किया जाएगा। सरकार इसके लिए नए सिरे से कमेटी बनाएगी जिसमें कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस कमेटी का गठन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा और आगामी तीन महीनों में यह अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी। प्रस्तावित कमेटी अंशकालिक जलवाहकों के हितों की रक्षा के लिए नीति निर्धारण करेगी। इसके अन्तर्गत उन्हें पूर्ण कालिक बनाने और उसके पश्चात् नियमित करने के बारे में नीति बनाई जाएगी जिसके आधार पर प्रदेश सरकार इस श्रेणी के हितों की रक्षा के लिए आगामी कदम उठाएगी। इससे जलवाहकों की को अपनी सेवाओं में सुरक्षा महसूस होगी।प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त अंशकालिक जलवाहकों को विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के प्रयास करेगी। इसके अलावा, जल वाहकों की मानदेय संबंधी विसंगतियां दूर करने के प्रयास भी किए जाएंगे ताकि सम्पूर्ण वर्ग को समान मानदेय मिल सके। जलवाहकों के हितों की रक्षा के दृष्टिगत उनकी आयु और स्तर को भी ध्यान में रखा जाएगा।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की अनेक प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने में केन्द्र सरकार का भेदभावपूर्ण रवैया बड़ी बाधा बना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र सरकार ने हिमाचल का टैक्स हिस्सा समाप्त कर दिया है और इससे पहले विशेष औद्योगिक पैकेज भी निर्धारित अवधि से तीन वर्ष पहले ही वापिस ले लिया गया। प्रदेश सरकार के प्रति केन्द्र सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये की एक लम्बी सूची है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन प्रदेश सरकार ने पिछले चार वर्षों में ध्न की कमी के कारण विकास और कल्याण गतिविधियों की गति धीमी नहीं होने दी है और प्रदेश का समान एवं संतुलित विकास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अंशकालिक जलवाहक संघ के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उन्हें राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार आम आदमी की सरकार है, जिसने अपनी सभी नीतियां एवं कार्यक्रम आम आदमी पर केन्द्रित किए हैं।अंशकालिक जलवाहक संघ के प्रधान श्री भीम सिंह ने इस अवसर पर संघ की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 21 हजार रुपये का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री को भेंट किया।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र ठाकुर ने अंशकालिक जलवाहकों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा के शासनकाल में ही अंशकालिक जलवाहकों के लिए नीति बनाई गई थी और उनके मानदेय में भी वृद्धि हुई थी।महासंघ के वरिष्ठ नेता श्री इन्द्र सिंह ठाकुर ने अंशकालिक जलवाहकों की मानदेय में दो बार वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
अंशकालिक जलवाहक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री भीम सिंह ने जलवाहकों के हित में उठाए गए कदमों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष संघ का मांग पत्र पढ़ा और समस्याओं के शीघ्र समाधान का आग्रह किया।विधायक श्री गोविन्द शर्मा एवं श्री हृदय राम, प्रदेश् मीडिया सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष डा. अशोक कपाहटिआ, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के मुख्य सलाहकार श्री जोगिन्द्र वर्मा, महासंघ के कानूनी सलाहकार श्री घनश्याम शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ नेता इस अवसर पर उपस्थित थे।


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