उपराज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग
विजयेन्दर शर्मा
दिल्ली वैट विभाग के तानाशाही रवैय्ये और लगातार जारी किये जा रहे अनेक प्रकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ दिल्ली के व्यापारियों का संघर्ष अब सड़क पर आ गया है ! दिल्ली के प्रमुख व्यवसायिक बाज़ार चांदनी चौक के घंटाघर पर आज दिल्ली के व्यापारियों ने एक विरोध धरना देते हुए वैट विभाग द्वारा आगामी 15 मार्च से दिल्ली में लागू होने वाले फॉर्म टी-2 को वापिस लेने की मांग की और कहा की यदि ऐसा नहीं किया गया तो मजबूर होकर व्यापारियों को अपना संघर्ष तेज करना पड़ेगा जिसमें जरूरत पड़ने पर दिल्ली बंद भी जा सकती है ! व्यापारियों ने आरोप लगाया की दिल्ली में निर्वाचित सरकार न होने के कारण अफसरशाही निरंकुश होकर मनमाने फैसले ले रही है ! धरने में शामिल व्यापारियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से अफसरशाही के इस रवैय्ये पर लगाम कसने की अपील की !
धरने में दिल्ली के विभिन्न भागों के 200 से अधिक व्यापारिक संगठनों के व्यापारी बड़ी संख्या में मौजूद थे ! धरने की अध्यक्षता दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुरेश बिंदल ने की !धरने में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री महेंद्र शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया, दिल्ली प्रदेश के चेयरमैन श्री नरेंद्र मदान, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री रमेश खन्ना, प्रदेश महामंत्री श्री विजय पाल, प्रमुख व्यापारी नेता श्री सुशील गोयल,विजय गुप्ता, सतेन्द्र जैन, गोपाल गोयल, शंकर लाल अग्रवाल, देव राज बवेजा, हेमंत गुप्ता, हरीश सच्चर , राजेंद्र गुप्ता आदि शामिल हुए !
धरने में शामिल व्यापारी नेताओं ने वैट विभाग पर आरोप जड़ते हुए कहा की व्यापारियों के लाख सहयोग देने के बावजूद भी विभाग की नीतियों और रोज़ नए नए आदेशों से दिल्ली के व्यापारी बेहद परेशान हैं क्योंकि हर एक आदेश एक नए कागज़ की खानापूर्ति का बोझ व्यापारियों पर डालता है ! खेद है की आदेश जारी करने से पहले विभाग वैट एडवाइजरी समिति से भी कोई सलाह मशवरा नहीं करता ! एडवाइजरी समिति यदि उपयोगी नहीं है तो विभाग उसको भंग कर दे ! व्यापारी बेहद मुश्किलों का सामना करते हुए सरकार के लिए राजस्व इकठा करता है लेकिन उसकी पीठ थपथपाने के बजाय उसको शक की निगाह से देखा जाता है और व्यापारियों को कर सहित अन्य कानूनों के जाल में ही फंसाये रखने की कवायद की तरफ विभाग का ध्यान ज्यादा रहता है !
इसी बीच धरने में शामिल व्यापारियों को कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की इन्ही मुद्दों पर दिल्ली के वैट आयुक्त श्री प्रशांत गोयल ने कल रात उन्हें फोन किया और व्यापारियों द्वारा उठाये गए मुद्दो को सुलझाने की पेशकश की है और इस सम्बन्ध में वे दिल्ली के व्यापारी नेताओं की एक महतवपूर्ण बैठक 14 मार्च को बुला रहे हैं जिसमें आपसी बातचीत के आधार पर मुद्दों का समाधान किया जायेगा ! श्री गोयल ने यह भी कहा की विभाग व्यापारियों को परेशान नहीं करना चाहता है लेकिन वैट राजस्व पूरी तरह प्राप्त हो जाए इसमें व्यापारियों का सहयोग अपेक्षित है ! श्री खंडेलवाल ने उम्मीद जताई है की वैट आयुक्त व्यपारियों की समस्याओं और व्यवहारिक कठिनाईओं को अवश्य ध्यान में रखेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे !
व्यापारियों ने कहा की दिल्ली में किसी भी सामान को प्रवेश देने से पहले फॉर्म टी -2 के माध्यम से विभाग को ऑनलाइन जानकारी देना, प्रत्येक व्यापारी को अपनी दुकान पर पिछले सात सालों के बही खातों को रखना और माल बेचने वाले व्यापारी के सही-गलत होने की जिम्मेदारी माल खरीदने वाले व्यापारी पर डालना और ऐस न करने के एवज में व्यापारियों पर पेनल्टी और कारावास तक के प्रावधान बेहद अनुचित, एकपक्षीय, और अव्यवहारिक हैं ! इन प्रावधानों से जहाँ व्यापारियों को नयी नयी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा वहीँ दूसरी ओर दिल्ली का व्यापार अन्य राज्यों में हस्तांतरित हो जाएगा ! व्यपारियों ने कहा की व्यापारियों के लम्बे समय से विभाग में पड़े रिफंड, विभाग के कंप्यूटर से व्यापारियों द्वारा दी गयी जानकारी का गायब हो जाना जैसे विषयों को ठीक करने पर विभाग का कोई ध्यान ही नहीं है ! विभाग को चाहिए की वो पहले अपने सिस्टम को चुस्त दुरुस्त करे ओर विभाग के अधिकारीयों को व्यापारियों को तंग न करने की नसीहत दे ! व्यापारी भी विभाग के राजस्व में वृद्धि करने हेतु विभाग के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है लेकिन सहयोग बराबरी के स्तर पर होना चाहिए !