यात्रा को रोकने की बजाय तिरंगे का स्वागत करने आएं मुख्‍यमंत्री : अनंत कुमार


यात्रा को रोकने की बजाय तिरंगे का स्वागत करने आएं मुख्‍यमंत्री : अनंत कुमार
भाजपा राष्‍ट्रीय महासचिव श्री अनंत कुमार ने जम्मू एवं कश्‍मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को मशविरा दिया कि वह राष्‍ट्रीय एकता यात्रा को रोकने की बजाय मुख्यमंत्री की हैसियत से तिरंगे का स्वागत करने आएं। श्री कुमार ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि उमर ने मुख्यमंत्री पद की शपथ में तिरंगे के सम्मान की रक्षा करने का वचन दिया था, इसलिए उनकी पहली जिम्मेदारी है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को इस अधिकार से वंचित नहीं होने देना।
भाजयुमो की राष्‍ट्रीय एकता यात्रा के मथुरा पहुंचने पर उसका भव्य स्वागत हुआ। वहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए श्री अनंत कुमार ने कहा हमारा लक्ष्य जम्मू एवं कश्‍मीर का विकास है। भाजपा शासित नौ राज्यों में जिस प्रकार विकास हुआ है, हम कश्‍मीर को उसी तरह से विकसित देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा उमर अब्दुल्ला का हठ ठीक नहीं है। वह किसी अन्य देश के मुख्यमंत्री नहीं हैं, बल्कि भारत के अभिन्न अंग जम्मू एवं कश्‍मीर के मुख्यमंत्री हैं। इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि राज्य में तिरंगे का सम्मान वह सुनिश्चित करें। जनसमूह को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने छह दशक में कश्‍मीर के लिए संघर्ष करते हुए कई बलिदान दिए। केन्द्र की सरकार कश्‍मीर समस्या की अनदेखी कर रही है। जिस कारण यह समस्या और गंभीर होती जा रही है। केन्द्र का सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम में संशोधन का पक्षधर होना दुर्भाग्य की बात है। पाक अधिकृत कश्‍मीर को वापस लेने के लिए संसद में प्रस्ताव पारित किया गया था। भारत सरकार को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए भाजयुमो राष्‍ट्रीय अध्यक्ष श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारतीय संसद में खड़े होकर जो उमर अब्दुल्ला भारत की अखण्डता की बात किया करते थे, मुख्यमंत्री बनते ही उन्हें घाटी में कर्फ्यू के हालात देखने का सपना कैसे आना लगा। उमर अब्दुल्ला की यह सोच और केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकारों की अलगाववाद भाषा से क्या कश्‍मीर समस्या हल होगी?
कश्मीरी पंडितों की पीड़ा उजागर करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि दो दशक हो गए उन्हें घर से बेदखल किए हुए लेकिन केन्द्र और राज्य सरकार को उनकी घर वापसी की कोई फिक्र नहीं है। श्री ठाकुर ने केन्द्र सरकार से विस्थापित कश्‍मीरी पंडितों का पुर्नवास करने की मांग करते हुए कहा कि आतंकियों की वजाय सरकार को कश्‍मीर पीड़ितों का दर्द महसूस कर उनकी घर वापसी का प्रबंध करना चाहिए

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