कांग्रेस सरकार के असहयोग के कारण हिमाचल में रेलवे परियोजनाओं के पूरा होने में विलंब: अनुराग सिंह ठाकुर
भानुपली-बिलासपुर-बेरी रेलवे लाइन पर अब तक ₹5,252 करोड़ का खर्च, राज्य का ₹1,843 करोड़ का हिस्सा बकाया: अनुराग सिंह ठाकुर
केंद्र, राज्य और रेलवे प्रतिनिधियों बने एक जॉइंट मॉनिटरिंग सेल: अनुराग सिंह ठाकुर
संसद में अनुराग सिंह ठाकुर ने उठाया हिमाचल में रेल परियोजनाओं में देरी का मुद्दा,
हिमाचल सरकार के सहयोग न करने से ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में रुकावट आने पर श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने जताई चिंता
3 दिसंबर 2025, हिमाचल प्रदेश: पूर्व केंद्रीय मंत्री हमीरपुर लोकसभा सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज लोकसभा में बिना तारांकित सवालों के ज़रिए हिमाचल प्रदेश को प्रभावित करने वाले कई अहम रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में राज्य सरकार के सहयोग न करने की वजह से हो रही लंबी देरी पर गंभीर चिंता जताई। लोकसभा में अपने लिखित जवाब में, रेल मंत्रालय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से समय पर सहयोग न करना और तय वादों को पूरा न करना प्रोजेक्ट के काम में रुकावट और तय समयसीमा को पर कार्य पूरा ना होने की वजह है।
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा " हिमाचल में रेलवे सेवाओं के विस्तार व नई रेल परियोजनाओं को लाने के लिए मैं सदा प्रयासरत रहा हूँ। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की उदासीनता के चलते सामरिक महत्व की कई रेल परियोजनाओं की रफ्तार सुस्त पड़ी हुई है। हिमाचल में रेलवे को लेकर संसद में मेरे द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्रालय का कहना है कि भानुपली-बिलासपुर-बेरी नई लाइन – जिसे कॉस्ट-शेयरिंग के आधार पर मंज़ूरी दी गई थी, पर अब तक ₹5,252 करोड़ का खर्च हो चुका है, जबकि राज्य का ₹1,843 करोड़ का बकाया हिस्सा अभी भी बकाया है, जिससे बाकी का काम रुका हुआ है। मंत्रालय ने यह भी बताया है कि राज्य में प्रोजेक्ट्स के लिए ज़रूरी 124.02 हेक्टेयर में से अब तक सिर्फ़ 82 हेक्टेयर जमीन ही मिली है , जिसका मतलब है कि कंस्ट्रक्शन सिर्फ़ उसी ज़मीन पर हो सकता है जो पहले ही दी जा चुकी है। इसके अलावा, कुल 214 किमी(मंज़ूर लागत ₹17,622 करोड़) के तीन मंज़ूर नए लाइन प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं, जिनमें से 64 किमी चालू हो चुके हैं और उनपर अब तक ₹8,280 करोड़ खर्च हो चुके हैं। सामरिक रूप से महत्वूर्ण प्रस्तावित बिलासपुर-मनाली-लेह स्ट्रेटेजिक लाइन, जिसके लिए सर्वे और DPR का काम पूरा हो चुका है, जिसकी अनुमानित लागत ₹1,31,000 करोड़ है और इसे मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफ़ेंस ने स्ट्रेटेजिक रूप से महत्वपूर्ण माना है"
श्री अनुराग सिंह ने कहा " माननीय रेलवे मंत्री जी ने अपने जवाब में इस बात पर ज़ोर दिया है कि केंद्र के पास इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का इरादा और फंडिंग है, लेकिन ज़मीन देने, तय फंड जारी करने और कानूनी मंज़ूरी में समय पर राज्य का अपेक्षित सहयोग मिलना आवश्यक है जोकि नहीं मिल पा रहा है। मंत्रालय के लिखित जवाब से यह साफ़ है कि राज्य के कमिटमेंट में लगातार कमी, जिसमें राज्य का योगदान न देना, ज़मीन अधिग्रहण में देरी और कानूनी/मंज़ूरी के मुद्दे जिनका समाधान नहीं हुआ है, प्रोजेक्ट की टाइमलाइन में बड़ी रुकावट डाल रहे हैं और लागत बढ़ने का खतरा बढ़ा रहे हैं। साथ ही, मंत्रालय ने दोहराया कि भारत सरकार प्रोजेक्ट्स को पूरा करने और उन्हें सपोर्ट करने के लिए तैयार है, बशर्ते राज्य से ज़रूरी सहयोग और योगदान मिले"
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्य का बकाया हिस्सा तुरंत जारी करने और बाकी ज़मीन के टुकड़े जल्दी सौंपने के साथ-साथ कानूनी मंज़ूरी के लिए एक तेज़ प्रोग्राम शुरू करने की अपील की है। उन्होंने केंद्र, राज्य और रेलवे के प्रतिनिधियों का एक जॉइंट मॉनिटरिंग सेल बनाने की मांग की है, जो ज़रूरी पड़ाव हासिल होने और प्रोजेक्ट की रफ़्तार वापस आने तक हर दो हफ़्ते में मिलेंगे।
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के विकास और भलाई पर सीधे असर डालने वाले मुद्दों को उठाने का अपना वादा दोहराया और राज्य सरकार से कहा कि वह आगे की देरी से बचने के लिए पेंडिंग मामलों को तुरंत सुलझाए।
Bijender Sharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
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