“पहाड़ी पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण की चुनौतियों पर क्षेत्रीय कार्यशाला” का आयोजन 22-23 अक्टूबर को शिमला में


राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (रा. आ. प्र. प्रा.), गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न प्राकृतिक खतरों के लिए भारतीय हिमालयी क्षेत्र (प्भ्त्) की उच्च भेद्यता/अनसदमतंइपसपजल को ध्यान में रखते हुए दो क्षेत्रीय कार्यशालाएँ आयोजित करने की योजना बनाई है। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य हिमालयी राज्यों के विभिन्न हितधारको को मुख्यधारा में लाने के साथ विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के बारे में अवगत कराना तथा इनका विशिष्ट समाधान निकालना हैं। इस तरह की पहली कार्यशाला गैंगटोक, सिक्किम में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आयोजित की गई थी, जबकि दूसरी पश्चिमोत्तर और मध्य हिमालयी क्षेत्र के लिए शिमला में आयोजित की जा रही है। अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में, हिमाचल प्रदेश सरकार, हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (हि. प्र. रा. आ. प्र. प्रा.) और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एंव पर्यावरण परिषद (भ्प्डब्व्ैज्म्) के माध्यम से उत्तराखंडए जम्मू-कश्मीर एवं लदाख केंद्र शासित प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश राज्य के हितधारकों के लिए “पहाड़ी पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण की चुनौतियों पर क्षेत्रीय कार्यशाला” का आयोजन 22-23 अक्टूबर, 2019 को होटल हॉलिडे होमए शिमला में कर रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य पहाड़ी शहर आपदा जोखिम न्यूनीकरण के संबंध में और इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए विशिष्ट समाधान/योजनाएं तैयार करना है। इस कार्यशाला में प्रशासकों, शोधकर्ताओं, टेक्नोक्रेट और नीति निर्माताओं द्वारा भाग लिया जाएगा। विचार-विमर्श मुख्य रूप से निम्नलिखित व्यापक विषयों पर केंद्रित होगा। ऽ भूवैज्ञानिक खतरे; ऽ वायुमंडलीय और हाइड्रो-मौसम विज्ञान; ऽ संस्थागत तैयारी; ऽ राज्य सरकार की पहल और आपदा प्रबंधन में अनुभव साझा करना। दो दिनों की इस कार्यशाला में उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर एंव लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश तथा हिमाचल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित लगभग 150-200 प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है, इसके अलावा हिमाचल प्रदेश राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल उपस्थित होगा। श्री डी०सी० राणा, निदेशक-एवं-विशेष सचिव ( राजस्व-आपदा प्रबन्धन) ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे और 22 अक्टूबर, 2019 को प्रातः 9.30 पर होटल हॉलिडे होम में कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे और इन हिमालयन राज्य के अधिकारियों को सम्बोधित करेंगे। श्री कमल किशोर, माननीय सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (रा. आ. प्र. प्रा.), गृह मंत्रालय, भारत सरकार इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर और उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य वक्ता होंगे। श्रीमती सरवीण चौधरी, माननीय मंत्री (शहरी विकास) हिमाचल प्रदेश, इस अवसर पर सम्मानित अतिथि होंगी। निदेशक-एवं-विशेष सचिव (राजस्व-आपदा प्रबन्धन) ने बताया कि दो दिनों की कार्यशाला का इस तरह से सृजन किया गया है कि इसमें चार तकनीकी सत्र होंगेः खतरा, अति संवेदनशीलता, जोखिम मूल्यांकन, पहाड़ी कस्बे में भवन उपनियमों के अनुपालन में सुधार, आपदा न्यूनीकरण और तैयारी, आपदा प्रतिक्रिया और पुनर्प्राप्ति में सुधार पर विचार विमर्श होगा। इन व्यापक क्षेत्रों के संदर्भ में एन०जी०आर०आई हैदराबाद, जी०एस०आई चंडीगढ़, एन०आई०टी हमीरपुर, आई०आई०टी मद्रास, बॉम्बे और मंडी, आई०एम०डी, नई दिल्ली के प्रमुख वैज्ञानिक और हिमालयी राज्यों के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारी प्रस्तुतियाँ देंगे, जिसके बाद ओपन हाउस चर्चा होगी। दो दिनों की कार्यशाला का परिणाम उत्तर-पश्चिमी हिमालयी राज्यों के पहाड़ी कस्बों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण की चुनौतियों को कम करने के लिए विभिन्न उपायों के रूप में होगी, ताकि भविष्य में आपदा प्रभाव न केवल कम से कम हो, बल्कि बहुमूल्य मानव जीवन और बुनियादी ढांचे को भी बचाया जा सके।

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