करोना की तीसरी लहर में निशाना बच्चों पर,सरकार शीघ्र युद्धस्तर पर इंतज़ाम करे-कांग्रेस

विशेषज्ञों के अनुसार आगामी समय में करोना की तीसरी लहर में बच्चों पर इसका असर होने का अंदेशा जताया है जिसके चलते सरकार को समय पूर्व सभी सुरक्षा इंतज़ामात करने होंगे।यह सुझाव प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज प्रदेश सरकार को दिए।उन्होंने कहा कि 25 वर्ष तक कि आयुवर्ग में देश की लगभग 38 प्रतिशत आवादी आती है।अतः यह आवश्यक है कि इस वर्ग को करोना से बचाने हेतु उचित सुरक्षा एवम उपचार के साधन तैयार किए जाएं।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बच्चों के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के आंकड़े ज़्यादा उत्साहवर्धक नहीं हैं।बाल रोग विशेषज्ञ,नर्सिज़ के अतिरिक्त बच्चों के लिए विशेष हेल्थ सिस्टम की कमी है। क्योंकि बच्चों के लिए आईसीयू सहित सभी तरह के उपकरण आदि अलग किस्म के होते हैं अतः सरकार को सभी तरह के संसाधनों को शीघ्र जुटाने की आवश्यकता है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हम यह सब सुझाव सरकार को इस लिए दे रहे हैं ताकि समय रहते सभी तरह की आवश्यक तैयारियां की जा सकें।उन्होंने कहा कि समय आने पर किसी भी तरह की बहानेबाजी की गुंजाइश न रहे अतः यह आवश्यक है कि सरकार शीघ्र उचित इंतज़ाम कर ले।दीपक शर्मा ने कहा कि संक्रमित बच्चों का इलाज करने के लिए स्वास्थ ढांचे को अभी से चुस्त-दुरुस्त करने की ज़रूरत है।इससे निपटने के लिए सरकार को रणनीति तैयार करनी होगी।उन्होंने कहा कि उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य सरकार कांग्रेस पार्टी द्वारा दिए गए सुझावों को रचनात्मक दृष्टिकोण से लेकर उचित कार्यवाही करेगी ताकि देश के भविष्य के ऊपर जो खतरे की आशंका जताई जा रही है उससे निपटा जा सके।कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह करोना संकटकाल के प्रथम और द्वितीय दौर में सरकार ने लापरवाही का परिचय दिया वैसा आगे नहीं होना चाहिए।सरकार की लापरवाही का बहुत बड़ा ख़मियाज़ा प्रदेश की जनता भुगत रही है।अगर सरकार ने समय रहते कांग्रेस पार्टी द्वारा दिए गए सुझावों पर गौर किया होता तो बहुत हद तक हुए नुकसान से बचा जा सकता था लेकिन सरकार पूर्वाग्रहों से ग्रसित रही और सत्ता के अभिमान में चूर हो कर किसी भी रचनात्मक, सार्थक सुझाव पर कार्यवाही करने से गुरेज करती रही। जिसकी वजह से प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।कांग्रेस नेता ने कहा कि बर्तमान समय राजनीति से ऊपर उठ कर मानवता को बचाने का है अतः भाजपा सरकार संकीर्ण मानसिकता को छोड़ कर रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाए ताकि प्रदेश का भला हो सके और करोना महामारी के प्रकोप से जनता की सुरक्षा सम्भव हो सके।

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  1. हिमाचल प्रदेश में बच्चों के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के आंकड़े ज़्यादा उत्साहवर्धक नहीं हैं।बाल रोग विशेषज्ञ,नर्सिज़ के अतिरिक्त बच्चों के लिए विशेष हेल्थ सिस्टम की कमी है। क्योंकि बच्चों के लिए आईसीयू सहित सभी तरह के उपकरण आदि अलग किस्म के होते हैं

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