नदी नालों और खड्डों के किनारे जाने से परहेज करें लोग
राहत और पुनर्वास के कार्यों में किसी तरह की कोताही न बरतें: डीसी
जिला तथा उपमंडल स्तर पर 24 घंटें खुले रहेंगे आपदा कंट्रोल रूम
धर्मशाला, 12 जुलाई (विजयेन्दर शर्मा)। । उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि मानसून सीजन के दौरान नदी नालों तथा खड्डों के नजदीक जाने से लोग परहेज करें तथा बाढ़ तथा भूस्खलन को लेकर संवेदनशील जगहों पर नहीं जाने की हिदायतें भी दी गई हैं और कुछ जगहों पर ज्यादा पानी आने पर लोगों को दूसरी जगहों पर विस्थापित भी किया गया है। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राहत तथा पुनर्वास के कार्यों को त्वरित प्रभाव से पूरा किया जाए और किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरतें ताकि प्रभावित लोगों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं झेलनी पड़े।
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए जिला तथा उपमंडल स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं मानसून सीजन में यह कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहेंगे ताकि आपदा से त्वरित प्रभाव से निपटा जा सके। आपदा की स्थिति में जिला मुख्यालय कंट्रोल रूम से टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण भी उपमंडल स्तर पर उपलब्ध करवाए गए हैं इसके साथ ही होमगार्ड तथा वालंटियर्स की टीमें भी गठित की गई हैं जो कि आपदा के दौरान त्वरित प्रभाव से कार्य करेंगी।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों को मानसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने निर्देश भी दिए गए हैं ताकि आपदा प्रबंधन का कार्य सुचारू रूप से सके। उन्होंने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी नियमित तौर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाए गए हैं ताकि आम जनमानस पहले से ही मौसम को लेकर पहले से अलर्ट रहें। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग, आईपीएच तथा विद्युत विभाग को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से जेसीबी मशीनें और आवश्यक उपकरण भी पहले से तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए सड़कों में पानी की निकासी इत्यादि की भी उचित व्यवस्था करने, शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में में नालों तथा गंदे पानी की निकासी के लिए निर्मित नालियों की भी उचित सफाई की जाए ताकि पानी का प्रवाह सुचारू रूप से चलता रहे। उन्होंने आईपीएच विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी पेयजल भंडारण टैंकों की सफाई तथा पानी की क्लोरीनेश किया जाए ताकि लोगों को शुद्व पेयजल उपलब्ध हो सके और जलजनित रोगों से भी बचाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग को भी आवश्यक खाद्य वस्तुओं का दो माह का भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
राहत और पुनर्वास के कार्यों में किसी तरह की कोताही न बरतें: डीसी
जिला तथा उपमंडल स्तर पर 24 घंटें खुले रहेंगे आपदा कंट्रोल रूम
धर्मशाला, 12 जुलाई (विजयेन्दर शर्मा)। । उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि मानसून सीजन के दौरान नदी नालों तथा खड्डों के नजदीक जाने से लोग परहेज करें तथा बाढ़ तथा भूस्खलन को लेकर संवेदनशील जगहों पर नहीं जाने की हिदायतें भी दी गई हैं और कुछ जगहों पर ज्यादा पानी आने पर लोगों को दूसरी जगहों पर विस्थापित भी किया गया है। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राहत तथा पुनर्वास के कार्यों को त्वरित प्रभाव से पूरा किया जाए और किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरतें ताकि प्रभावित लोगों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं झेलनी पड़े।
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए जिला तथा उपमंडल स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं मानसून सीजन में यह कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहेंगे ताकि आपदा से त्वरित प्रभाव से निपटा जा सके। आपदा की स्थिति में जिला मुख्यालय कंट्रोल रूम से टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण भी उपमंडल स्तर पर उपलब्ध करवाए गए हैं इसके साथ ही होमगार्ड तथा वालंटियर्स की टीमें भी गठित की गई हैं जो कि आपदा के दौरान त्वरित प्रभाव से कार्य करेंगी।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों को मानसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने निर्देश भी दिए गए हैं ताकि आपदा प्रबंधन का कार्य सुचारू रूप से सके। उन्होंने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी नियमित तौर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाए गए हैं ताकि आम जनमानस पहले से ही मौसम को लेकर पहले से अलर्ट रहें। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग, आईपीएच तथा विद्युत विभाग को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से जेसीबी मशीनें और आवश्यक उपकरण भी पहले से तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए सड़कों में पानी की निकासी इत्यादि की भी उचित व्यवस्था करने, शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में में नालों तथा गंदे पानी की निकासी के लिए निर्मित नालियों की भी उचित सफाई की जाए ताकि पानी का प्रवाह सुचारू रूप से चलता रहे। उन्होंने आईपीएच विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी पेयजल भंडारण टैंकों की सफाई तथा पानी की क्लोरीनेश किया जाए ताकि लोगों को शुद्व पेयजल उपलब्ध हो सके और जलजनित रोगों से भी बचाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग को भी आवश्यक खाद्य वस्तुओं का दो माह का भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
Bijender Sharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
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