तवाही को रोका जा सकता था: सुधीर शर्मा


तवाही को रोका जा सकता था: सुधीर शर्मा
खड्डों के चैनलाइजेशन की DPR केंद्र सरकार ने नहीं की थी मंजूर
  धर्मशाला 31 जुलाई (विजयेन्दर  शर्मा) ।  केंद्र सरकार के अधीन महाराष्ट्र स्थित सेंट्रल वाटर एवं पावर रिसर्च स्टेशन ने धर्मशाला की मांझी, मनूणी एवं चरान आदि खड्डों के चैनलाइजेशन की डी.पी.आर. को मंजूरी दे दी होती तो आज यह तबाही नहीं होती। 
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग भी की है कि उक्त डी.पी.आर. को रिवाइज कर के एक बार पुन: मंजूरी के लिए भेजा जाए और इस परियोजना का कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि धर्मशाला के अंतर्गत मांझी खड्ड में आए भारी एवं तेज जल प्रवाह से हुई तवाही को समय रहते रोका जा सकता था। मांझी खड्ड की चपेट में आने से दर्जनों परिवार प्रभावित हुए हैं, साथ ही पुलों, पेयजल परियोजनाओं सहित करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि उनके मंत्री रहते मांझी, चरान और मनूणी खड्ड सहित अन्य खड्डों का चैनलाईजेशन करने की योजना बनाई गई थी, जिसके तहत संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं एक्सपर्टस की देखरेख में एक डी.पी.आर. बना कर केंद्र सरकार के अधीन सैंट्रल वाटर एवं पावर रिसर्च स्टेशन महाराष्ट्र के निदेशक को प्रेषित की गई थी। वर्ष 2015-16 में तैयार की गई डी.पी.आर. 95.34 करोड़ रुपए की थी जिसे अंतिम मंजूरी नहीं दी गई। सुधीर शर्मा ने कहा कि उक्त खड्डों के किनारे निवास कर रहे परिवारों के भविष्य को देखते हुए इस योजना पर कार्य किया गया था, धर्मशाला में यह पहला मौका नहीं था जब बरसात के मौसम में तेज जल प्रवाह के कारण नुकसान हुआ हो। इससे पूर्व भी जल शक्ति विभाग, विद्युत विभाग सहित स्थानीय लोगों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। धर्मशाला से सुधीर शर्मा के विधायक एवं मंत्री रहने से पूर्व किसी भी जन प्रतिनिधियों ने खड्डों के चैनलाईजेशन की ओर ध्यान नहीं दिया और मौजूदा जन प्रतिनिधि भी इस मामले को गहनता से नहीं ले रहे हैं। केंद्र सरकार ने यदि उक्त डी.पी.आर. को मंजूरी दे दी होती तो आज तवाही का यह मंजर नहीं होता। धर्मशाला में सत्तासीन भाजपा के ही विधायक हैं और सांसद भी धर्मशाला में ही निवास करते हैं। इन जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि भविष्य को देखते हुए खड्डों के चैनलाईजेशन की ओर ध्यान दिया जाए ताकि हर वर्षों होने वाले करोड़ों के जान-माल के नुकसान को रोका जा सके। सुधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार के मांग उठाई है कि इस डी.पी.आर. को रिवाईज़ करके एक बार फिर मंजूरी के लिए भेजा जाना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
BIJENDER SHARMA

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