प्रदेश में सहकारी सभाओं की भूमिका अहम-सुरेश भारद्वाज
लाहला में 68वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का किया शुभारंभ
पालमपुर, 14 नवंबर (विजयेन्दर शर्मा) । : हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विकास संघ शिमला के तत्वावधान में 68वें राज्य स्तरीय अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का शुभारंभ शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन तथा विधि, संसदीय कार्य एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने किया।
रविवार को पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लाहला के प्रांगण में आयोजित भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ सहकारिता मंत्री ने सहकारी ध्वज फहराकर किया।
लोगों को संबोधित करते हुए भारद्वाज ने कहा कि किसी भी सहकारी संस्था की उन्नति उनके कुशल नेतृत्व, प्रशिक्षित अधिकारी- कर्मचारियों एवं जागरूक सदस्यों पर निर्भर होती है । उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। क्योंकि इस क्षेत्र में स्वरोजगार की व्यापक क्षमता हैं। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को जमीनी स्तर पर पहुंचाया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण आबादी तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 4843 सहकारी सभाएं कार्यशील हैं। इनके 17 लाख से अधिक सदस्य और 32788 करोड़ रुपए की सक्रिय पूंजी है। यह सभाएं प्रदेश की 3226 ग्राम पंचायतों में 3159 डिपुओं के संचालन के साथ आम जनता तक वस्तुओं के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने कहा कि उचित मूल्य की इन दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को आवश्यक सामग्री के साथ साथ किसानों और बागवानों को खाद, कीटनाशक और कृषि उपकरण इत्यादि भी वितरित किए जा रहे हैं। किसानों, बागवानों व अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रदेश में कार्यशील 548 सहकारी बैंकों से ऋण उपलब्ध किये जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि प्रदेश के दो जिलों सोलन व मंडी के लिए द्वितीय चरण की आइसीडीपी के कार्यान्वय हेतु क्रमशः 73.20 करोड़ व 89.57 करोड़ रुपये की लागत का क्रियान्वय किया जा रहा है। इस समारोह में सहकारिता आंदोलन के समक्ष आ रही कठिनाइयों पर भी मंथन और सहकारिता आंदोलन को सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई
भारद्वाज ने कहा कि सहकारी सभाएं लोकतंत्र और आत्मनिर्भरता की मूलभूत इकाइयां हैं। हिमाचल प्रदेश ने सहकारिता आंदोलन में देश का नेतृत्व किया है। पहली सहकारी सभा का गठन ऊना ज़िला के पंजावर में वर्ष 1892 में मियां हीरा सिंह ने भू-संरक्षण सहकारी सभा गठित की थी तथा पूरे देश को सहकारिता का मंत्र दिया। उन्होंने सहकारी सभाओं को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से कार्य करने के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक सहकारी सभाओं का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है इसमें प्रथम चरण में 300 सहकारी सभाओं को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए हर सम्भव उपाय कर रही है। सहकारी सभाएं प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक सभी आवश्यक वस्तुओं के वितरण का जिम्मा उठा रही है और विशेषकर कोविड-19 के इस दौर में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को लोगों तक पहुचानें में इन सभाओं ने उल्लेखनीय योगदान दिया है।
भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में किसानों की फसलों के लिए उचित बाजार उपलब्ध हो सके इसके लिए सहकारिता विभाग तेजी से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग ने एक योजना बना कर प्रदेश में एक वर्ष में 100 कृषक उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य रखा था। पिछले एक महीने में 18 एफपीओ बनाए गए। इसके अलावा अन्य की प्रक्रिया जारी है। भारद्वाज ने कहा कि एक एफपीओ के माध्यम से कम से कम 100 किसान को जोड़ा जायेगा।
इससे पहले मुख्यातिथि ने विभिन्न सहकारी समितियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत कार्यक्रम के लिए 32 हजार रुपये देने की घोषणा की । उन्होंने पालमपुर में नवगठित 50 पंजीकृत सहकारी सभाओं को पंजीकरण प्रमाण पत्र भी वितरित किये।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं वूल फ़ेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि सहकरिता के क्षेत्र में पालमपुर में 50 नई सहकारी सभाओं के पंजीकरण एक उपलब्धि है। उन्होंने पालमपुर को नगर निगम का दर्जा देने के लिए प्रदेश सरकार और मंत्री का आभार भी प्रकट किया।
कार्यक्रम में सचिव सहकारिता एवं वित्त अक्षय सूद, पंजीयक सहकारी सभाएं राजेश शर्मा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार रमेश माल्टा , अध्यक्ष केपीआरडी कमल नैन, अध्यक्ष एचपी सेक्रेटरी यूनियन सर्वजीत सिंह, भाजपा ज़िला अध्यक्ष चंद्र भूषण नाग, विनय शर्मा, ज़िला परिषद सदस्य मंगला चौधरी, सहायक रजिस्ट्रार रेणु महाजन,जिला सहकारी विकास संघ के अध्यक्ष करनैल राणा, विपिन, सुरिंदर गुलेरिया, पूर्ण ठाकुर, सुरजीत राणा,एसडीएम पालमपुर डॉ०राकेश गुलेरिया,बीडीओ भवारना संकल्प गौतम,डीएसपी गुरुबचन सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में सहकार बंधू उपस्थित थे।
लाहला में 68वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का किया शुभारंभ
पालमपुर, 14 नवंबर (विजयेन्दर शर्मा) । : हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विकास संघ शिमला के तत्वावधान में 68वें राज्य स्तरीय अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का शुभारंभ शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन तथा विधि, संसदीय कार्य एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने किया।
रविवार को पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लाहला के प्रांगण में आयोजित भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ सहकारिता मंत्री ने सहकारी ध्वज फहराकर किया।
लोगों को संबोधित करते हुए भारद्वाज ने कहा कि किसी भी सहकारी संस्था की उन्नति उनके कुशल नेतृत्व, प्रशिक्षित अधिकारी- कर्मचारियों एवं जागरूक सदस्यों पर निर्भर होती है । उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। क्योंकि इस क्षेत्र में स्वरोजगार की व्यापक क्षमता हैं। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को जमीनी स्तर पर पहुंचाया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण आबादी तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 4843 सहकारी सभाएं कार्यशील हैं। इनके 17 लाख से अधिक सदस्य और 32788 करोड़ रुपए की सक्रिय पूंजी है। यह सभाएं प्रदेश की 3226 ग्राम पंचायतों में 3159 डिपुओं के संचालन के साथ आम जनता तक वस्तुओं के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने कहा कि उचित मूल्य की इन दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को आवश्यक सामग्री के साथ साथ किसानों और बागवानों को खाद, कीटनाशक और कृषि उपकरण इत्यादि भी वितरित किए जा रहे हैं। किसानों, बागवानों व अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रदेश में कार्यशील 548 सहकारी बैंकों से ऋण उपलब्ध किये जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि प्रदेश के दो जिलों सोलन व मंडी के लिए द्वितीय चरण की आइसीडीपी के कार्यान्वय हेतु क्रमशः 73.20 करोड़ व 89.57 करोड़ रुपये की लागत का क्रियान्वय किया जा रहा है। इस समारोह में सहकारिता आंदोलन के समक्ष आ रही कठिनाइयों पर भी मंथन और सहकारिता आंदोलन को सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई
भारद्वाज ने कहा कि सहकारी सभाएं लोकतंत्र और आत्मनिर्भरता की मूलभूत इकाइयां हैं। हिमाचल प्रदेश ने सहकारिता आंदोलन में देश का नेतृत्व किया है। पहली सहकारी सभा का गठन ऊना ज़िला के पंजावर में वर्ष 1892 में मियां हीरा सिंह ने भू-संरक्षण सहकारी सभा गठित की थी तथा पूरे देश को सहकारिता का मंत्र दिया। उन्होंने सहकारी सभाओं को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से कार्य करने के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक सहकारी सभाओं का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है इसमें प्रथम चरण में 300 सहकारी सभाओं को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए हर सम्भव उपाय कर रही है। सहकारी सभाएं प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक सभी आवश्यक वस्तुओं के वितरण का जिम्मा उठा रही है और विशेषकर कोविड-19 के इस दौर में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को लोगों तक पहुचानें में इन सभाओं ने उल्लेखनीय योगदान दिया है।
भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में किसानों की फसलों के लिए उचित बाजार उपलब्ध हो सके इसके लिए सहकारिता विभाग तेजी से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग ने एक योजना बना कर प्रदेश में एक वर्ष में 100 कृषक उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य रखा था। पिछले एक महीने में 18 एफपीओ बनाए गए। इसके अलावा अन्य की प्रक्रिया जारी है। भारद्वाज ने कहा कि एक एफपीओ के माध्यम से कम से कम 100 किसान को जोड़ा जायेगा।
इससे पहले मुख्यातिथि ने विभिन्न सहकारी समितियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत कार्यक्रम के लिए 32 हजार रुपये देने की घोषणा की । उन्होंने पालमपुर में नवगठित 50 पंजीकृत सहकारी सभाओं को पंजीकरण प्रमाण पत्र भी वितरित किये।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं वूल फ़ेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि सहकरिता के क्षेत्र में पालमपुर में 50 नई सहकारी सभाओं के पंजीकरण एक उपलब्धि है। उन्होंने पालमपुर को नगर निगम का दर्जा देने के लिए प्रदेश सरकार और मंत्री का आभार भी प्रकट किया।
कार्यक्रम में सचिव सहकारिता एवं वित्त अक्षय सूद, पंजीयक सहकारी सभाएं राजेश शर्मा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार रमेश माल्टा , अध्यक्ष केपीआरडी कमल नैन, अध्यक्ष एचपी सेक्रेटरी यूनियन सर्वजीत सिंह, भाजपा ज़िला अध्यक्ष चंद्र भूषण नाग, विनय शर्मा, ज़िला परिषद सदस्य मंगला चौधरी, सहायक रजिस्ट्रार रेणु महाजन,जिला सहकारी विकास संघ के अध्यक्ष करनैल राणा, विपिन, सुरिंदर गुलेरिया, पूर्ण ठाकुर, सुरजीत राणा,एसडीएम पालमपुर डॉ०राकेश गुलेरिया,बीडीओ भवारना संकल्प गौतम,डीएसपी गुरुबचन सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में सहकार बंधू उपस्थित थे।