विपिन सिंह परमार ने सभी सदस्यों से की रचनात्मक सहयोग की अपील
धर्मशाला, 09 दिसम्बर (विजयेन्दर शर्मा) । हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने अपने कार्यालय कक्ष में सर्वदलीय बैठक के दौरान सत्ता पक्ष तथा प्रतिपक्ष के सभी सदस्यों से सत्र के संचालन में रचनात्मक सहयोग देने की अपील की।
गौरतलब है कि आज विधान सभा सचिवालय में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें नेता प्रतिपक्षए मुकेश अग्निहोत्रीए विधान सभा उपाध्यक्ष डॉ0 हंस राजए मुख्य सचेतक हिमाचल प्रदेश सरकारए बिक्रम सिंह जरयालए उप मुख्य सचेतक श्रीमती कमलेश कुमारीए विधान सभा में कॉग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप जगत सिंह नेगी तथा विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा मौजूद थे।
इस अवसर पर परमार ने कहा कि वह अपने दायित्व के बारे में पूरी तरह वाकिफ है तथा उनका सभी सदस्यों से अनुरोध रहेगा कि वे सत्र के संचालन में अपना भरपूर सहयोग दें व सदन के समय का सदुपयोग जनहित से जुड़े मुददों को उठाने के लिए करें। उन्होंने कहा कि लोक सभा तथा विधान सभा लोकतन्त्र के मन्दिर हैं और हि0 प्र0 विधान सभा की अपनी एक उच्च परम्परा तथा गरिमा है। उन्होंने सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध किया कि वे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा में भाग लें तथा मंथन से हल निकालने का प्रयास करें।
धर्मशाला, 09 दिसम्बर (विजयेन्दर शर्मा) । हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने अपने कार्यालय कक्ष में सर्वदलीय बैठक के दौरान सत्ता पक्ष तथा प्रतिपक्ष के सभी सदस्यों से सत्र के संचालन में रचनात्मक सहयोग देने की अपील की।
गौरतलब है कि आज विधान सभा सचिवालय में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें नेता प्रतिपक्षए मुकेश अग्निहोत्रीए विधान सभा उपाध्यक्ष डॉ0 हंस राजए मुख्य सचेतक हिमाचल प्रदेश सरकारए बिक्रम सिंह जरयालए उप मुख्य सचेतक श्रीमती कमलेश कुमारीए विधान सभा में कॉग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप जगत सिंह नेगी तथा विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा मौजूद थे।
इस अवसर पर परमार ने कहा कि वह अपने दायित्व के बारे में पूरी तरह वाकिफ है तथा उनका सभी सदस्यों से अनुरोध रहेगा कि वे सत्र के संचालन में अपना भरपूर सहयोग दें व सदन के समय का सदुपयोग जनहित से जुड़े मुददों को उठाने के लिए करें। उन्होंने कहा कि लोक सभा तथा विधान सभा लोकतन्त्र के मन्दिर हैं और हि0 प्र0 विधान सभा की अपनी एक उच्च परम्परा तथा गरिमा है। उन्होंने सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध किया कि वे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा में भाग लें तथा मंथन से हल निकालने का प्रयास करें।