धर्मशाला, 15 दिसम्बर (विजयेन्दर शर्मा) । अगले साल हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुये प्रदेश कांग्रेस संगठन में होने जा रहे बदलाव के बीच पार्टी की कमान नादौन से विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू को दिये जाने की चरचा राजनीतिक गलियारों में हैं। आलाकमान इन दिनों कई राज्यों के अध्यक्ष बदल चुका है। इसी कडी में अब हिमाचल की बारी है।
माना जा रहा हैं कि कांग्रेस आलाकमान मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को हटाकर किसी लोकप्रिय नेता को पार्टी की कमान सौंपने की तैयारी कर रहा है। इसी के चलते प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों खासी हलचल देखने को मिल रही है। हालांकि अध्यक्ष की कुर्सी के लिये कई नेता जोड तोड कर अपने आप को फिट करने में लगे हैं। लेकिन इसके लिये सुखविंदर सिंह सुक्खू को मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी का एक बडा वर्ग भी मानता है कि चुनावों से पहले ही किसी लोकप्रिय नेता को पार्टी की कमान दी जाये। इससे पहले भी सुक्खू पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन से विधायक हैंव अपने स्कूली दिनों से कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़े रहे सुक्खू की संगठनात्मक क्षमता गजब की है और उन्हें जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने तीसरी बार विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 27 मार्च 1964 को नादौन के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम रसील सिंह था जो पेशे से किसान व छोटे कारोबारी थे। सुखविंदर सिंह की प्रारंभिक शिक्षा नादौन में हुई और इसके बाद उन्होंने शिमला विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी तक की शिक्षा हासिल की। उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर छात्र नेता के रूप में एनएसयूआई शुरू किया। संझौली में कॉलेज के दौरान वर्ष 1981 में क्लास रिप्रेजेंटेटिव बने सुक्खू ने अगले साल कॉलेज छात्र युनियन के महासचिव व उसके अगले साल युनियन अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा और उन्हें लगातार जीत हासिल हुई। वे कानून की पढ़ाई के दौरान वर्ष 1985 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी अपने विभाग के रिप्रेजेंटेटिव चुने गये।
वर्ष 1989 से 1995 तक सुखविंदर संह सुक्खू एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके बाद तीन साल तक वे प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव रहे। वर्ष 1998 में उन्हें प्रदेश युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और इस पद पर वे लगातार दस साल तक रहे। उन्होंने वरष 1992 में शिमला नगर निगम के पार्षद पद का चुनाव लड़ा और लगातार दो बार विजयी हुए। वर्ष 2008 में उन्हे प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया जिसपर वे चार साल तक रहे। वर्ष 2013 की शुरुआत में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन सीट से विधायक चुने गये। दिसंबर 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें क्षेत्र की जनता ने दोबारा अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजा। वे इस कार्यकाल में कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप बनाये गये। वर्ष 2017 के तेरहवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में वे तीसरी बार विधायक चुने गये। अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के प्रमुख दावेदार के तौर पर उभर कर सामने आये हैं।