विभिन्न पाठ्यक्रमों में नवागंतुक छात्रों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित
धर्मशाला, 29 अप्रैल:(विजयेन्दर शर्मा ) । हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के क्षेत्रीय केन्द्र धर्मशाला में सत्र 2021-22 में हिन्दी, राजनीति शास्त्र, संस्कृत, इतिहास एवं गणित विभाग के विभिन्न पाठ्यक्रमों में नवागंतुक छात्रों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया, जिसमें हिमाचल प्रदेेश विश्वविद्यालय शिमला के प्रति कुलपति प्रो0ज्योति प्रकाश ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
धर्मशाला, 29 अप्रैल:(विजयेन्दर शर्मा ) । हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के क्षेत्रीय केन्द्र धर्मशाला में सत्र 2021-22 में हिन्दी, राजनीति शास्त्र, संस्कृत, इतिहास एवं गणित विभाग के विभिन्न पाठ्यक्रमों में नवागंतुक छात्रों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया, जिसमें हिमाचल प्रदेेश विश्वविद्यालय शिमला के प्रति कुलपति प्रो0ज्योति प्रकाश ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय केन्द्र धर्मशाला के निदेशक प्रोफेसर डीपी वर्मा ने मुख्यातिथि व नवागंतुक विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए 1992 में स्थापित इस संस्थान की अब तक की संघर्ष-यात्रा व समाजसेवा में तत्पर कुछ भूतपूर्व छात्रों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम में उक्त विषयों के समन्वयकों ने अपने विषय की खूबियों एवं संभावनाओं पर संक्षिप्त तथा सारगर्भित टिप्पणियों द्वारा विद्यार्थियों का मागदर्शन किया। हिन्दी विभाग से डॉ.पूनम कुमारी, राजनीति शास्त्र विभाग से डॉ.हेत राम, संस्कृत विभाग से डॉ.विपिन शर्मा, इतिहास विभाग से डॉ.राजकुमार तथा गणित विभाग से डॉ.विजयता पठानिया ने प्रतिनिधित्व किया। प्रत्येक ने क्रमशः अपने वक्तव्य में यह स्पष्ट किया कि प्रत्येक विषय अपने आप में विशिष्ट होता है, आवश्यकता है तो केवल अपनी अभिरूचि को पहचानकर तदनुसार उचित विषय चयन करने की।
प्रति कुलपति प्रो0ज्योति प्रकाश ने बताया कि हमारे जीवन में उपलब्धियों का उतना महत्व नहीं होता, जितना उन तक पहुंचाने वाले जीवन-संघर्ष का। इस संघर्ष में एक विद्यार्थी की जीवन-नैया पार लगाने वाला कोई शिक्षक ही होता है, इसीलिए उसके प्रति निष्ठावान रहते हुए उसके दिशा-निर्देशों का अनुसरण करते हुए हमें जीवन में आग बढ़ना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवन में सम्मान किसी पद से नहीं अपितु कार्य से मिलता है, इसीलिए अपने व्यवसाय का सम्मान करते हुए हमें अपने कर्म के प्रति निष्ठावान होना चाहिए, तभी हम बेहतर समाज-निर्माण के कारक बनेंगे। वाणिज्य विभाग से प्रो0 कुलदीप कुमार ने मुख्यातिथि तथा अन्य सभी का धन्यावाद किया। कार्यक्रम का सफल संचालन इतिहास संकाय के डॉ.राजकुमार ने किया।
प्रस्तुत कार्यक्रम में पांच विषयों के द्वितीय सत्र के लगभग 200 विद्यार्थी तथा क्षेत्रीय केन्द्र धर्मशाला के सभी संकाय सदस्य उपस्थित थे।
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कार्यक्रम में उक्त विषयों के समन्वयकों ने अपने विषय की खूबियों एवं संभावनाओं पर संक्षिप्त तथा सारगर्भित टिप्पणियों द्वारा विद्यार्थियों का मागदर्शन किया। हिन्दी विभाग से डॉ.पूनम कुमारी, राजनीति शास्त्र विभाग से डॉ.हेत राम, संस्कृत विभाग से डॉ.विपिन शर्मा, इतिहास विभाग से डॉ.राजकुमार तथा गणित विभाग से डॉ.विजयता पठानिया ने प्रतिनिधित्व किया। प्रत्येक ने क्रमशः अपने वक्तव्य में यह स्पष्ट किया कि प्रत्येक विषय अपने आप में विशिष्ट होता है, आवश्यकता है तो केवल अपनी अभिरूचि को पहचानकर तदनुसार उचित विषय चयन करने की।
प्रति कुलपति प्रो0ज्योति प्रकाश ने बताया कि हमारे जीवन में उपलब्धियों का उतना महत्व नहीं होता, जितना उन तक पहुंचाने वाले जीवन-संघर्ष का। इस संघर्ष में एक विद्यार्थी की जीवन-नैया पार लगाने वाला कोई शिक्षक ही होता है, इसीलिए उसके प्रति निष्ठावान रहते हुए उसके दिशा-निर्देशों का अनुसरण करते हुए हमें जीवन में आग बढ़ना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवन में सम्मान किसी पद से नहीं अपितु कार्य से मिलता है, इसीलिए अपने व्यवसाय का सम्मान करते हुए हमें अपने कर्म के प्रति निष्ठावान होना चाहिए, तभी हम बेहतर समाज-निर्माण के कारक बनेंगे। वाणिज्य विभाग से प्रो0 कुलदीप कुमार ने मुख्यातिथि तथा अन्य सभी का धन्यावाद किया। कार्यक्रम का सफल संचालन इतिहास संकाय के डॉ.राजकुमार ने किया।
प्रस्तुत कार्यक्रम में पांच विषयों के द्वितीय सत्र के लगभग 200 विद्यार्थी तथा क्षेत्रीय केन्द्र धर्मशाला के सभी संकाय सदस्य उपस्थित थे।
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