कालेशवर के आस पास ब्यास नदी में हो रहे अवैध खनन से तबाही का मंजर
ज्वालामुखी , 27 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) । जसवां परागपुर चुनाव क्षेत्र के बीच कालेशवर से लेकर चामुखा तक ब्यास नदी में हो रहे अवैध खनन से इलाके लोग परेशान हैं। राजनीतिक असर रसूख वाले बेखौफ खनन माफिया ने पूरी ब्यास नदी को छलनी कर नदी के प्रवाह को ही बदल दिया है। जिससे इलाके पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पडा है।
ज्वालामुखी , 27 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) । जसवां परागपुर चुनाव क्षेत्र के बीच कालेशवर से लेकर चामुखा तक ब्यास नदी में हो रहे अवैध खनन से इलाके लोग परेशान हैं। राजनीतिक असर रसूख वाले बेखौफ खनन माफिया ने पूरी ब्यास नदी को छलनी कर नदी के प्रवाह को ही बदल दिया है। जिससे इलाके पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पडा है।
इस इलाके में सरकार नहीं बल्कि खनन माफिया का अपना राज चलता है। दिन में ब्यास नदी से रेत व पत्थर निकालने वाले भले ही गायब रहते हों। लेकिन रात होते ही यहां हजारों की तादाद में ट्रक डंपर और ट्रैक्टर नदी में उतर आते हैं। इन वाहनों में रेत और पत्थर जेसीबी और पोकलिन मशीनों से डाला जाता है। वाहनों के आवागमन से लोगों की रातों की नींद हराम हो गई है। इलाके के लोग सरकार व प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
यह इलाका प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर का चुनाव क्षेत्र है। व खनन रोकने की जिम्मेवारी उनकी ही है। लेकिन यहां सब उल्टा है। खनन माफिया के कथित गठजोड़ के चलते चारों ओर तबाही का आलम है।
ठलाके लोग बताते हैं कि यहां सरेआम पोकलेन ओर जेसीबी मशीनों से अवैध खनन हो रहा हैं। ब्यास नदी और आसपास के क्षेत्र में कई फ़ीट गहरे गड्ढे कर दिए गए है। अवैध खनन के कारण गर्मी के मौसम में पानी के सभी स्रोत सूख गए हैं लोगों की उपजाऊ भूमि और बाग बगीचे सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। कई मर्तबा लोगों द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई गई। लेकिन आम जनमानस की आवाज पैसों के मोटे खेल में दब कर रह गई और आज दिन तक कोई कठोर कार्रवाई प्रशासन व सरकार द्वारा नहीं की गई।
पर्यावरण को बचाने व खनन माफिया के खिलाफ लडाई लडने वाले सूर्यवंशी ठाकुर बताते हैं कि खनन माफिया की यहां हकूमत चलती है। और सरकारी अमला यहां बेबस नजर आता है। नेताओं के गठजोड़ ने तबाही मचा रखी है। माफिया के लोग भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों से मिले हुये है।
उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस नेता अवैध खनन करने वालों को पालते पोसते है। माफिया को हमेशा ही सत्ता के साथ खडा देखा जा सकता है। जो अपने मतलब के लिए पहले कांग्रेस को छोड़कर भा.ज.पा. में शामिल हुए थे और अब अपने फायदे के लिए भा.ज.पा. को छोड़कर फिर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। और अब कांग्रेस के उसी तथाकथित झूठे नेता के साथ हर जगह देखे जा रहे हैं।
यह इलाका प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर का चुनाव क्षेत्र है। व खनन रोकने की जिम्मेवारी उनकी ही है। लेकिन यहां सब उल्टा है। खनन माफिया के कथित गठजोड़ के चलते चारों ओर तबाही का आलम है।
ठलाके लोग बताते हैं कि यहां सरेआम पोकलेन ओर जेसीबी मशीनों से अवैध खनन हो रहा हैं। ब्यास नदी और आसपास के क्षेत्र में कई फ़ीट गहरे गड्ढे कर दिए गए है। अवैध खनन के कारण गर्मी के मौसम में पानी के सभी स्रोत सूख गए हैं लोगों की उपजाऊ भूमि और बाग बगीचे सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। कई मर्तबा लोगों द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई गई। लेकिन आम जनमानस की आवाज पैसों के मोटे खेल में दब कर रह गई और आज दिन तक कोई कठोर कार्रवाई प्रशासन व सरकार द्वारा नहीं की गई।
पर्यावरण को बचाने व खनन माफिया के खिलाफ लडाई लडने वाले सूर्यवंशी ठाकुर बताते हैं कि खनन माफिया की यहां हकूमत चलती है। और सरकारी अमला यहां बेबस नजर आता है। नेताओं के गठजोड़ ने तबाही मचा रखी है। माफिया के लोग भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों से मिले हुये है।
उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस नेता अवैध खनन करने वालों को पालते पोसते है। माफिया को हमेशा ही सत्ता के साथ खडा देखा जा सकता है। जो अपने मतलब के लिए पहले कांग्रेस को छोड़कर भा.ज.पा. में शामिल हुए थे और अब अपने फायदे के लिए भा.ज.पा. को छोड़कर फिर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। और अब कांग्रेस के उसी तथाकथित झूठे नेता के साथ हर जगह देखे जा रहे हैं।