पहाडी नाटी का संस्कृत में मंचन किया फागली स्कूल के छात्रों ने

पहाडी नाटी का संस्कृत में मंचन किया फागली स्कूल के छात्रों ने

ज्वालामुखी 
 11 अगस्त ( विजयेन्दर शर्मा ) । हिमाचल की रगों में बसी नाटियां अब संस्कृत में भी देखने को मिलेंगी। ज्वालामुखी में भाषा और संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस पर संस्कृत कॉलेज में इसकी झलक देखने को मिली। शिमला जिला के फागली स्कूल के छात्रों ने यहां अपनी शानदार प्रस्तुति दी।  यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान  छात्रों की प्रस्तुति ने सबका मन मोहा।
भाषा संस्कृति विभाग की सहायक निदेशक श्रीमती अलका कैंथला ने बताया कि विभाग ने नाटियों को संस्कृत में ढालने की पहल की है । पहाड़ी के जटिल शब्दों को संस्कृत में बदलकर एकरूपता देने का प्रयास किया गया है। इन नाटियों के बूते समूचे हिमाचल की झलक संस्कृत के शब्दों के साथ बयां हो रही है। और न सिर्फ हिमाचल बल्कि देश के दूसरे हिस्से भी बदली हुई भाषा की बदौलत प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ पाएंगे। संस्कृत में नाटक भी तैयार किए गए हैं। इनके माध्यम से स्कूली विद्यार्थियों को संस्कृत से जोड़ने का प्रयास होगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में नाटियों की भरमार है, लेकिन अलग-अलग भाषा और लय में होने की वजह से इन्हें समझना आसान नहीं होता है। खासतौर पर अपर और लोअर हिमाचल के साथ ही अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों की ठेठ शब्दावली में प्रस्तुत नाटियां सीमित दायरे में ही लोगों को मनोरंजन कर पा रही हैं। इन नाटियों को संस्कृत में ढालने के बाद इन्हें विस्तार मिलने की संभावना जगी है।
भाषा और संस्कृति विभाग के निदेशक पंकज ललित ने बताया कि हिमाचल की प्रतिष्ठित नाटियों को संस्कृत में ढाला गया है। हिमाचली नाटियों को संस्कृत के शब्द मिलने से इनका असर और ज्यादा बढ़ा है। प्रदेश के बाहर भी वे लोग जो संस्कृत को समझ सकते हैं या बोल सकते हैं इन नाटियों के माध्यम से हिमाचल की संस्कृति से रू-ब-रू हो सकेंगे।



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