ज्वालामुखी का बदेहड गांव बाहरी दुनिया से कटा , बरसात में जीना हुआ मुहाल

ज्वालामुखी का बदेहड गांव बाहरी दुनिया से कटा , बरसात में जीना हुआ मुहाल

ज्वालामुखी, 4 अगस्त:( विजयेन्दर शर्मा ) ।    ज्वालामुखी में विकास के दावों के बीच आजादी के सत्तर सालों बाद भी कुछ ऐसे गांव भी हैं, जहां आज तक विकास नहीं पहुंच पाया हैं। और ग्रामीण बरसात के दिनों में बाहरी दुनिया के कट कर अपने घरों में ही कैद हो जाते हैं। यहां बात हो रही हैं। टीहरी से सटे बदेहड गांव की, जहां अभी भी गांव तक पहुंचने के लिये पुल नहीं बन पाया है।
ग्रामीण लेख राज चौधरी ने बताया कि सालों से लोग इस पुल के बनाने को लेकर मांग कर रहे हैं।  लेकिन सरकारें आई व गईं , लेकिन किसी ने भी हमारी समस्या के समाधान के लिये कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि हालांकि भाजपा ज्वालामुखी में विकास होने के दावे कर रही है। लेकिन हम लोग 1993 से पुल बनाने की मांग कर रहे थे, वह आज तक नहीं बन पाया है। जिससे बाढ़ आने पर बच्चे स्कूल नहीं जा सकत हैं। पीने के लिए पानी भी खड्ड पार कर जाना पड़ता है।  गाँव में आजतक सही रास्ते तक नहीं, कोई सुविधा नहीं हैं।
आम आदमी पार्टी नेता होशियार सिंह भारती ने आरोप लगाया कि ज्वालामुखी में विकास चुनिंदा लोगों तक ही सिमित रहा है। जिससे आज भी कई गांव सरकारी उदासीनता के चलते उपेक्षित है। और यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।  उन्होंने कहा कि भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही राजनैतिक दलों की कभी भी गावों के लोगों की दशा व दिशा सुधारने में दिलचस्पी नहीं रही। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में लोगों के समर्थन के साथ आम आदमी पार्टी सत्ता में आती है। तो सबसे पहले चंगर इलाके गावों की दशा में सुधार लाया जायेगा। 
BIJENDER SHARMA

हि‍माचल प्रदेश का समाचार पोर्टल

एक टिप्पणी भेजें

Thanks For Your Visit

और नया पुराने