वैशाखी पर कालेशवर में उमड़ा जनसैलाब , हजारों लोगों ने व्यास में किया पवित्र स्नान

वैशाखी पर कालेशवर में उमड़ा जनसैलाब , हजारों लोगों ने व्यास में किया पवित्र स्नान
ज्वालामुखी,  14  अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। कांगड़ा जिला  के कालेशवर में आज वैशाखी  धार्मिक विशवास पूरे उत्साह एवं परम्पराओं के साथ धूमधाम से मनाई गई। हजारों की तादाद में लोगों ने  आज कांगड़ा जिला के देहरा उपमंडल के कालेशवर में जाकर ब्यास नदी के तट पर दोनों ओर पवित्र स्नान किया। व प्रसिद्ध कालेशवर महादेव मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की।
शुक्रवार  को लोग बड़े सवेरे से ही यहां आना शुरू हो गये थे। ब्यास नदी के उस पार भी हजारों की तादाद में लोगों ने इस पावन मौके पर पवित्र स्नान किया। यहां लोग पंजतीर्थी घाट में भी गये। वैशाखी के अवसर पर यहां दुकानें सजी थीं, जिनमें लोगों ने खरीददारी की।  वहीं जगह जगह भंडारे भी लगाये गये थे।  वैशाखी पर कालेशवर में प्रदेश का सबसे बड़ा ग्रामीण मेला  लगता है।, जो तीन दिनों तक चलता है, यहां लोग पशु भी खरीदते हैं। इसे अब सरकार ने राज्यस्तरीय मेला घोषित किया है।
बैसाखी के अवसर पर लोग कालेशवर महादेव मंदिर में भी पूजा अर्चना करते हैं। करीब पांच सौ साल पहले बने इस मंदिर को विश्वास किया जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान बनाया था। मंदिर में स्थापित शिवलिंग अनोखा ही है। यह जमीनी सतह के नीचे स्थापित है।
माना जाता है कि यह हर साल जौ भर नीचे चला जाता है। इसी वजह से यह श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक जब इस नगर को पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान बसा रहे थे। तो उन्हें यह सुनिश्चित करना था कि दिन के उजाले में उन्हें कोई देख न ले। लेकिन एक रात अचानक पास ही में रहने वाली महिला रात में ही भूल वश जाग गई चूंकि रात चांदनी थी। वह अपनी चक्की में आटा पीसने लगी। लेकिन उसकी आवाज सुन पांडवों को लगा कि भोर हो चुकी है। पकड़े जाने के भय से पांडवों ने उसी समय स्थान छोड़ दिया,लेकिन काम अधूरा ही रहा। बाद में मंदिर का काम कटोच राजा ने पूरा कराया। यह तीर्थस्थल छोटे हरिद्वार के रूप में भी जाना जाता है।  कुछ इसी तरह का नजारा नाहलियां के पास भीमगोडा में भी देखा गया।  वहां भी लोगों ने पवित्र स्नान किया।
BIJENDER SHARMA

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