हिमाचल प्रदेश को अब इस अन्याय को और अधिक सहन नहीं करना चाहिए- शांता कुमार

 पालमपुर, 16 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा ) ।  हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि जोगेंन्द्रनगर को 110 मैगावाट का शानन बिजली घर 1925 में अंग्रेजो के समय बनाया गया था। उस समय जोगेन्द्रनगर मण्डी रियास्त का हिस्सा था।
उन्होने कहा कि 1966 मे पंजाब पुनर्गठन के कानून में दो महत्वपूर्ण धारायें थी। एक धारा के अनुसार यह कहा था कि पुनर्गठन के बाद सांझे पंजाब की जो सम्पत्ति जिस नये प्रदेश में स्थित होगी उस पर उसी प्रदेश का अधिकर होगा। शानन बिजली घर सांझे पंजाब की सम्पत्ति थी । इसलिये 1966 में ही यह बिजली घर हिमाचल प्रदेश को मिल जाना चाहिए था ।
पंजाब पुनर्गठन कानून में एक और धारा थी जिस के अनुसार नया पुनर्गठित प्रदेश जब अपना बिजली बोर्ड  बना ले तो उस नये प्रदेश में सांझे पंजाब की बिजली योजना  नये प्रदेश को मिलेगी। पुनर्गठन के बाद हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड का गठन 1971 में कर दिया । पुनर्गठन कानून के बाद इस धारा के अनुसार भी शानन बिजली घर हिमाचल प्रदेश को मिलना चाहिए था। हिमाचल प्रदेश के साथ लगाातार लंबे समय से यह अन्याय हो रहा है।
शांता कुमार ने कहा कि 1978 में हिमाचल का मुख्य मंत्री बनने पर तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री मोरार जी देसाई के साथ उन्होने यह मामला उठाया था। तब उन्होने तीनो प्रदेशो  के मुख्य मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। उस  बैठक में उन्होने श्री प्रकाश सिंह बादल और श्री देवी लाल के सामने प्रधान मंत्री जी के समक्ष हिमाचल के साथ हो रहे इस अन्याय का मामला उठाया था और इस अन्याय को समाप्त करने का आग्रह किया था। प्रधान मंत्री जी ने बिल्कुल सहमति प्रकट की थी परन्तु श्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि 1966 के पुनर्गठन के बाद शानन बिजली घर पंजाब को दिया गया था। इस वात के लिये उनके पास कोई प्रमाण नहीं था। श्री देसाई जी ने इस विषय पर सुब्रामनियम कमेटी का गठन किया । 6 महीने के बाद उस कमेटी की अनुकूल रिपोर्ट आई और हुआ कुछ नहीं।
उन्होने कहा कि भारत में शायद इस प्रकार का और कोई उदाहरण नहीं होगा कि लोक सभा के कानून बनाने के बाद भी हिमाचल प्रदेश के साथ लगातार लगभग 56 वर्ष से यह अन्याय हो रहा है। पुनर्गठन कानून के अनुसार 1966 में ही शानन बिजली घर हिमाचल प्रदेश को मिलना चाहिए था। दूसरी धारा के अनुसार भी 1971 मे मिल जाना चाहिए था। 1925 में अंग्रेजों ने उस समय की मण्डी रियास्त के साथ 99 वर्षों की लीज डीड की थी  और वह भी 2024 में समाप्त हो रही है।
शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री सुखविंदर  सिंह सुक्खू और हिमाचल से केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर से आग्रह किया है कि वे विपक्ष के नेता श्री जय राम ठाकुर को साथ लेकर दिल्ली जाएं और इस विषय को लेकर माननीय प्रधान मंत्री जी से मिलें । उन्होने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नडडा जीे से भी आग्रह किया है कि वह भी  प्रधान मंत्री जी को मिलें । हिमाचल प्रदेश को अब इस अन्याय को और अधिक सहन नहीं करना चाहिए।
BIJENDER SHARMA

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