सिहोरपाई स्कूल में विश्व रेबीज दिवस मनाया

सिहोरपाई स्कूल में विश्व रेबीज दिवस मनाया

ज्वालामुखी   28  सितंबर   ( विजयेन्दर शर्मा)    ।      खंड चिकित्सा अधिकारी ज्वालामुखी डॉ संजय बजाज के सौजन्य से बरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिहोरपाई  में स्कूल के   प्रधानाचार्य बी आर कमल की अध्यक्षता में World Rabies Day मनाया गया। प्रधानाचार्य बी आर कमल ने बताया कि दुनियाभर में हर साल 28 सितंबर का दिन World Rabies Day के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद है लोगों को इस बीमारी की रोकथाम के बारे में जागरूक करना। फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट लुई पाश्चर की इस दिन डेथ एनिवर्सरी भी है उन्होंने पहली बार रेबीज की वैक्‍सीन को विकसित किया था। वर्ल्ड रेबीज डे मनाने का उद्देश्य है, इस जानलेवा बीमारी को रोकना। रेबीज सबसे अधिक जंगली जानवरों में पाया जाता है और अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका में यह बीमारी आम है। हालांकि, कई अन्य देशों में कुत्ते के काटने से रेबीज़ होता है। हालांकि रोकथाम कर के रेबीज़ को कंट्रोल किया जा सकता है, फिर भी हर साल रेबीज के कारण लगभग 60,000 लोगों की मौत होती है।
खंड स्वास्थ्य शिक्षक ज्वालामुखी सुरेश चन्देल ने स्कूल के बच्चों को रेबीज की बीमारी के बारे में विस्तार पूर्वक बताया उन्होंने बताया कि रेबीज बीमारी लायसा वायरस संक्रमित जनबरो के काटने से होती है।  यदि वह मनुष्य को काट ले तो मुनष्य को भी रेबीज हो जाती है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य रेबीज की बीमारी के बारे में लोगो जागरूक करना है ताकि इस बीमारी से लोगो को बचाया जा सके। और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आदेशानुसार वर्ष 2030 तक रेबीज से शून्य मानव मृत्यु के लक्ष्य को प्राप्त कर सके। चन्देल ने बताया कि यह बीमारी ज्यादातर कुत्तों के काटने से होती है। उन्होंने कहा कि रेबीज एक विषाणु जनित रोग है जब तक इसके लक्षण शुरू होते है तब तक  यह हमेशा घातक  होता है लेकिन यह पूर्ण तरहा से रोकथाम योग्य है यदि समय पर इसका टीकाकरण करवाए तो ।परन्तु भारत मे रेबीज एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जिससे प्रति वर्ष लगभग 20 हजार लोगों की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने बताया कि यह ज्यादातर जानवरो जैसे कुत्ते, बिल्ली , बन्दिर के काटने  से मनुष्यों में फैलता है लेकिन लगभग 99 प्रतिशत मामले इस बीमारी के फैलने का कुत्ते के काटने का होता है। कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के लक्षण एक से तीन महीने में दिखाई देते है। उन्होंने कहा कि जैसे ही किसी मानव को कुत्ता काटता है तो दस मिन्ट तक घाव को पानी साबुन से धोएं और तुरंत अस्पताल में ले जाकर चिकित्सक को दिखाकर तुरंत एन्टी रेबीज टीकाकरण शुरू करवाए ताकि इस बीमारी से बचा जा सके।उन्होंने बताया कि रेबीज की बीमारी के टीके सरकारी अस्पताल में मुफ्त लगाए जाते है। इस अबसर पर स्कूल के प्रिंसिपल बाबू राम  ने बच्चों को इस बीमारी के बारे में अन्य लोगो को भी जागरूक करने की सलाह दी। इस अवसर पर स्कूल के अध्यापक  प्रवीण कुमारी, शशी पाल, रूकेंद्र, बलदेव कुमार, मुकेश, चंद्र कांत , इंदु बाला, सीएचओ सुपर्या चौहान, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता  मोनिका आशा कार्यकर्ता मीना कुमारी , ललिता,सीमा देवी, सुनीता, ललिता कुमारी, पिंकी देवी, सुरेन्द्रा कुमारी  व 177  बच्चे उपस्थित थे।

BIJENDER SHARMA

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