राज्यपाल ने लोक कथाओं के संकलन 'आर्केन' का विमोचन किया
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में लोक कथाओं के संकलन 'आर्केन' का विमोचन किया। शिमला के सेंट बीड्स कॉलेज में अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर स्निग्धा भट्ट और अस्मिता शर्मा के मार्गदर्शन में बी.ए. अंग्रेजी आनर्स और एम.ए. अंग्रेजी के अंतिम वर्ष की छात्राओं के संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप इस संकलन को प्रकाशित किया गया है।
विभिन्न समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को 'आर्केन' में लोक कथाओं के माध्यम से प्रकाशित किया गया है। यह संकलन विविध सांस्कृतिक विरासत की जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ जनश्रुतियों पर आधारित परंपराओं को संरक्षित करता है और पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही परम्पराओं को प्रदर्शित करता है। अपनी विविध कहानियों और सार्वभौमिक विषयों के माध्यम से, यह संग्रहण सामुदायिक सौहार्द और लोगों और उनके परिवेश के मध्य संबंधों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाता है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सेंट बीड्स कॉलेज की छात्राओं की इस सराहनीय पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्राओं को अपनी लेखन प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त हुआ है और वे अपने क्षेत्रों की सांस्कृतिक लोक कथाओं का अन्वेषण और दस्तावेजीकरण करने में भी सक्षम हुई हैं। उन्होंने प्रोफेसर मौली अब्राहम को छात्राओं को जनश्रुतियों पर आधारित परंपराओं का अन्वेषण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने जनश्रुतियों पर आधारित परंपराओं को संरक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 'आर्केन' हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक कथाओं को प्रलेखित करने के लिए अन्य लोगों को भी आगे के लिए प्रेरित करेगी।
इस अवसर पर संवादात्मक सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने संकलन के अपने अनुभव साझा किए।
इस अवसर पर सेंट बीड्स कॉलेज की प्रधानाचार्य प्रो. मौली अब्राहम तथा छात्राएं कनुप्रिया और हर्षिता ठाकुर भी उपस्थित थीं।
राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा भी इस मौके पर उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में लोक कथाओं के संकलन 'आर्केन' का विमोचन किया। शिमला के सेंट बीड्स कॉलेज में अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर स्निग्धा भट्ट और अस्मिता शर्मा के मार्गदर्शन में बी.ए. अंग्रेजी आनर्स और एम.ए. अंग्रेजी के अंतिम वर्ष की छात्राओं के संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप इस संकलन को प्रकाशित किया गया है।
विभिन्न समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को 'आर्केन' में लोक कथाओं के माध्यम से प्रकाशित किया गया है। यह संकलन विविध सांस्कृतिक विरासत की जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ जनश्रुतियों पर आधारित परंपराओं को संरक्षित करता है और पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही परम्पराओं को प्रदर्शित करता है। अपनी विविध कहानियों और सार्वभौमिक विषयों के माध्यम से, यह संग्रहण सामुदायिक सौहार्द और लोगों और उनके परिवेश के मध्य संबंधों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाता है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सेंट बीड्स कॉलेज की छात्राओं की इस सराहनीय पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्राओं को अपनी लेखन प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त हुआ है और वे अपने क्षेत्रों की सांस्कृतिक लोक कथाओं का अन्वेषण और दस्तावेजीकरण करने में भी सक्षम हुई हैं। उन्होंने प्रोफेसर मौली अब्राहम को छात्राओं को जनश्रुतियों पर आधारित परंपराओं का अन्वेषण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने जनश्रुतियों पर आधारित परंपराओं को संरक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 'आर्केन' हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक कथाओं को प्रलेखित करने के लिए अन्य लोगों को भी आगे के लिए प्रेरित करेगी।
इस अवसर पर संवादात्मक सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने संकलन के अपने अनुभव साझा किए।
इस अवसर पर सेंट बीड्स कॉलेज की प्रधानाचार्य प्रो. मौली अब्राहम तथा छात्राएं कनुप्रिया और हर्षिता ठाकुर भी उपस्थित थीं।
राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा भी इस मौके पर उपस्थित थे।