फर्जी संगठन पर योगासन संघ का प्रहार – खिलाड़ियों की सुरक्षा हेतु सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
शिमला/कांगड़ा, 13 सितम्बर 2025 - हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से कड़े शब्दों में मांग की है कि कांगड़ा में 13-14 सितम्बर को आयोजित की जाने वाली फर्जी योगा चैम्पियनशिप को तुरंत निरस्त किया जाए तथा दोषी तत्वों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। संघ ने कहा कि यह केवल संगठनात्मक धोखाधड़ी का मामला नहीं है बल्कि सीधे तौर पर खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों के भविष्य से जुड़ा प्रश्न है। यदि सरकार और प्रशासन समय रहते संज्ञान नहीं लेते हैं तो इससे योगासन खेल की साख को गहरा आघात पहुँचेगा।
संघ ने माननीय आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री श्री यादविन्दर गोम्मा जी को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि हिमाचल योगा एसोसिएशन नामक संगठन बिना किसी वैध पंजीकरण और मान्यता के प्रदेशभर में सक्रिय है। यह संगठन स्वयं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महासंघों से जुड़ा बताकर भोले-भाले खिलाड़ियों से मोटी फीस वसूलता है और उन्हें ऐसे प्रमाण पत्र जारी करता है जिनकी कोई आधिकारिक मान्यता नहीं होती। खिलाड़ियों और उनके परिवारों को इस भ्रम में रखा जा रहा है कि ये सर्टिफिकेट उनके भविष्य को संवारेँगे जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है।
संयुक्त सचिव श्री विनोद कुमार ने स्पष्ट किया कि यह संगठन हिमाचल प्रदेश सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 2006 के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है। न ही इसे हिमाचल प्रदेश खेल परिषद से कोई एन.ओ.सी. प्राप्त है। इतना ही नहीं, यह संगठन बिना जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित किए सीधे "स्टेट चैम्पियनशिप" करवा रहा है। खिलाड़ियों को जो प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं वे अमान्य हैं और उनका उपयोग न तो खेल कोटे में, न छात्रवृत्ति में और न ही किसी सरकारी मान्यता प्राप्त प्रतियोगिता में किया जा सकता है। यह सीधा-सीधा खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ और आर्थिक धोखाधड़ी का मामला है।
संघ ने बताया कि इस अवैध संगठन से जुड़े लोगों में रमन शर्मा (राज्य सचिव), आचार्य महेन्दर शर्मा (अध्यक्ष), वरिंदर चौधरी (अध्यक्ष), योगी रणजीत सिंह (सचिव), प्रिंस मोहन (संगठन सचिव), सुनील कौल (कोषाध्यक्ष) और जिमी ठाकुर (समन्वयक) जैसे नाम प्रमुख हैं। इन सभी ने मिलकर योजनाबद्ध तरीके से खिलाड़ियों और अभिभावकों को गुमराह किया है। कई परिवारों से हजारों रुपये वसूल कर उन्हें ऐसे कागज़ थमा दिए गए हैं जिनका कोई औचित्य ही नहीं।
संघ ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों और उनके परिवारों को मानसिक और आर्थिक दोनों स्तर पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अभिभावकों ने अपनी गाढ़ी कमाई यह सोचकर खर्च की कि उनके बच्चे को खेल में अवसर और पहचान मिलेगी, परंतु अब वे स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कई खिलाड़ी रोष में हैं और उनके अभिभावकों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।
इसके विपरीत, हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने अपनी वैधता और मान्यता के दस्तावेज़ भी प्रस्तुत किए। संघ ने बताया कि उसे हिमाचल प्रदेश खेल परिषद से NOC संख्या 5-247/2022-SC-3895-95 दिनांक 4 नवम्बर 2022 को प्राप्त हुई है। साथ ही यह सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण संख्या HPCD-11369 दिनांक 13 दिसम्बर 2022 से विधिवत पंजीकृत है। संघ योगासन भारत (पूर्व में राष्ट्रीय योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन) से संबद्ध है, जिसे भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने मान्यता दी हुई है। इसके अतिरिक्त, संघ इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का सहयोगी सदस्य और वर्ल्ड योगासन से भी जुड़ा हुआ है।
संघ ने कहा कि मान्यता प्राप्त निकाय होने के नाते खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना उसका पहला कर्तव्य है। इसलिए सरकार से निम्नलिखित कदम उठाने की अपील की गई है – (1) कांगड़ा में होने वाली फर्जी चैम्पियनशिप को तत्काल रद्द किया जाए। (2) दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए। (3) खिलाड़ियों और अभिभावकों से वसूली गई रकम की जांच कर उन्हें वापिस दिलाई जाए। (4) इस संगठन को ब्लैकलिस्ट कर भविष्य में ऐसे प्रयासों पर रोक लगाई जाए। (5) जन-जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को फर्जी संगठनों से सतर्क किया जाए।
संघ ने यह भी कहा कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी नहीं है बल्कि खिलाड़ियों की जिंदगी और उनके करियर से जुड़ा हुआ मसला है। यदि बच्चों को बार-बार इस प्रकार गुमराह किया जाएगा तो उनकी मेहनत, समय और ऊर्जा व्यर्थ चली जाएगी। ऐसे में राज्य की खेल संस्कृति पर नकारात्मक असर पड़ेगा और योगासन जैसे पारंपरिक खेल की गरिमा धूमिल होगी।
अंत में संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रशासन समय रहते कदम नहीं उठाते हैं तो यह प्रदेश की खेल संस्कृति के साथ विश्वासघात होगा। संघ ने ज्ञापन के साथ 15 प्रमाणिक दस्तावेज़ और 5 साक्ष्य (बैनर, समाचार कटिंग, कानूनी दस्तावेज़ आदि) भी सौंपे हैं ताकि सरकार तत्काल ठोस कार्रवाई कर सके।
👉 "खिलाड़ियों का भविष्य बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि समय रहते कार्यवाही न हुई तो आने वाली पीढ़ियाँ इसे खेल इतिहास का सबसे बड़ा धोखा मानेंगी।" – हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन
शिमला/कांगड़ा, 13 सितम्बर 2025 - हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से कड़े शब्दों में मांग की है कि कांगड़ा में 13-14 सितम्बर को आयोजित की जाने वाली फर्जी योगा चैम्पियनशिप को तुरंत निरस्त किया जाए तथा दोषी तत्वों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। संघ ने कहा कि यह केवल संगठनात्मक धोखाधड़ी का मामला नहीं है बल्कि सीधे तौर पर खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों के भविष्य से जुड़ा प्रश्न है। यदि सरकार और प्रशासन समय रहते संज्ञान नहीं लेते हैं तो इससे योगासन खेल की साख को गहरा आघात पहुँचेगा।
संघ ने माननीय आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री श्री यादविन्दर गोम्मा जी को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि हिमाचल योगा एसोसिएशन नामक संगठन बिना किसी वैध पंजीकरण और मान्यता के प्रदेशभर में सक्रिय है। यह संगठन स्वयं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महासंघों से जुड़ा बताकर भोले-भाले खिलाड़ियों से मोटी फीस वसूलता है और उन्हें ऐसे प्रमाण पत्र जारी करता है जिनकी कोई आधिकारिक मान्यता नहीं होती। खिलाड़ियों और उनके परिवारों को इस भ्रम में रखा जा रहा है कि ये सर्टिफिकेट उनके भविष्य को संवारेँगे जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है।
संयुक्त सचिव श्री विनोद कुमार ने स्पष्ट किया कि यह संगठन हिमाचल प्रदेश सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 2006 के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है। न ही इसे हिमाचल प्रदेश खेल परिषद से कोई एन.ओ.सी. प्राप्त है। इतना ही नहीं, यह संगठन बिना जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित किए सीधे "स्टेट चैम्पियनशिप" करवा रहा है। खिलाड़ियों को जो प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं वे अमान्य हैं और उनका उपयोग न तो खेल कोटे में, न छात्रवृत्ति में और न ही किसी सरकारी मान्यता प्राप्त प्रतियोगिता में किया जा सकता है। यह सीधा-सीधा खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ और आर्थिक धोखाधड़ी का मामला है।
संघ ने बताया कि इस अवैध संगठन से जुड़े लोगों में रमन शर्मा (राज्य सचिव), आचार्य महेन्दर शर्मा (अध्यक्ष), वरिंदर चौधरी (अध्यक्ष), योगी रणजीत सिंह (सचिव), प्रिंस मोहन (संगठन सचिव), सुनील कौल (कोषाध्यक्ष) और जिमी ठाकुर (समन्वयक) जैसे नाम प्रमुख हैं। इन सभी ने मिलकर योजनाबद्ध तरीके से खिलाड़ियों और अभिभावकों को गुमराह किया है। कई परिवारों से हजारों रुपये वसूल कर उन्हें ऐसे कागज़ थमा दिए गए हैं जिनका कोई औचित्य ही नहीं।
संघ ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों और उनके परिवारों को मानसिक और आर्थिक दोनों स्तर पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अभिभावकों ने अपनी गाढ़ी कमाई यह सोचकर खर्च की कि उनके बच्चे को खेल में अवसर और पहचान मिलेगी, परंतु अब वे स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कई खिलाड़ी रोष में हैं और उनके अभिभावकों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।
इसके विपरीत, हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने अपनी वैधता और मान्यता के दस्तावेज़ भी प्रस्तुत किए। संघ ने बताया कि उसे हिमाचल प्रदेश खेल परिषद से NOC संख्या 5-247/2022-SC-3895-95 दिनांक 4 नवम्बर 2022 को प्राप्त हुई है। साथ ही यह सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण संख्या HPCD-11369 दिनांक 13 दिसम्बर 2022 से विधिवत पंजीकृत है। संघ योगासन भारत (पूर्व में राष्ट्रीय योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन) से संबद्ध है, जिसे भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने मान्यता दी हुई है। इसके अतिरिक्त, संघ इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का सहयोगी सदस्य और वर्ल्ड योगासन से भी जुड़ा हुआ है।
संघ ने कहा कि मान्यता प्राप्त निकाय होने के नाते खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना उसका पहला कर्तव्य है। इसलिए सरकार से निम्नलिखित कदम उठाने की अपील की गई है – (1) कांगड़ा में होने वाली फर्जी चैम्पियनशिप को तत्काल रद्द किया जाए। (2) दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए। (3) खिलाड़ियों और अभिभावकों से वसूली गई रकम की जांच कर उन्हें वापिस दिलाई जाए। (4) इस संगठन को ब्लैकलिस्ट कर भविष्य में ऐसे प्रयासों पर रोक लगाई जाए। (5) जन-जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को फर्जी संगठनों से सतर्क किया जाए।
संघ ने यह भी कहा कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी नहीं है बल्कि खिलाड़ियों की जिंदगी और उनके करियर से जुड़ा हुआ मसला है। यदि बच्चों को बार-बार इस प्रकार गुमराह किया जाएगा तो उनकी मेहनत, समय और ऊर्जा व्यर्थ चली जाएगी। ऐसे में राज्य की खेल संस्कृति पर नकारात्मक असर पड़ेगा और योगासन जैसे पारंपरिक खेल की गरिमा धूमिल होगी।
अंत में संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रशासन समय रहते कदम नहीं उठाते हैं तो यह प्रदेश की खेल संस्कृति के साथ विश्वासघात होगा। संघ ने ज्ञापन के साथ 15 प्रमाणिक दस्तावेज़ और 5 साक्ष्य (बैनर, समाचार कटिंग, कानूनी दस्तावेज़ आदि) भी सौंपे हैं ताकि सरकार तत्काल ठोस कार्रवाई कर सके।
👉 "खिलाड़ियों का भविष्य बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि समय रहते कार्यवाही न हुई तो आने वाली पीढ़ियाँ इसे खेल इतिहास का सबसे बड़ा धोखा मानेंगी।" – हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन
Bijender Sharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
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