ज्वालामुखी मंदिर में पुराना कबाड़, पीतल , अखबार की रद्दी की नीलामी संदेह के घेरे में आ गई है। मंदिर प्रशासन ने कबाड 30 रूपये 50 पैसे प्रति किलों के हिसाब से बेचा। जबकि इन दिनों मंडी गोबिंदगढ़ में लोहे के कबाड़ का मार्केट रेट मात्र 27 रुपये प्रति किलो है। यही मंदिर पुरानी पीतल 600 रू प ये के हिसाब से बिकी। हैरानी की बात है। कि मार्केट में पुराने पीतल का रेट 550 है। खाली पीपा 21 के रेट में बिका, उसका रेट मार्केट में 18 रुपये है
कबाडियों में मंदिर के लिये इतनी दयानतदारी क्यों दिखाई, यह समझ से परे है। वैसे बिजनेस में कोई घाटा नहीं खाता। लेकिन कोई खेल बीच में हो जाये तो कुछ भी संभव है। दिलचस्प मामला यह है कि ज्वालामुखी में धर्मकांटा होने के बावजूद सारा कबाड़ धर्मकांटा पर तोला नहीं गया।
कबाडियों में मंदिर के लिये इतनी दयानतदारी क्यों दिखाई, यह समझ से परे है। वैसे बिजनेस में कोई घाटा नहीं खाता। लेकिन कोई खेल बीच में हो जाये तो कुछ भी संभव है। दिलचस्प मामला यह है कि ज्वालामुखी में धर्मकांटा होने के बावजूद सारा कबाड़ धर्मकांटा पर तोला नहीं गया।