धर्मशाला, 28 नवम्बर: विधानसभा समिति कक्ष, धर्मशाला में आज दोपहर 02ः30 बजे हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव श्री संजय गुप्ता की अध्यक्षता में शीतकालीन तैयारी बैठक 2025-26 आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने प्रदेश में समयबद्ध और समन्वित शीतकालीन तैयारी सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया।
इसके उपरांत अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री कमलेश कुमार पंत ने स्नो मैनुअल, कोल्ड वेव एक्शन प्लान के प्रभावी क्रियान्वयन और आईएमडी व डीजीआरई द्वारा जारी मौसम सलाहों के त्वरित प्रसार के महत्व पर प्रकाश डाला।
तत्पश्चात सभी विभागों और जिलों ने अपने-अपने क्षेत्राधिकार में की जा रही शीतकालीन तैयारी संबंधी गतिविधियों की जानकारी दी। चम्बा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, शिमला और सिरमौर जिलों की तैयारी की विस्तृत समीक्षा की गई। उपायुक्तों ने आवश्यक वस्तुओंकृ खाद्यान्न, एलपीजी, दवाइयाँ, चारे-के भंडारण, ईओसी के संचालन, स्नो चेन लगे एम्बुलेंस की उपलब्धता, आईसेट वीसेट सिस्टम की जाँच, तथा सेना, आईटीबीपी, पुलिस, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय की स्थिति से अवगत कराया।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों और जिलों को मौसम चेतावनियों के शीघ्र प्रसार, स्नो मैनुअल व कोल्ड वेव एक्शन प्लान के प्रभावी क्रियान्वयन, नियंत्रण कक्षों की तत्परता, संसाधनों की पूर्व-स्थिति और नाजुक व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के दौरान सड़कों, बिजली, जलापूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं और संचार जैसी आवश्यक सेवाओं को निर्बाध बनाए रखने पर बल दिया। उन्होंने अग्निशमन विभाग को शीतकाल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता गतिविधियां और मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश भी दिए।
विभागों को फायर ऑडिट कराने, शीतकालीन यातायात योजनाएं बनाए रखने, उपकरणों की मरम्मत सुनिश्चित करने, जल पाइपों की सुरक्षा करने तथा आईसेट वीसेट वीएचएफ जैसे संचार तंत्र को सुचारू रखने के निर्देश दिए गए। जिला प्रशासन को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, वायुसेना, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी के साथ समन्वय मजबूत करने की भी सलाह दी गई।
मुख्य सचिव ने आईईसी गतिविधियों, माॅक ड्रिल्स और एचपीएसडीएमए के डिजिटल प्लेटफाॅर्म के माध्यम से क्षति की समयबद्ध रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर दिया।
बैठक का समापन राज्य सरकार की आगामी शीतकालीन मौसम के लिए सुदृढ़ तैयारी तथा प्रदेशवासियों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) श्री कमलेश कुमार पंत, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, उपायुक्त, तथा आईएमडी, डीजीआरई, एनडीआरएफ, पीडब्लयूडी, जेएसवी, आईटीबीपी और अन्य महत्वपूर्ण एजेंसियों के प्रतिनिधि प्रत्यक्ष एवं वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों में श्री सी. पालरासु (सचिव कृषि एवं उद्यान), राघव शर्मा (निदेशक ग्रामीण विकास), सुश्री अंजू शर्मा (इंजीनियर-इन-चीफ, जल शक्ति विभाग), श्री आदित्य नेगी (एमडी, एचपीएसईबीएल), श्री गुरदेव शर्मा (डीआईजी, लॉ एंड ऑर्डर), डाॅ. निपुण जिंदल (एमडी, एचआरटीसी), श्री सतपाल धीमान (अतिरिक्त सचिव, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन), श्री डी.सी. राणा (निदेशक एवं विशेष सचिव राजस्व डीएमसी), ई. पंकज चड्ढा (डीएम, एचआरटीसी धर्मशाला), श्री सुनील कुमार (अतिरिक्त सचिव राजस्व डीएमसी), श्री विनोद शर्मा (असिस्टेंट कंट्रोलर एफएंडए) आदि शामिल थे।
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इसके उपरांत अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री कमलेश कुमार पंत ने स्नो मैनुअल, कोल्ड वेव एक्शन प्लान के प्रभावी क्रियान्वयन और आईएमडी व डीजीआरई द्वारा जारी मौसम सलाहों के त्वरित प्रसार के महत्व पर प्रकाश डाला।
तत्पश्चात सभी विभागों और जिलों ने अपने-अपने क्षेत्राधिकार में की जा रही शीतकालीन तैयारी संबंधी गतिविधियों की जानकारी दी। चम्बा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, शिमला और सिरमौर जिलों की तैयारी की विस्तृत समीक्षा की गई। उपायुक्तों ने आवश्यक वस्तुओंकृ खाद्यान्न, एलपीजी, दवाइयाँ, चारे-के भंडारण, ईओसी के संचालन, स्नो चेन लगे एम्बुलेंस की उपलब्धता, आईसेट वीसेट सिस्टम की जाँच, तथा सेना, आईटीबीपी, पुलिस, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय की स्थिति से अवगत कराया।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों और जिलों को मौसम चेतावनियों के शीघ्र प्रसार, स्नो मैनुअल व कोल्ड वेव एक्शन प्लान के प्रभावी क्रियान्वयन, नियंत्रण कक्षों की तत्परता, संसाधनों की पूर्व-स्थिति और नाजुक व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के दौरान सड़कों, बिजली, जलापूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं और संचार जैसी आवश्यक सेवाओं को निर्बाध बनाए रखने पर बल दिया। उन्होंने अग्निशमन विभाग को शीतकाल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता गतिविधियां और मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश भी दिए।
विभागों को फायर ऑडिट कराने, शीतकालीन यातायात योजनाएं बनाए रखने, उपकरणों की मरम्मत सुनिश्चित करने, जल पाइपों की सुरक्षा करने तथा आईसेट वीसेट वीएचएफ जैसे संचार तंत्र को सुचारू रखने के निर्देश दिए गए। जिला प्रशासन को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, वायुसेना, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी के साथ समन्वय मजबूत करने की भी सलाह दी गई।
मुख्य सचिव ने आईईसी गतिविधियों, माॅक ड्रिल्स और एचपीएसडीएमए के डिजिटल प्लेटफाॅर्म के माध्यम से क्षति की समयबद्ध रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर दिया।
बैठक का समापन राज्य सरकार की आगामी शीतकालीन मौसम के लिए सुदृढ़ तैयारी तथा प्रदेशवासियों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) श्री कमलेश कुमार पंत, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, उपायुक्त, तथा आईएमडी, डीजीआरई, एनडीआरएफ, पीडब्लयूडी, जेएसवी, आईटीबीपी और अन्य महत्वपूर्ण एजेंसियों के प्रतिनिधि प्रत्यक्ष एवं वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों में श्री सी. पालरासु (सचिव कृषि एवं उद्यान), राघव शर्मा (निदेशक ग्रामीण विकास), सुश्री अंजू शर्मा (इंजीनियर-इन-चीफ, जल शक्ति विभाग), श्री आदित्य नेगी (एमडी, एचपीएसईबीएल), श्री गुरदेव शर्मा (डीआईजी, लॉ एंड ऑर्डर), डाॅ. निपुण जिंदल (एमडी, एचआरटीसी), श्री सतपाल धीमान (अतिरिक्त सचिव, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन), श्री डी.सी. राणा (निदेशक एवं विशेष सचिव राजस्व डीएमसी), ई. पंकज चड्ढा (डीएम, एचआरटीसी धर्मशाला), श्री सुनील कुमार (अतिरिक्त सचिव राजस्व डीएमसी), श्री विनोद शर्मा (असिस्टेंट कंट्रोलर एफएंडए) आदि शामिल थे।
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Bijender Sharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
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