मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 63वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की

मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 63वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की

अग्निशमन सेवाओं में महिलाओं को किया जाएगा शामिल

प्रदेश में शीघ्र होगी होम गार्ड की भर्ती

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला स्थित सरघीण में हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 63वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश गृह रक्षा, नागरिक सुरक्षा अग्निशमन सेवा तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि विभाग के कर्मचारियों का प्रदेश की सुरक्षा और निर्माण में उल्लेखनीय योगदान है।
उन्होंने कहा कि गृह रक्षा एवं अग्निशमन सेवाओं ने वर्षभर में 708 खोज एवं बचाव अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इन अभियानों में 448 लोगों की जान बचाई गई। यह विभाग की कार्यकुशलता का परिणाम है। विभाग की पेशेवर क्षमता व दक्षता से प्रदेश में दो हजार करोड़ की संपत्ति को नुकसान से बचाया गया है। गृह रक्षा विभाग ने एक हजार 35 स्थलों पर जल स्रोतों एवं जल निकायों का जीर्णोद्धार किया है, जो अत्यंत सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण को विशेष अधिमान दे रही है। सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से सकारात्मक बदलाव ला रही है। उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा, इसके दृष्टिगत भर्ती नियमों में जरूरी बदलाव किये जाएंगे। प्रदेश में होम गार्ड की भर्ती भी शीघ्र ही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अग्निशमन विभाग में चार नई अग्निशमन इकाइयां स्थापित की गई है, जिनमें देहा, उबादेश, नेरवा तथा इंदौरा शामिल हैं। इस वर्ष 27 अग्निशमन वाहनों की खरीद की गई है। इन इकाइयों के लिए 150 पद स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अग्निशमन आधुनिकीकरण योजना के तहत 55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। एसडीआरएफ की संचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए छह करोड़ रुपये के उन्नत उपकरणों की खरीद की गई है, जिनमें हवाई सर्वेक्षण, खोज और आपदा सम्भावित क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन शामिल हैं, इससे प्रतिक्रिया तैयारी और प्रयासों में सुधार हुआ है।
प्रदेश सरकार द्वारा होम गार्ड महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश प्रदान किया गया है। इस निर्णय से न केवल उन्हंे मातृत्व के समय आवश्यक सहयोग मिला है बल्कि उनके कार्यस्थल पर जॉब सेक्योरिटी भी सुनिश्चित हुई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नशा निवारण पर आधारित ''मिरेकल ऑफ मांइड एप'' भी लॉंच किया। इसे इशा फांउडेशन के सहयोग से विकसित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाली वाहनियों और कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया।
हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा द्वारा 'सुरक्षित हिमाचल' प्रदर्शन भी किया गया। इसमें अग्निशमन तथा खोज एवं बचाव मॉकड्रिल मुख्य आकर्षण रहे।
अतिरिक्त महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विभाग की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृह रक्षा एवं अग्निशमन द्वारा लगभग 11 हजार मॉक ड्रिल एवं तीन हजार जागरूकता शिविर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और दो लाख नागरिकों को प्रशिक्षित किया गया है।
डिप्टी कमांडेंट जनरल अरविंद पराशर ने आभार प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्याम भगत नेगी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी, विशेष सचिव सुदेश मोक्टा, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी और अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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