गुप्त नवरात्र का समापन





गुप्त नवरात्र का समापन मंदिर अधिकारी सुदेश नैयर व पुजारी सभा के सदस्यों ने विधिवत पूजा-अर्चना से किया गया। मंदिर के गर्भ गृह में हुए हवन-यज्ञ में मंदिर अधिकारी सुदेश नैयर,न्यास सदस्य संजीव सूद,शशिपाल चौधरी,त्रिलोक चौधरी,पूजारी सभा के प्रधान व न्यास सदस्य नंदीश्वर शर्मा,पंकज शर्मा सहित सभा के अन्य सदस्यों ने हवन-कुंड में पूर्ण आहुतिया डालकर नवरात्र का विधिवत समापन किया। मां ज्वाला का जन्मदिन पर ज्वालामुखी मंदिर को फूलों व लाईटों से सजाया गया। पंचकूला के एक श्रृद्वालु द्वारा शाम को मंदिर के प्रांगण में मां ज्वाला का गुणगान किया ,जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय ,लोगों, महिलाओं व श्रृद्वालुओं ने मां ज्वाला के गुणगान का आनंद लिया। पूर्ण आहुति के बाद मंदिर में दर्शनों के लिए पुजारी सभा द्वारा लंगर का भी आयोजन किया गया। नवरात्र के दौरान हजारों की संख्या से आए हुए श्रृद्वालुओं ने जिनमें से ज्यादातर पंजाब,राज्यस्थान व अन्य कई राज्यों से आए हुए यात्रियों ने मां ज्वाला की अखंड ज्योति के दर्शन किए।

उधर दूसरी और शुरू हो रहे श्रावण अष्टमी के नवरात्रों की तैयारियां भी पूरे जोर से शुरू हो चुकी है। श्रावण अष्टमी के नवरात्रों के शुरू होने से पहले ही मंदिर में श्रृद्वालुओ की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। जिसके चलते ही मंदिर अधिकारी सुदेश नैयर ने श्रृद्वालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए कड़े इंतजाम किए हुए है। उन्होंने 50 से ज्यादा सफाई कर्मचारी व 100 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को अलग-अलग स्थानों पर खड़ा करने का निर्णय लिया है। इससे अतिरिक्त उन्होंने मंदिरों के द्वारों व डोर मैटल डिटैक्टिव का भी कड़ा इंतजाम किया हुआ है। इससे अतिरिक्त

ट्रैफिक व्यवस्था,श्रृद्वालुओं के खाने-पीने से लेकर निशुल्क दवाईयों तक के भी कड़े इंतजाम किए गए है। मंदिर अधिकारी सुदेश नैयर ने बताया है कि मंदिर में नारियल व ढोल नगाड़ों का प्रवेश वर्जित है।


करते हो तुम … मेरा नाम हो रहा है
ज्वालामुखी: करते हो तुम मेरा नाम हो रहा है,प्रसिद्ध भजन की यह पंक्तियां ज्वालामुखी मंदिर प्रशासन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि वर्ष भर विश्व प्रसिद्ध शक्तितपीठ श्री ज्वालामुखी मे धार्मिक आयोजन, नवरात्रेव अनुष्ठान,भजन संध्या आदि मां के दरबार मे परम्पराअनुसार होते है। लेकिन मंदिर प्रशासन का एक भी पैसा इस आयोजनो मे खर्च नही होता। मंदिर न्यास के इन आयोजन को देखने आते पूरे विश्व से श्रद्धालुओ को मां के दरबार मे फूलो की सजावट आधुनिक लाईटस की चकाचौध मंदिर प्रशासन की इस व्यवस्था को देखकर दगं रह जाते है। लेकिन यह चकाचौध व फूलो की सजावट व भजन संध्या जैसे आयोजन श्रद्धालु अपनी ओर से करवाते है जिसमे मंदिर प्रशासन का कोई योगदान नही होता है जिसका सारा श्रेय मंदिर मुफ्त मे ही ले जाता है। गुप्त नवरात्रो मे भी करवाई गई सारी साज सज्जा श्रद्धालुओ ने ही करवाई थी।

प्रश्न यह उठता है कि करोडो लोगो की आस्था के इस केन्द्र में मंदिर प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था ना करना कहीं ना कही खलता है। मंदिर अधिकारी सुदेश नैयर ने बताया की लाईटो की व्यवस्था व भजन संध्या ,फूलो की सजावट श्रद्धालुओ ने करवाई है और पुजारी सभा विशाल भण्डारे का आयोजन हर वर्ष की तरह

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