निर्माण कार्यों की स्वीकृति के लिए गठित होगी सिंगल अम्ब्रेला कमेटी

निर्माण कार्यों की स्वीकृति के लिए गठित होगी सिंगल अम्ब्रेला कमेटी
शिमला से खास रिपोर्ट
शिमला नगर निगम क्षेत्र के अ्रतर्गत निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान करने के लिए एक सिंगल अम्ब्रेला कमेटी गठित की जाएगी ताकि प्रदेश की राजधानी में सुनियोजित निर्माण कार्य सुनिश्चित हो सके तथा लोगों को नङ्कशे स्वीकृत करवाने की जटिल प्रक्रिया से भी छुटकारा मिले। मंत्रिमंडल उपसमिति की आज यहां आयोजित बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक की अध्यक्षता राजस्व मंत्री ठाकुर गुलाब सिंह ने की।ठाकुर गुलाब सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल उपसमिति ने धरोहर सलाहकार समिति के गठन का प्रस्ताव भी रखा है ताकि निर्माण कार्यों और नङ्कशों की स्वीकृति के मामलों पर विचार के उपरा्रत उ्रहें अ्रितम स्वीकृति के लिए सिंगल अम्ब्रेला कमेटी को भेजा जा सके। इस समिति की बैठक महीने में कम से कम एक बार होगी तथा यह मामलों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित बनाएगी। यह निर्णय भी लिया गया कि नगर निगम क्षेत्र में नङ्कशों की स्वीकृति की सम्पूर्ण प्रक्रिया सिंगल अम्ब्रेला कमेटी के अधिकार क्षेत्र में होगी।उ्रहोंने कहा कि धरोहर सलाहकार समिति की अध्यक्षता नगर नियोजन विभाग के निदेशक करेंगे जबकि प्रतिष्ठित वास्तुकार, शहरी प्रारूप वास्तुकार और इतिहासविद्‌ इसके सदस्य होंगे। उ्रहोंने कहा कि शिमला के वैभव को बनाए रखने के उद्‌देश्य से यह कदम उठाया गया है।राजस्व मंत्री ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र से बाहर गृह निर्माण के नङ्कशे सूचीबद्ध वास्तुकार स्वीकृत करेंगे। इसके लिए नगर नियोजन विभाग के साथ वास्तुकार पंजीकृत होंगे ज्रिहें नङ्कशे स्वीकृत करने के लिए अधिकृत किया जाएगा। आवेदक को इसके उपरा्रत अपना मामला विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के समक्ष रखना होगा। साडा को आवेदक द्बारा प्रस्तुत की गई सूचना की समीक्षा का अधिकार होगा।ठाकुर गुलाब सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल उपसमिति ने निर्णय लिया है कि नगर नियोजन विभाग अब भवन योजना की स्वीकृति नहीं देगा ङ्कयोंकि इसकी शङ्कित शहरी स्थानीय निकायों को सौंपी गई है। उ्रहोंने कहा कि नगर नियोजन विभाग प्रदेश के योजनाबद्ब विकास के लिए अनुश्रवण एवं निरीक्षण एजैंसी के रूप में कार्य करेगा।राजस्व मंत्री ने कहा कि कमेटी ने प्रस्तावित किया है कि विकास द्घनत्व को मापने के लिए सैटबैक के साथ फ्‌लोर एरिया रेशो मुख्य साधन होगा। उ्रहोंने कहा कि अवैध निर्माण के मामलों में उपसमिति ने प्रस्ताव दिया है कि ऐसे मामलों में मिलने वाले सभी आवेदन वर्तमान योजना स्वीकृति शुल्क से दस गुणा अधिक शुल्क की अदायगी के उपरा्रत स्वीकृत किए जाएंगे। उ्रहोंने कहा कि विनियमन पर खरे उतरने वाले तथा निर्धारित शुल्क जमा करवाने पर इन भवनों को नियमित किया जाएगा।मंत्रिमण्डल उपसमिति के सदस्य बागवानी मंत्री श्री नरे्रद्र बरागटा, स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव ब्रिदल, परिवहन एवं शहरी विकास मंत्री श्री महे्रद्र सिंह ने भी बैठक में अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।मंत्रिमण्डल उपसमिति के सुझावों को स्वीकृति के लिए मंत्रिमण्डल के समक्ष रखा जाएगा।

प्रधान सचिव, नगर नियोजन श्री दीपक सानन ने बैठक की कार्यावाही का संचालन किया।

नगर नियोजन विभाग की निदेशक श्रीमती पूर्णिमा चौहान, राज्य योजनाकार श्री ए.एन गौतम और अ्रय वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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