

हमारे शिमला प्रितिनिधि की खास रिपोर्ट
शिमला ----हिमाचल परदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने जिला शिमला के ठियोग के समीप पराला में राज्य के सबसे बड़े कृषि विपणन यार्ड की आधारशिला रखी। इस कृषि विपणन यार्ड के निर्माण पर लगभग 100 करोड़ रुपये व्यय होंगे और यह यार्ड 20 एकड़ भूमि पर निर्मित होगा। इस यार्ड के निर्माण से शिमला, किन्नौर, कुल्लू, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों के फल उत्पादकों को आधुनिक विपणन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
आधारशिला रखने के उपरांत एक विशाल जनसभा को संबोधित हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के इस सबसे बड़े कृषि विपणन यार्ड तक 86.5 कि.मी. लंबी समर्पित बागवानी सड़क का निर्माण किया जाएगा। छैला-नेरी पुल-ओछघाट-कुमारहट्टी सड़क के निर्माण पर लगभग 100 करोड़ रुपये व्यय होंगे। यह मार्ग जिला सोलन के कुमारहट्टी के समीप राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सड़क को चौड़ा किया जाएगा और यहां 7 डबल लेन पुल निर्मित किए जाएंगे, ताकि क्षेत्र के किसानों को सभी सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने पराला विपणन यार्ड के निर्माण को प्राथमिकता के आधार पर आरंभ करने के लिए 20 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की।
प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य सरकार उत्पादकों की व्यापार संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए कृषि विपणन यार्डों का मजबूत नेटवर्क सृजित करेगी। उन्होंने कहा कि सोलन स्थित विपणन यार्ड में वर्तमान सीज़न में 200 करोड़ रुपये का रिकार्ड व्यापार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सेब उत्पादक क्षेत्रों में ग्रेडिंग तथा पैकिंग सुविधा के निर्माण के लिए समुचित बजट प्रावधान किया गया है। भलखु सड़क को भी स्तरोन्नत कर सुधारा जाएगा, ताकि इसे वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग में लाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष में 7.50 करोड़ रुपये की लागत से जिला कुल्लू के बंदरोल में, जिला बिलासपुर के घुमारवीं में, जिला मण्डी के करसोग में और जिला सिरमौर के हरिपुरधार में आधुनिक कृषि यार्डों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 9.45 करोड़ रुपये व्यय कर जिला हमीरपुर के जाहु में, जिला कुल्लू के निरमंड में, जिला शिमला के खड़ा पत्थर में, जिला कांगड़ा के धर्मशाला में और जिला मंडी के जोगिन्द्रनगर में निर्माणाधीन विपणन यार्डों का कार्य पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि राज्य में 25 विभिन्न स्थानों पर एकत्रिकरण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि फल उत्पादकों को ग्रेडिंग एवं पैकिंग सुविधाएं प्रदान की जा सकें। इन सभी केन्द्रों का प्रबन्धन स्थानीय ग्राम स्तरीय समितियों द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र का मूल्यवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है तथा इस क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 1200 करोड़ रुपये की योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 11 लाख मीट्रिक टन फल उत्पादन तथा 8 लाख मीट्रिक टन सब्जी उत्पादन किया जा रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने 10 मुख्य तथा 38 अन्य विपणन यार्डों का मजबूत नेटवर्क तैयार किया है, ताकि किसान एवं बागवान अपने उत्पादों को अच्छे दामों पर बेच सकें। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों एवं उपमण्डलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जनता मंडी के लिए समुचित प्रबन्ध करें, ताकि किसानों को स्थानीय स्तर पर ही अपने उत्पाद बेचने के लिए मंच उपलब्ध हो सके। कृषि क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार की असीमित संभावनाएं हैं तथा यह क्षेत्र शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए उनके घर-द्वार के समीप रोजगार एवं स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्रदान कर सकता है।
धूमल ने कहा कि पराला में प्रस्तावित विपणन यार्ड का निर्माण 3 चरणों में किया जाएगा, जहां 2 लाख मीट्रिक टन फल तथा 1.5 लाख मीट्रिक टन सब्जियों के विपणन की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में नीलामी हाल, ग्रेडिंग एवं पैंकिंग लाइन, लोडिंग तथा अनलोडिंग प्लेटफार्म, प्रशासनिक खंड एवं बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करवायी जाएंगी। इसके अतिरिक्त बीज, खाद, पौध सुरक्षा सामग्री, कृषि उपकरण, उपकरण मुरम्मत कार्यशाला इत्यादि से किसानों की आवश्यकताएं भी पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि इस यार्ड की मुख्य विशेषता शीघ्र खराब होने वाली खाद्य वस्तुओं का प्रबन्धन एवं निपटान होगा। यहां पैंकिंग की समुचित सुविधा और जैविक खाद की उपलब्धता भी सुनिश्चित बनाई जाएगी तथा सर्कुलर मार्ग का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में व्यापारियों के लिए दुकानें तथा भण्डारण गृह तथा अंतिम चरण में कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाओं के निर्माण के साथ-साथ फल उत्पादकों तथा व्यापारियों के लिए विश्राम गृह का निर्माण, शीत भण्डारण व्यवस्था और फलों को पकाने के लिए राइपनिंग चैम्बर निर्मित किए जाएंगे।
