36 सालों में 36 किलोमीटर रेल लाईन ही बन पाई

36 सालों में 36 किलोमीटर रेल लाईन ही बन पाई
ज्वालामुखी दिसंबर (बिजेन्दर) । हिमाचल प्रदेश को ब्राडगेज लाईन से जोडऩे की बात हो रही हे। लेकिन जिस तरीके से रेल विस्तार पर हिमाचल में काम हो रहा है। उससे तो लेह तक रेल पÞंचने की बात तो दूर लेकिन मौजूदा नेरो गेज को ही बदलना आसान नहीं है। नंगल तलवाड़ा लाईन पर तो काम मंद गति से चल रहा है। उसे देख कर लगता है कि यह काम तीन दशकों बाद पूरा होगा। इस रेल विस्तार परियोजना पर 36 साल पहले काम शुरू Þआ था। विडंबना है कि 36 सालों में 36 किलोमीटर रेल लाईन ही बन पाई। यानि हर साल में एक किलो मीटर। इस मामले पर रेल मंत्रालय व सरकार आपस में उलझे रहे व दोष एक दूसरे पर थोपते रहे। चूंकि पहले हिमाचल सरकार को जमीन देनी थी । बाद में सरकार अपनी बात पर से पीछे हट गई व कहा गया कि रेलवे सीधे ही जमीन मालिकों से जमीन ले। यही एक वजह थी जिससे सारा मामला उलझता गया। वहीं हिमाचल के हिस्से भी रेल बजट का छोटा हिस्सा आता रहा। रेलवे ने ऊना जिला के अंब तक जमीन हस्तांतरण कर लिया है। यह लाईन तलवाड़ा तक जानी है। लेकिन मुआवजे के करीब 400 केस अभी भी अदालतों में हैं। माना जा रहा है कि अगले साल तक अंब तक रेल लाईन बिछाने का काम पूरा हो जायेगा। लेकिन अंब से तलवाड़ा तक जमीन हंस्तातरण का काम बÞत ही धीमी गति से चल रहा है। यह चालीस किलोमीटर का फासला है। नंगल ऊना तलवाड़ा रेल लाईन हिमाचल की आथर््िाकी में बेहतर तरीके से सहायक सिद्घ हो सकती हैं।

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