हिमाचल परदेश में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीती में मौजदा अधयक्ष ठाकुर कौल सिंह को कमजोर किया जा रहा है हाल ही में स्थानीय शहरी निकायों के चुनावों में पार्टी टिकट आवंटन के मामले में कौल सिंह अपने लोगों को ही टिकेट नहीं दिलवा पाए पार्टी में आज आशा कुमारी नई ताकत के रूप में उभर कर सामने आ रहीं हैं आशा तो आब कहने भी लगीं हैं की हिमाचल में कांग्रेस कौल सिंह नहीं में चला रही हूँ
स्थानीय शहरी निकायों के चुनावों में पार्टी टिकट आवंटन में भले ही केंद्रीय इस्पात मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खामोश रहे हों लेकिन पार्टी अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने परोक्ष तौर पर उनसे नजदीकियां बढ़ाने का प्रयास किया है। पार्टी टिकट आबंटन में कौल सिंह ने वीरभद्र सिंह समर्थकों का लगभग हर जगह ध्यान रखा और खासकर उनके विरोधियों को तरजीह देने से परहेज किया। ऐसे में अब कांग्रेसियों की नजर अब तक खामोश रहे केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह पर टिक गई हैं और खासकर कौल सिंह समर्थकों को उम्मीद है कि पंचायत और स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव में वीरभद्र सिंह अहम भूमिका निभाकर कांग्रेस को मजबूती देंगे।
केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह के गृह क्षेत्र रामपुर में वीरभद्र सिंह के सबसे प्रबल विरोधियों में से एक सिंघी राम को टिकट आवंटन में कौल सिंह ने पूरी तरह से नजरअंदाज किया और वीरभद्र सिंह के विश्वासपात्र दीपक सूद को टिकट से नवाजा। यही नहीं उपाध्यक्ष और वार्ड उम्मीदवारों में भी पूरी तरह से वीरभद्र सिंह के समर्थकों को ही तरजीह मिली। इसी तरह रोहड़ू नगर परिषद में भी कौल सिंह ने सुरेंद्र बेक्टा को प्रधान ओर नवजोत कालटा को उपाध्यक्ष का टिकट थमा कर वीरभद्र सिंह को परोक्ष तौर पर खुश करने का प्रयास किया। यही नहीं सोलन नगर परिषद उपाध्यक्ष पद पर उन्होंने वीरभद्र सिंह के खासमखास रेणू सेठी को टिकट थमाकर यह जता दिया कि वीरभद्र सिंह की पार्टी में कितनी पैठ है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसी तरह के अनेक उदाहरण ऐसे हैं जहां वीरभद्र सिंह के बिना दखल दिए कौल सिंह ठाकुर ने उनके लोगों को टिकट आवंटन में तरजीह दी। ऐसे में विशेष कर टिकट आवंटन में कौल सिंह ठाकुर सोलन और चंबा में नगर परिषद प्रधान के पद पर विवाद को छोड़कर अन्य सभी स्थानों पर विवादों से लगभग बच निकले हैं। यही नहीं उन्होंने वीरभद्र सिंह के सत महाजन जैसे समर्थकों के चहेतों का भी पूरा ख्याल रखा और उन्हें टिकट थमाने में कोई आनाकानी नहीं की। पार्टी सूत्रों के अनुसार कौल सिंह ठाकुर इसलिए भी वीरभद्र सिंह के प्रति अब नरमी दिखा रहे हैं क्योंकि वीरभद्र सिंह से पंगा लेकर वह रोहड़ू उपचुनाव में अपने हाथ जला चुके हैं और अब जबकि उन्हें दूसरी बार प्रदेश कांग्रेस की सरदारी मिली है ऐसे में वह इसका पूरा फायदा उठाकर आगामी विधानसभा चुनावों में अपने लिए अभी से ठोस जमीन तैयार करने की रणनीति पर चल रहे हैं।
बहरहाल वीरभद्र सिंह पंचायत और स्थानीय शहरी निकाय चुनावों के लिए चुनाव प्रचार की घंटी बजते ही प्रदेश में डेरा डालने के लिए पहुंच गए हैं। अब देखना है कि वह आने वाले दिनों में वह पार्टी के पक्ष में हवा बनाने के लिए कितनी सक्रियता दिखाते हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसी तरह के अनेक उदाहरण ऐसे हैं जहां वीरभद्र सिंह के बिना दखल दिए कौल सिंह ठाकुर ने उनके लोगों को टिकट आवंटन में तरजीह दी। ऐसे में विशेष कर टिकट आवंटन में कौल सिंह ठाकुर सोलन और चंबा में नगर परिषद प्रधान के पद पर विवाद को छोड़कर अन्य सभी स्थानों पर विवादों से लगभग बच निकले हैं। यही नहीं उन्होंने वीरभद्र सिंह के सत महाजन जैसे समर्थकों के चहेतों का भी पूरा ख्याल रखा और उन्हें टिकट थमाने में कोई आनाकानी नहीं की। पार्टी सूत्रों के अनुसार कौल सिंह ठाकुर इसलिए भी वीरभद्र सिंह के प्रति अब नरमी दिखा रहे हैं क्योंकि वीरभद्र सिंह से पंगा लेकर वह रोहड़ू उपचुनाव में अपने हाथ जला चुके हैं और अब जबकि उन्हें दूसरी बार प्रदेश कांग्रेस की सरदारी मिली है ऐसे में वह इसका पूरा फायदा उठाकर आगामी विधानसभा चुनावों में अपने लिए अभी से ठोस जमीन तैयार करने की रणनीति पर चल रहे हैं।
बहरहाल वीरभद्र सिंह पंचायत और स्थानीय शहरी निकाय चुनावों के लिए चुनाव प्रचार की घंटी बजते ही प्रदेश में डेरा डालने के लिए पहुंच गए हैं। अब देखना है कि वह आने वाले दिनों में वह पार्टी के पक्ष में हवा बनाने के लिए कितनी सक्रियता दिखाते हैं।