राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में आज यहां स्पष्ट किया कि यह समाचार तथ्यों पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दिहाड़ीदारों और अंशकालिक कर्मचारियों को संशोधित दिहाड़ी देने के आदेश राज्य सरकार द्वारा 7 सितम्बर, 2010 को जारी किए गए थे, न कि 29 नवम्बर, 2010 को, जैसा कि समाचारों में उल्लेखित है। संशोधित दिहाड़ी के आदेशों को 1 अक्तूबर, 2010 से कार्यान्वित किया जाना था।
प्रवक्ता ने कहा कि 29 नवम्बर, 2010 को जो अधिसूचना जारी की गई है, वह निजी क्षेत्र में संशोधित दिहाड़ी को लागू करने के संबंध में मांगी गई आपत्तियों और सुझावों के बारे में है, जो कि अनिवार्य है। प्रकाशित समाचार में इस अधिसूचना को दिहाड़ी बढ़ाने के संबंध में जारी आदेश मान लिया गया है, जिससे लोगों के बीच भ्रांति उत्पन्न हो रही है।
प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि कामगारों की दिहाड़ी बढ़ाने के संबंध में आदेश 7 सितम्बर, 2010 को जारी किए गए थे, न कि 29 नवम्बर, 2010 को ।