कौल सिंह के सामने भिड गये ज्वालामुखी के कांग्रेसी,नरदेव कंवर के साथ हाथापाई।
ज्वालामुखी 29 दिसंबर (बिजेन्दर शर्मा) । ज्वालामुखी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर कोैल सिंह को उस समय विचित्र परिस्थतयों से जूझना पडा जब स्थानीय कांग्रेस के दो नेताओं के लोगों में हाथापाई की नौबत आ गई। कौल सिंह आज यहां पंचायती राज चुनावों के सिलसिले में कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने आये थे। लेकिन गुटों में बंटी कांग्रेस के नेताओं को इससे पहले कोई एकता का पाठ पढाते उससे पहले ही बीच बाजार कांग्रेस बदनाम हो गई। दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुप्रसिद्घ शक्तिपीठ ज्वालामुखी में दर्शनों के बाद वापिस पालमपुर रवाना होने लगे तो बस अड्डे के पास एन एस यू आई के कार्यकता्रओं के साथ कांग्रेस में हाल ही में वापिस लौटे संजय रतन उनसे मिलने आ गये। इससे पहले की कोई बात आगे होती। संजय के समर्थकों ने उनके हक में नारे लगाने शुरू कर दियेलेकिन इससे पहले कोई कुछ समझ पाता कुछ युवाओं ने नरदेव कंवर से हाथापाई करनी शुरू कर दी। महौल बिगडता देख ठाकुर कौल सिंह भी अपनी गाडी की ओर खिसक लिये। व पालमपुर रवाना हो गये। दोनों गुटों में खूब कहासुनी होती रही।काबिलेगौर है कि ज्वालामुखी कांग्रेस दो गुटों में बंटी है। एक गुट कौल सिंह समर्थक नरदेव कंवर का है तो दूसरा संजय रतन का है। संजय को वीरभद्र सिंह का करीबी माना जाता है। व पिछली बार उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर चुना लडा व उन्हें कांग्रेस से निकाल दिया गया। लेकिन हाल ही में कांग्रेस में उनकी वापिसी हुई है। इन दिनों दोनों गुटों में वर्चस्व की जंग चल रही है। संगठन चुनावों का फैसला विवाद के चलते होना बाकी है। यही वजह है कि दोनों गुट मरने मारने को तैयार बैठे हैं।
ज्वालामुखी 29 दिसंबर (बिजेन्दर शर्मा) । ज्वालामुखी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर कोैल सिंह को उस समय विचित्र परिस्थतयों से जूझना पडा जब स्थानीय कांग्रेस के दो नेताओं के लोगों में हाथापाई की नौबत आ गई। कौल सिंह आज यहां पंचायती राज चुनावों के सिलसिले में कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने आये थे। लेकिन गुटों में बंटी कांग्रेस के नेताओं को इससे पहले कोई एकता का पाठ पढाते उससे पहले ही बीच बाजार कांग्रेस बदनाम हो गई। दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुप्रसिद्घ शक्तिपीठ ज्वालामुखी में दर्शनों के बाद वापिस पालमपुर रवाना होने लगे तो बस अड्डे के पास एन एस यू आई के कार्यकता्रओं के साथ कांग्रेस में हाल ही में वापिस लौटे संजय रतन उनसे मिलने आ गये। इससे पहले की कोई बात आगे होती। संजय के समर्थकों ने उनके हक में नारे लगाने शुरू कर दियेलेकिन इससे पहले कोई कुछ समझ पाता कुछ युवाओं ने नरदेव कंवर से हाथापाई करनी शुरू कर दी। महौल बिगडता देख ठाकुर कौल सिंह भी अपनी गाडी की ओर खिसक लिये। व पालमपुर रवाना हो गये। दोनों गुटों में खूब कहासुनी होती रही।काबिलेगौर है कि ज्वालामुखी कांग्रेस दो गुटों में बंटी है। एक गुट कौल सिंह समर्थक नरदेव कंवर का है तो दूसरा संजय रतन का है। संजय को वीरभद्र सिंह का करीबी माना जाता है। व पिछली बार उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर चुना लडा व उन्हें कांग्रेस से निकाल दिया गया। लेकिन हाल ही में कांग्रेस में उनकी वापिसी हुई है। इन दिनों दोनों गुटों में वर्चस्व की जंग चल रही है। संगठन चुनावों का फैसला विवाद के चलते होना बाकी है। यही वजह है कि दोनों गुट मरने मारने को तैयार बैठे हैं।