ज्वालामुखी में इन दिनों बढ़ती गन्दगी से लोग परेशान
ज्वालामुखी 22 दिसंबर (बिजेन्दर) । धार्मिक नगरी ज्वालामुखी में इन दिनों बढ़ती गन्दगी से लोग परेशान हैं । सबसे बदतर हालात बस अड्डïे के हैं जहां कूढ़े के ढ़ेर लगे रहते हैं । यही नगर पंचायत की कार्यकुशलता का जीता जागता प्रमाण है । नगर में सफाई कर्मियों का भी टोटा है । जिससे हालात बिगड़ रहे हैं दलील दी जा रही है कि नगर पंचायत को सफाई व्यवस्था को ठेके पर दे देना चाहिए । कई जगह तो पैदल चलना भी मुशिकल हो जाता है । यही नहीं अवारा पशु इस मामले में और मुशिकले बढ़ाते हैं । नगर में सफाई व्यवस्था चरमरा चुकी है । बड़ी तादाद में यहां आ रहे श्रद्घालुओं के बावजूद नगर को साफ सुथरा रखने के प्रयासों पर राजनीति हावी होती नजर आ रही है । हांलाकि नगर पंचायत के अपने दो दर्जन नियमित लोग हैं । लेकिन इन दिनों नगर के हालात ऐसे नहीं कि जिससे लगे कि सफाई के मोर्चें पर इतने लोग तैंनात हैं । ताज्जुब की बात है कि नगर पंचायत के नियमित सफाई कर्मी काम पर दिखाई नहीं दे रहें । नगर में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि लोग बारिश के लिए दुआए मांग रहे हैं । नगर में जहां तहां कूढ़े के ढ़ेर लगे हैं । सडक़ों, गलियों में चलना फिरना मुशिकल हो रहा है । सार्वजनिक शौचालयों का नितान्त अभाव है । यही हाल कचरा प्रबंधन का है । नगर में कहीं भी कूढ़ा कचरा ठिकाने लगाने के लिए कोई इन्तजाम नहीं है । जिससे जहां तहां कूढ़े के ढ़ेर लगा दिए जाते हैं । इसमें आवारा पशु हालात को ओर बिगाड़ देते हैं यही नहीं लोग जहां जगह मिले वहीं शौच व लघुशंका का निवारण कर देते हैं । प्रशासन के दावों के विपरीत नगर के हालात बिगड़ रहे हैं । व लोग गन्दगी से परेशान हैं ।
ज्वालामुखी 22 दिसंबर (बिजेन्दर) । धार्मिक नगरी ज्वालामुखी में इन दिनों बढ़ती गन्दगी से लोग परेशान हैं । सबसे बदतर हालात बस अड्डïे के हैं जहां कूढ़े के ढ़ेर लगे रहते हैं । यही नगर पंचायत की कार्यकुशलता का जीता जागता प्रमाण है । नगर में सफाई कर्मियों का भी टोटा है । जिससे हालात बिगड़ रहे हैं दलील दी जा रही है कि नगर पंचायत को सफाई व्यवस्था को ठेके पर दे देना चाहिए । कई जगह तो पैदल चलना भी मुशिकल हो जाता है । यही नहीं अवारा पशु इस मामले में और मुशिकले बढ़ाते हैं । नगर में सफाई व्यवस्था चरमरा चुकी है । बड़ी तादाद में यहां आ रहे श्रद्घालुओं के बावजूद नगर को साफ सुथरा रखने के प्रयासों पर राजनीति हावी होती नजर आ रही है । हांलाकि नगर पंचायत के अपने दो दर्जन नियमित लोग हैं । लेकिन इन दिनों नगर के हालात ऐसे नहीं कि जिससे लगे कि सफाई के मोर्चें पर इतने लोग तैंनात हैं । ताज्जुब की बात है कि नगर पंचायत के नियमित सफाई कर्मी काम पर दिखाई नहीं दे रहें । नगर में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि लोग बारिश के लिए दुआए मांग रहे हैं । नगर में जहां तहां कूढ़े के ढ़ेर लगे हैं । सडक़ों, गलियों में चलना फिरना मुशिकल हो रहा है । सार्वजनिक शौचालयों का नितान्त अभाव है । यही हाल कचरा प्रबंधन का है । नगर में कहीं भी कूढ़ा कचरा ठिकाने लगाने के लिए कोई इन्तजाम नहीं है । जिससे जहां तहां कूढ़े के ढ़ेर लगा दिए जाते हैं । इसमें आवारा पशु हालात को ओर बिगाड़ देते हैं यही नहीं लोग जहां जगह मिले वहीं शौच व लघुशंका का निवारण कर देते हैं । प्रशासन के दावों के विपरीत नगर के हालात बिगड़ रहे हैं । व लोग गन्दगी से परेशान हैं ।